World Suicide Prevention Day: जब कोई व्यक्ति पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है और उसके पास कोई उम्मीद नहीं बचती तो वो आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेता है।
अक्सर लोग इस बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन खुदकुशी या आत्महत्या किसी परेशानी का हल नहीं हैं। ये जिंदगी एक बार ही मिलती है इसे जिंदादिली से जिएं।
World Suicide Prevention Day 2024
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले में पिछले 8 महीने में 243 लोगों ने आत्महत्या की है।
जो लोग आत्महत्या के विचारों से जूझ रहें होते हैं, वो खुद को इतना अकेला महसूस करते हैं कि उन्हें लगता है अब यही आखिरी रास्ता है।
लेकिन, अगर सही समय पर मदद मिले तो आत्महत्या जैसे कदम उठाने से व्यक्ति को रोका जा सकता है।
हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग जिंदगी की अहमियत समझें।
इस दिन आत्महत्या के मामलों की रोकथाम में मदद के लिए लोगों को जागरूक और जानकार बनाने की कोशिश की जाती है।
कॉल टू एक्शन – Start the Conversation
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस एक वैश्विक जागरूकता अभियान है।
जिसका उद्देश्य आत्महत्या को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रेभावित लोगों को समर्थन देना है।
इस साल का थीम “Changing the Narrative on Suicide” है।
जब तक लोग इस बारे में बात नहीं करेंगे, इसे रोकने में हम सफलता भी हासिल नहीं कर पाएंगे। इसी मकसद के साथ ये थीम सोची गई है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इस थीम को साल 2024 से 2026 तक के लिए चुना है।
इसके साथ ही, एक कॉल टू एक्शन भी निर्धारित किया गया है- “Start the Conversation”।
इसके पीछे का मकसद भी यही है कि बात भले ही कितनी ही छोटी क्यों न हो, लेकिन होनी चाहिए।
ताकि, आत्महत्या से बचाव के बारे में लोग बेहतर तरीके से समझें और मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक बनें।
कई कारण इसलिए बात करना है जरूरी
आत्महत्या एक गंभीर वैश्विक समस्या है। हर साल लाखों लोग हताश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं।
इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है।
जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य समस्या, तनाव, अकेलापन, सामाजिक या आर्थिक दबाव आदि।
इन वजहों को पहचानने के लिए और प्रभावित व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते हैं, इस बारे में समझने के लिए इस बार में बात करना जरूरी है।
आत्महत्या को रोकने के लिए ये समझना जरूरी है कि यह एक निराशाजनक स्थिति का नतीजा होता है।
लेकिन, ऐसी स्थिति से बचाव करने के लिए मदद उपलब्ध है, जिसके बारे में लोगों में जानकारी होनी चाहिए।
आत्महत्या के मामलों की रोकथाम के उपाय
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करना और पेशेवर सलाहकारों से मदद लेना जरूरी है।
- सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में पता हो और वे इसका इस्तेमाल करें।
- आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है, ताकि लोग इस मुद्दे पर बात करने और मदद मांगने में संकोच न करें।
- परिवार, दोस्तों द्वारा पॉजिटिव सोशल सपोर्ट प्रदान करना आत्महत्या को रोकने में जरूरी भूमिका निभा सकता है।
- आत्महत्या के बारे में प्रशिक्षण दें, ताकि लोग इसे पहचानें और इससे प्रभावित लोगों की मदद कर सकें।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, हेल्दी डाइट, पूरी नींद लें और रोज एक्सरसाइज करें।
- किसी को खुदकुशी के विचार आ रहे हैं तो किसी करीबी से बात साझा करनी चाहिए।
अच्छा और बुरा दोनों हैं जिंदगी के पहलू
मनोरोग विशेषज्ञ कहते हैं जो लोग खुदकुशी की कोशिश करते हैं उनका मकसद मरना नहीं बल्कि कष्टों से छुटकारा पाना होता है। वो ऐसी स्थिति में फंसे होते हैं जहां जीने और मरने में उन्हें अंतर नहीं समझ आता है।
ऐसे लोगों के व्यवहार में कुछ हफ्तों पहले से संकेत दिखते हैं। ऐसे संकेतों को समय रहते समझा जाए और उनका हल किया जा सकता है।
अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं। नकारात्मक सोच न रखें और हिम्मत कर अपने किसी करीबी से बातें शेयर करें।
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