Nag Panchami 2025: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई को रात में 11 बजकर 25 मिनट पर होगी
और 29 जुलाई, मंगलवार को पंचमी तिथि रात में 12 बजकर 47 मिनट पर खत्म हो जाएगी।
उदया तिथि का अनुसार, नाग पंचमी तिथि 29 जुलाई, मंगलवार को ही मनाई जाएगी।
इस दिन सांपों की पूजा की जाती है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह परंपरा कैसे शुरू हुई?
आइए जानते हैं इसकी पौराणिक कथा, महत्व और पूजा विधि…

नाग पंचमी की पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के काटने से हुई थी।
इसके बाद उनके पुत्र जनमेजय ने नाग वंश का विनाश करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया।
इस यज्ञ में सभी सांपों को अग्नि में भस्म किया जा रहा था।
तब नागों ने ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि की शरण ली।
आस्तिक मुनि ने जनमेजय को समझाकर यज्ञ रुकवा दिया और सांपों को बचाया।

सांपों को दूध चढ़ाकर शांत की जलन
इसके बाद आस्तिक मुनि ने सांपों के जलते हुए शरीर पर दूध की धार डालकर उन्हें शीतलता प्रदान की थी। इसी वजह से नाग पंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने की परंपरा है।
जिस दिन यज्ञ रुकवाया गया। उस दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी।
ऐसे में नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि जो भी पंचमी को सर्पों की पूजा करेगा उसे कभी भी नागदंश (सांप डसने) का भय नहीं होगा।
तभी से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा होने लगी।

कृष्ण ने तोड़ा था कालिया नाग का अहंकार
एक अन्य कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान कृष्ण ने कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था और उसे यमुना नदी से बाहर निकाला था।

नाग पंचमी पूजा विधि
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सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
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घर के मुख्य द्वार या तुलसी चौरा पर गोबर से नाग की आकृति बनाएं।
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सोने, चांदी, पीतल या किसी धातु से बनी नाग की मूर्ति की पूजा करें।
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नाग देवता को दूध, फूल, अक्षत, धूप-दीप और चने की सत्तू चढ़ाएं।
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निम्न मंत्र का जाप करें:
“अनंत वासुकी शेषं पद्मनाभं च कंबलम्।
शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः॥
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥” -
शाम के समय नाग देवता की आरती उतारें।
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त 2025
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नाग पंचमी तिथि: 29 जुलाई 2025
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पूजा का शुभ समय: नाग देवता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8.51 से दोपहर 1.46 मिनट तक रहेगा।
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श्रेष्ठ नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी
नाग पंचमी का महत्व
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इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
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सर्पदंश का भय दूर होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
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भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, क्योंकि नाग उनके आभूषण हैं।

नाग पंचमी का पर्व हमें प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान का संदेश देता है।
इस दिन सांपों की पूजा करके हम उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।


