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समझें VIP-VVIP सुरक्षा का गणित, जानें किसे दी जाती है कौन सी सिक्योरिटी

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Security Categories in India: आपने कई बार X, Y या Z कैटेगरी की सिक्योरिटी के बारे में सुना होगा।

भारत में कुछ चुनिंदा लोगों को खास तरह की सिक्‍योरिटी प्रोवाइड कराई जाती है।

लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह की सिक्योरिटी भारत में किसे और क्यों दी जाती है?

इसका निर्धारण कौन करता है और आखिर ये सिक्योरिटी कितने प्रकार की होती है? आईए जानते हैं –

भारत में सिक्योरिटी के प्रकार

हमारे देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, भारतीय सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुख, राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री सहित कई अभिनेताओं और उद्योगपतियों को सिक्‍योरिटी प्रोवाइड कराई जाती है।

लेकिन, यह इन्हीं तक सीमित नहीं रहती है, इसमें कई अन्य वीआईपी शामिल होते हैं।

पुलिस और स्थानीय सरकार द्वारा कुछ उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को सुरक्षा विवरण प्रदान किए जाते हैं।

ये व्यक्ति को मिली धमकी और खतरे की आशंका पर निर्भर करता है।

भारत देश में सिक्‍योरिटी को 6 कैटेगरी में बांटा गया है –

  1. SPG
  2. Z+ (उच्चतम स्तर)
  3. Z सिक्योरिटी
  4. Y सिक्योरिटी
  5. Y + सिक्योरिटी
  6. X सिक्योरिटी

किसे दी जाती है सिक्‍योरिटी?

देश के सम्मानित लोगों और पॉलिटिशियंस को जान का खतरा है तो उसे इनमें से कोई एक सिक्‍योरिटी दी जाएगी।

ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाले सिक्‍योरिटी से अलग होती है।

SECURITY LEVEL
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इस तरह की सिक्‍योरिटी पाने के लिए सबसे पहले सरकार को एप्‍लिकेशन देना होता है।

फिर सुरक्षा एजेंसी होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती है।

खतरा किस लेवल का है, उस आधार पर सिक्‍योरिटी दी जाती है।

होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाएगी।

कौन देता है सिक्योरिटी ?

पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं।

इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ शामिल हैं।

हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा एनएसजी के कंधों पर ही होता है।

क्‍यों दी जाती है ये सुरक्षा?

खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के VVIP और अन्य क्षेत्रों के लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है।

SECURITY LEVEL
SECURITY LEVEL

सिक्‍योरिटी यानी सुरक्षा को कई कैटेगरी में बांटा गया है।

जिस व्‍यक्ति पर जिस तरह का खतरा होता है, उसे उस हिसाब से सिक्‍योरिटी प्रोवाइड किया जाता है।

VIP को सुरक्षा का अधिकार कैसे मिलता है?

अगर VIP को कोई खतरा है तो सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है।

खतरे का सामना करने वाला व्यक्ति अपने निवास के निकटतम पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर करता है।

फिर, व्यक्ति को होने वाले खतरे का पता लगाने के लिए मामले को खुफिया एजेंसियों के पास भेज दिया जाता है।

SECURITY LEVEL
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जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तो राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति तय करती है कि उस व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी है।

इसके बाद व्यक्ति का विवरण औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है।

VIP की सुरक्षा के लिए कौन सी एजेंसियां जिम्मेदार हैं?

SPG (विशेष सुरक्षा समूह), NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) जैसी विभिन्न एजेंसियां VIP’s को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होती हैं।

‘Z+’ श्रेणी की सुरक्षा अतिविशिष्ट व्यक्तियों/नेताओं/खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों को प्रदान की जाती है।

NSG बड़े पैमाने पर VIP और VVIP को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करती है।

SECURITY LEVEL
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कई NSG कमांडो स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के तहत भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा करते हैं।

NSG देश का सबसे उन्नत सुरक्षा बल है जो उच्च खतरे की आशंका वाले व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है।

लेकिन, पिछले कई सालों में ज़ेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा चाहने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है।

जिसके चलते NSG का बोझ कम करने के लिए CISF कर्मियों को भी शामिल किया गया है।

किन-किन बड़ी हस्तियों को मिली है सरकार द्वारा सुरक्षा?

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, आमिर खान, अक्षय कुमार और अनुपम खेर के पास X सिक्योरिटी है।

बता दें कि शाहरुख की सुरक्षा के लिए पहले सिर्फ दो पुलिस कांस्टेबल तैनात थे।

लेकिन हाल ही में, राज्य के गृह विभाग ने आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विभागों को एक पत्र जारी किया कि अभिनेता की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

वहीं सलमान खान को भी Y+ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।

SECURITY LEVEL
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और BCCI के पूर्व अध्यक्ष रह चुके सौरव गांगुली की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, गांगुली को अब Z कैटगरी की सुरक्षा मिली हुई है।

सुरक्षा अपग्रेड करने का फैसला पश्च‍िम बंगाल की सरकार ने किया था, इससे पहले गांगुली के पास Y केटेगरी की सुरक्षा थी।

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई थी, इसे अब Z+ कर दिया गया है।

अंबानी को ये सिक्योरिटी खुफिया एजेंसियों के तरफ से उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई है।

यह कैसे करती हैं काम?

क्या आप जानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति Z+ श्रेणी की सुरक्षा का हकदार है तो उसे पूरे देश में सुरक्षा मिलेगी?

इसके लिए एक तंत्र है, जैसा कि Z+ श्रेणी की सुरक्षा में सुरक्षा एजेंसियों NSG या CISF को तैनात किया जाता है।

लेकिन, जब कोई व्यक्ति राज्य से बाहर जाता है, तो उसके साथ कुछ कमांडो ही जाते हैं।

बाकी की सुरक्षा प्रदान करना उस राज्य विशेष की जिम्मेदारी होती है।

लेकिन, इसके लिए VIP को राज्य के दौरे की पूर्व सूचना देनी होती है।

इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था कभी उजागर नहीं की जाती है।

आईए जानतें हैं इन सुरक्षा कैटेगरी के बारे में विस्तार से –

1 – X कैटेगरी की सिक्‍योरिटी: इस कैटेगरी में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है।

यह सबसे छोटे लेवल की सिक्‍योरिटी होती है।

जिसमें कोई कमांडो नहीं बल्कि केवल सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।

भारत में काफी संख्या में लोगों को इस श्रेणी की सुरक्षा मिलती है।

2 – Y कैटेगरी की सिक्‍योरिटी: इस कैटेगरी में 1 या 2 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 8 जवानों का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है।

इस कैटेगरी में भी कोई कमांडो नहीं होते हैं।

इसमें सुरक्षा के रूप में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) भी प्रदान किए जाते हैं।

भारत में इस श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है।

3 – Y+ कैटेगरी की सिक्‍योरिटी: इस कैटेगरी की सिक्‍योरिटी में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं।

इनमें 2-4 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है।

भारत में कई VIP लोगों को इस स्तर की सुरक्षा दी गई है।

उदाहरण के लिए, अभिनेत्री कंगना रनौत और द कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक रंजन अग्निहोत्री को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

4 – Z कैटेगरी की सुरक्षा: इस कैटेगरी की सुरक्षा में 4 से 6 NSG कमांडो समेत कुल 22 सिक्‍योरिटी गार्ड तैनात होते हैं।

जिसमें दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के कमांडो और स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।

Z सिक्योरिटी देश की तीसरी सबसे ऊंची सुरक्षा श्रेणी है।

बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

5 – Z+ कैटेगरी की सुरक्षा: स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद Z+ भारत की सर्वोच्च सिक्‍योरिटी कैटेगरी है।

इस कैटेगरी में 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।

इस सुरक्षा कवरेज में CRPF कमांडो के साथ कुल 55 कर्मी शामिल हैं, जो 24×7 सुरक्षा प्रदान करते हैं।

खुफिया सूचनाओं के आधार पर जरूरत महसूस होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (SNG) कमांडो के रूप में अतिरिक्त सुरक्षा भी दी जाती है।

सुरक्षा कवर में एक बुलेटप्रूफ वाहन और तीन शिफ्ट में एस्कॉर्ट भी शामिल होते हैं।

Z प्लस सुरक्षा बल के कमांडो को विशेषज्ञ मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का प्रशिक्षण मिलता है।

यह सुरक्षा कवर गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय वित्त मंत्री और अन्य को प्रदान किया गया है।

इसके साथ ही एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी को सरकार ने Z कैटेगरी की सुरक्षा दी है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, गौतम अडानी को जो सुरक्षा दी गई है, उसका खर्च वो खुद निर्वहन करते हैं।

6 – स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) सुरक्षा: यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर पर है।

ये देश की सबसे पेशेवर और लेटेस्‍ट सिक्‍योरिटी फोर्स में से एक है।

इसकी शुरुआत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी।

यह सुरक्षा प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री को दी जाती है।

SPG एक विशिष्ट बल है जिसका विवरण वर्गीकृत किया जाता है और केवल भारत के प्रधानमंत्री को प्रदान किया जाता है।

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत सरकार की एक एजेंसी है जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी भारत के प्रधानमंत्री और कुछ मामलों में उनके परिवार की सुरक्षा करना है।

इसका गठन 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था।

SPG भारत और विदेश में हर समय प्रधानमंत्री की सुरक्षा करती है, साथ ही प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों की भी सुरक्षा करती है।

हालांकि, परिवार के सदस्य सुरक्षा से इनकार कर सकते हैं।

पहले एसपीजी के जनादेश में प्रधानमंत्री के “माता-पिता, पत्नी (SIC) और बच्चों” को उनके कार्यकाल के दौरान और कार्यालय छोड़ने के पांच साल बाद तक भारत में कहीं भी रहने पर भी सुरक्षा शामिल थी।

हालांकि, विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) अधिनियम, 2019 ने इस तरह के जनादेश को कम कर दिया।

वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकमात्र एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं।

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