Homeलाइफस्टाइलनाग वंश का विनाश करने के लिए जनमेजय ने किया था महायज्ञ,...

नाग वंश का विनाश करने के लिए जनमेजय ने किया था महायज्ञ, फिर ऐसे शुरू हुई नाग पंचमी की परंपरा

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Nag Panchami 2025: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

इस वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई को रात में 11 बजकर 25 मिनट पर होगी

और 29 जुलाई, मंगलवार को पंचमी तिथि रात में 12 बजकर 47 मिनट पर खत्म हो जाएगी।

उदया तिथि का अनुसार, नाग पंचमी तिथि 29 जुलाई, मंगलवार को ही मनाई जाएगी।

इस दिन सांपों की पूजा की जाती है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह परंपरा कैसे शुरू हुई?

आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कथा, महत्व और पूजा विधि…

Astik Muni, happy nag panchami, Kaliya nag, Kalsarp Dosh, nag panchami, nag panchami 2025, nag panchami katha, nag panchami muhurat, nag panchami puja, nag panchami story,

नाग पंचमी की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के काटने से हुई थी।

इसके बाद उनके पुत्र जनमेजय ने नाग वंश का विनाश करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया।

इस यज्ञ में सभी सांपों को अग्नि में भस्म किया जा रहा था।

तब नागों ने ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि की शरण ली।

आस्तिक मुनि ने जनमेजय को समझाकर यज्ञ रुकवा दिया और सांपों को बचाया।

Nag Panchami 2025

सांपों को दूध चढ़ाकर शांत की जलन

इसके बाद आस्तिक मुनि ने सांपों के जलते हुए शरीर पर दूध की धार डालकर उन्हें शीतलता प्रदान की थी। इसी वजह से नाग पंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने की परंपरा है।

जिस दिन यज्ञ रुकवाया गया। उस दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी।

ऐसे में नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि जो भी पंचमी को सर्पों की पूजा करेगा उसे कभी भी नागदंश (सांप डसने) का भय नहीं होगा।

तभी से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा होने लगी।

कृष्ण ने तोड़ा था कालिया नाग का अहंकार

एक अन्य कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान कृष्ण ने कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था और उसे यमुना नदी से बाहर निकाला था।

Nag Panchami 2025

नाग पंचमी पूजा विधि

  1. सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।

  2. घर के मुख्य द्वार या तुलसी चौरा पर गोबर से नाग की आकृति बनाएं।

  3. सोने, चांदी, पीतल या किसी धातु से बनी नाग की मूर्ति की पूजा करें।

  4. नाग देवता को दूध, फूल, अक्षत, धूप-दीप और चने की सत्तू चढ़ाएं।

  5. निम्न मंत्र का जाप करें:

    “अनंत वासुकी शेषं पद्मनाभं च कंबलम्।
    शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
    एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
    सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः॥
    तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥”

  6. शाम के समय नाग देवता की आरती उतारें।

नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त 2025

  • नाग पंचमी तिथि: 29 जुलाई 2025

  • पूजा का शुभ समय:  नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8.51 से दोपहर 1.46 मिनट तक रहेगा।

  • श्रेष्ठ नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी

नाग पंचमी का महत्व

  • इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

  • सर्पदंश का भय दूर होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

  • भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, क्योंकि नाग उनके आभूषण हैं।

Astik Muni, happy nag panchami, Kaliya nag, Kalsarp Dosh, nag panchami, nag panchami 2025, nag panchami katha, nag panchami muhurat, nag panchami puja, nag panchami story,
Nag Panchami 2025

नाग पंचमी का पर्व हमें प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान का संदेश देता है।

इस दिन सांपों की पूजा करके हम उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

- Advertisement -spot_img