HomeTrending Newsकौन थे महान इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरैया, जिनकी याद में हर साल...

कौन थे महान इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरैया, जिनकी याद में हर साल मनाया जाता है इंजीनियर्स डे

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Engineers Day 2025: हर साल 15 सितंबर का दिन भारत में इंजीनियर्स डे के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।

यह दिन देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले इंजीनियरों के प्रति सम्मान और आभार जताने के लिए समर्पित है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह खास दिन 15 सितंबर को ही क्यों चुना गया?

आइए, जानते हैं इसका इतिहास, महत्व और इस साल की थीम के बारे में… 

15 सितंबर ही क्यों? कब से शुरु हुई परंपरा

इंजीनियर्स डे हर साल 15 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1861 में भारत के महान सिविल इंजीनियर, विद्वान और राजनेता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।

उनके देश के प्रति अतुल्य योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 1968 में आधिकारिक तौर पर उनकी जयंती को ‘इंजीनियर्स डे’ के रूप में मनाने का फैसला किया।

तब से लेकर आज तक, यह दिन पूरे देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और इंजीनियरों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

कौन थे सर एम. विश्वेश्वरैया

  • सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया, जिन्हें प्यार से सर एमवी भी कहा जाता है, का जन्म कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में हुआ था।
  • वह सिर्फ एक इंजीनियर ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन योजनाकार और प्रशासक भी थे।
  • उन्होंने पुणे के कॉलेज ऑफ साइंस से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर देश की सेवा में जुट गए।
  • उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की दक्षता से देश का नक्शा ही बदल दिया।
  • उनकी सबसे प्रसिद्ध उपलब्धि कर्नाटक का कृष्णराज सागर बांध (KRS Dam) है, जो उस समय एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक था।
  • हैदराबाद शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बनाई गई बाढ़ सुरक्षा प्रणाली भी उनकी ही देन है।
  • इसके अलावा, उन्होंने स्वचालित जलद्वार (Automatic Sluice Gates) का भी आविष्कार किया, जो दुनिया भर में मशहूर हुआ।
  • वह साल 1912 से 1918 तक मैसूर राज्य (अब कर्नाटक) के दीवान (प्रधानमंत्री) भी रहे।
  • इस दौरान उन्होंने शिक्षा, उद्योग और रेलवे के विकास पर खास ध्यान दिया।
  • देश की सेवा और तकनीकी योगदान के लिए उन्हें साल 1955 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा गया।

इंजीनियर्स डे 2025 की थीम: ‘Deep Tech Engineering’

हर साल की तरह, इस साल 2025 में भी इंजीनियर्स डे की एक खास थीम (विषय) रखी गई है।

इस साल की थीम है – “Deep Tech Engineering Excellence Driving India’s Techade”

इस थीम का मतलब है – ‘डीप टेक और इंजीनियरिंग में महारत: भारत के टेक युग (Techade) को आगे बढ़ाना’

इस थीम का मकसद भारत को Artificial Intelligence (AI), Quantum Computing, Robotics, Internet of Things (IoT) और Space Technology जैसे उन्नत तकनीकी (Deep Tech) क्षेत्रों में दुनिया का अगुआ बनाना है।

इसके जरिए युवा इंजीनियरों, छात्रों और शोधकर्ताओं को नए Innovation करने और देश को तकनीकी तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इंजीनियर्स डे का महत्व और उद्देश्य

इंजीनियर्स डे सिर्फ एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो:

  1. सम्मान व्यक्त करता है: देश के विकास में इंजीनियरों के योगदान को स्वीकार करता है और उन्हें सम्मानित करता है।
  2. युवाओं को प्रेरित करता है: युवा पीढ़ी को विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  3. नए विचारों को बढ़ावा देता है: इस दिन देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों और संस्थानों में सेमिनार, वर्कशॉप और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जहां नई तकनीकों और नवाचार पर चर्चा होती है।

आज के दौर की टॉप इंजीनियरिंग ब्रांचें

इंजीनियरिंग का क्षेत्र लगातार बदल रहा है।

पिछले कुछ सालों में जहां पारंपरिक ब्रांचों की डिमांड बनी हुई है, वहीं नई टेक्नोलॉजी ने कुछ ब्रांचों को सबसे आगे कर दिया है।

जॉइंट इम्प्लीमेंटेशन कमेटी (JIC) की 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी (IITs) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सबसे ज्यादा दाखिला लेने वाली टॉप 5 ब्रांचें इस प्रकार हैं:

  1. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE): (27,285 छात्र) – सॉफ्टवेयर, AI और Programming में करियर बनाने वालों की पहली पसंद।
  2. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (EE): (23,254 छात्र) – बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और Communication के क्षेत्र में अवसर।
  3. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ME): (20,261 छात्र) – मशीनों, वाहनों और उत्पादन संयंत्रों से जुड़ा हुआ क्षेत्र।
  4. सिविल इंजीनियरिंग (CE): (15,846 छात्र) – इमारतें, सड़कें, पुल और बांध बनाने का काम।
  5. केमिकल इंजीनियरिंग (ChemE): (15,758 छात्र) – रसायनों और नई सामग्रियों के उत्पादन से संबंधित।

Engineers Day, Bharat Ratna, M Visvesvaraya, Bharat Ratna, सर विश्वेश्वरैया, Engineers Day 2025 Why celebrate Engineers Day Why celebrate Engineers Day, 15 September, Who is Sir M Visvesvaraya, Utility News, Deep Tech Engineering, Engineers Day 2025, Engineers Day, Engineers Day Theme, Top Engineering Branch, Computer Science Engineering, India’s Infrastructure.

इंजीनियर्स डे सिर्फ एक दिन का जश्न नहीं है, बल्कि यह उस महान विरासत और भविष्य की संभावनाओं की याद दिलाता है जो इंजीनियरिंग से जुड़े हुए है।

सर एम. विश्वेश्वरैया जैसे महान इंजीनियरों ने जिस सपने के साथ देश का निर्माण किया, आज का इंजीनियरिंग समुदाय उसी राह पर चलते हुए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

Why celebrate Engineers Day, 15 September, Who is Sir M Visvesvaraya, Utility News, Deep Tech Engineering, Engineers Day 2025, Engineers Day, Engineers Day Theme, Top Engineering Branch, Computer Science Engineering, India’s Infrastructur

- Advertisement -spot_img