Wedding Dress on First Karva Chauth: करवा चौथ का त्यौहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है।
इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए दिनभर व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही भोजन ग्रहण करती हैं।
इस मौके पर हर महिला अपने पूरे श्रृंगार में नजर आती है।
लेकिन जो नई नवेली दुल्हनें अपनी पहली करवा चौथ मना रही होती हैं, उनके लिए एक विशेष परंपरा होती है शादी के दिन पहने गए जोड़े (Wedding Dress) को दोबारा पहनना।
आइए जानते हैं कि आखिर इस परंपरा के पीछे की वजह क्या है और इसका क्या महत्व माना जाता है।
पवित्रता और शुभता का प्रतीक
मान्यता है कि शादी के दौरान जो जोड़ा दुल्हन पहनती है, वह सबसे अधिक पवित्र और शुभ माना जाता है।
जब लड़की अग्नि के सात फेरे लेते समय यह जोड़ा पहनती है, तो इसे अत्यधिक पवित्र और शुद्ध माना जाता है।
ऐसा विश्वास है कि इस जोड़े में वैवाहिक बंधन की पवित्रता और आशीर्वाद समाहित हो जाता है।
इसलिए, पहली करवा चौथ पर इसी जोड़े को पहनकर पूजा करने से पूजा की पवित्रता और प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
दांपत्य जीवन को मजबूत बनाने में मददगार
इस परंपरा का सीधा संबंध वैवाहिक जीवन की मजबूती से भी जोड़ा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि शादी के जोड़े को पहनकर करवा चौथ का व्रत रखने और पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
यह रिवाज पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को और भी गहरा और मजबूत बनाने में मदद करता है।
किन बातों का रखना चाहिए ध्यान?
हालांकि शादी का जोड़ा पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ सावधानियां भी बरतनी जरूरी हैं:
- जोड़ा साफ-सुथरा हो: जो जोड़ा आप पहन रही हैं, वह बिल्कुल साफ और अच्छी हालत में होना चाहिए। कहीं से कटा-फटा या गंदा जोड़ा पहनकर पूजा करना अशुभ माना जाता है और इससे दोष लगने की आशंका रहती है।
- 16 श्रृंगार है जरूरी: सिर्फ जोड़ा ही नहीं, पहली करवा चौथ पर नई दुल्हन के लिए पूरे 16 श्रृंगार करना भी बहुत जरूरी माना जाता है। इसमें हाथों में मेहंदी लगाना, सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, नथ, मंगलसूत्र आदि सभी चीजें शामिल हैं।
- लाल रंग का महत्व: सुहागन महिलाओं के लिए लाल रंग अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए करवा चौथ के दिन लाल रंग की साड़ी, लहेंगा या सूट पहनने की सलाह दी जाती है। इस दिन काले या सफेद जैसे रंगों के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
कुल मिलाकर, पहली करवा चौथ पर शादी का जोड़ा पहनने की परंपरा पवित्रता, शुभता और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना से जुड़ी हुई है।
यह सिर्फ एक रिवाज नहीं बल्कि नई दुल्हन के मन में अपने साथी के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम की भावना को दर्शाता है।


