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जीका वायरस से रहें सावधान, गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा

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Zika Virus : महाराष्ट्र में जीका वायरस का खतरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रही है।

पुणे में संक्रमण के 8 नए मामले आए हैं। इनमें 7 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

पुणे नगर निगम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार सभी संक्रमितों की हालत सामान्य है।

जीका से हड़कंप, 4 की मौत

पुणे शहर में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला 20 जून को सामने आया था। जब एक डॉक्टर में वायरस की पुष्टि हुई थी।

जून से अब तक शहर में 81 मामले सामने आ चुके हैं। कुल संक्रमितों में 26 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।

अब तक जीका वायरस से 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। लेकिन ये सभी संक्रमण के अलावा कई और बीमारयों से ग्रसित थे। वहीं चारों मरीजों की उम्र 68 से 78 साल के बीच थी।

क्या है जीका वायरस

जीका वायरस मच्छर के काटने से फैलता है। इसे मच्छर जनित फ्लेविवायरस भी कहा जाता है।

ये एडीज मच्छरों (विशेष प्रकार के मच्छर) से फैलने वाली एक बीमारी है। जो की मानव शरीर की कोशिकाओं का ही इस्तेमाल कर अपने आकार का विस्तार करता है।

कुछ लोगों में इस बीमारी के लक्षण प्रभावित होने के बहुत दिनों बाद नजर आते हैं।

लोगों को संक्रमित होने के बाद भी इस बात का एहसास नहीं होता है कि वे जीका वायरस की चपेट में आ गए हैं।

कब आया जीका वायरस

जीका वायरस सबसे पहले 1947 पूर्वी अफ्रीका के देश युगांडा में मिला था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इसका नाम करण भी युगांडा के जंगलों के नाम पर ही किया गया है। उसी समय पहली बार जंगल के बंदरों को आइसोलेट किया गया था।

इसके बाद साल 1952 में जीका वायरस ने युगांडा और तंजानिया के लोगों को अपने चपेट में ले लिया था। ये इंसान की कोशिकाओं में वायरस की पहली दस्तक थी।

इसके बाद इस वायरस से जुड़े मामले और भी देशों में मिलने लगे और धीरे इस बीमारी का विस्तार हो गया।

जीका वायरस के लक्षण

  • बुखार
  • जोड़ों का दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सिरदर्द

एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है जाकी

डेंगू और मलेरिया जैसे रोग जहां संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलते हैं।

वहीं जीका का खतरा एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है।

हालांकि जीका और डेंगू दोनों से बचने का उपाय मच्छरों से बचाव करना है।

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना आपके लिए इस रोग से सुरक्षित रखने में सहायक साबित होगा है।

लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना और समय पर इलाज कराना सबसे जरूरी है।

गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा

जीका वायरस के अधिकांश मामले आमतौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं।

पुणे में सामने आए संक्रमित मामलों में गर्भवती महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी है।

इस बीमारी का असर भ्रूण पर भी हो सकता है। वायरस की वजह से भ्रूण के मस्तिष्क का विकास में पूरी तरह से नहीं हो पता है।

इसके अलावा इसके लक्षण बच्चे के जन्म के समय भी देखने को मिल सकते हैं।

उनके दिमाग का विकास नहीं होना, खाने की समस्याएं जैसे निगलने में कठिनाई, सुनने-देखने की समस्या होना, जोड़ों की गति में कमी और मांसपेशियों में अकड़न जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

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