Sawan Month Katha: सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है।
यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और इसे बहुत पवित्र माना जाता है।
इस साल सावन 11 जुलाई से शुरू हो चुका है।
इस पूरे महीने शिवजी की विशेष पूजा की जाती है।
इस दौरान प्रकृति हरी-भरी हो जाती है।
इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। सावन में शिव भक्ति, व्रत और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
सावन में धरती पे निवास करते हे शिव पार्वती
शिव पुराण के अनुसार, इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत छोड़कर धरती पर निवास करते हैं। इसलिए उनके भक्तगण सावन में दोनों की विशेष पूजा करते हैं।
कहा दाता है सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है लेकिन क्या आपको इसकी वजह पता है?
अगर नहीं तो चलिए जानते हैं सावन माह से जुड़ी हुई कुछ पौराणिक कथाएं…
सावन मास शिव को प्रिय होने की कथाएं
1. माता पार्वती की तपस्या और विवाह
पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती ने दक्ष यज्ञ में अपने प्राण त्याग दिए थे। पुनर्जन्म में वे हिमालयराज की पुत्री पार्वती बनीं।
भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए उन्होंने कठोर तपस्या की।
शिवजी प्रसन्न हुए और सावन मास में ही उनका विवाह माता पार्वती से हुआ। इसलिए यह महीना शिवजी के लिए विशेष है।
2. समुद्र मंथन और शिव का विष पान
सावन मास में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिससे हलाहल विष निकला। संसार की रक्षा के लिए शिवजी ने इस विष को पी लिया, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए।
विष के प्रभाव से उनके शरीर में भयंकर गर्मी उत्पन्न हुई, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने गंगाजल से उनका अभिषेक किया.
यह घटना वर्षा ऋतु के श्रावण मास में हुई थी, और तभी से श्रावण मास में भगवान शिव का जलाभिषेक करना अति शुभ और फलदायक माना जाता है.
3. मारकंडेय ऋषि की कथा
महर्षि मरकंडू के पुत्र मारकंडेय ने सावन मास में शिव जी की कठोर तपस्या करके यमराज को भी पराजित कर दिया और अमरत्व प्राप्त किया।
4. सावन में ससुराल जाते हैं शिव जी
सावन मास में भगवान शिव अपनी ससुराल हिमालय जाते हैं और वहां उनका स्वागत जलाभिषेक से होता है। इसी कारण श्रावण मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है।
सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि
सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है। कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
पूजा विधि:
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सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं।
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“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
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शिव पुराण या सावन व्रत कथा सुनें।
सावन में क्यों की जाती है शिव की विशेष पूजा?
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इस महीने शिवजी का अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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सावन में रुद्राभिषेक, शिव चालीसा पाठ और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है।
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मान्यता है कि इस समय शिवजी की कृपा सबसे अधिक प्राप्त होती है।
सावन मास भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का सुनहरा अवसर है।
सावन महीने का महत्व और त्योहार
सावन हिंदू पंचांग का पांचवां महीना होता है और यह वर्षा ऋतु (मॉनसून) का प्रतीक है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार आते हैं, जैसे:
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हरियाली तीज: सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और सौभाग्य की कामना करती हैं।
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नाग पंचमी: इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।
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रक्षाबंधन: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार।
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कजरी तीज (मध्य भारत): किसान इस दिन अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं।
दक्षिण भारत में इसे अवनी अवित्तम और गुजरात में पवित्रोपना के नाम से जाना जाता है।
शिवजी की कृपा पाने के लिए इस महीने नियमित पूजा, जलाभिषेक और मंत्र जाप करना चाहिए। यह महीना भक्ति और संयम का प्रतीक है, जो हर शिवभक्त के लिए पावन माना जाता है।
सावन का महीना भक्ति, प्रकृति और उत्सव का संगम है। इस दौरान शिव की आराधना करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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