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डिजिटल अरेस्ट में दवा कारोबारी, 11वीं में पढ़ने वाली बेटी ने शातिर ठगों के चंगुल से ऐसे बचाया

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Gwalior Digital Arrest: ग्वालियर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है।

इस बार ठगों ने मेडिकल व्यवसायी को डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया है।

लेकिन, शातिर ठगों के मकसद पर पीड़ित की 16 साल की बेटी ने पानी फेर दिया।

मृणाल ने ना सिर्फ अपने पिता को बचाया, बल्कि ठगों के भी छक्के छुड़ा दिए।

पोर्नोग्राफी और सेंसिटिव मैसेजिंग में फंसाने की धमकी

डिजिटल अरेस्ट को लेकर लगातार जागरूकता फैलाई जा रही है, फिर भी लोग इस जाल में फंस जाते हैं।

ताजा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से सामने आया है, जिससे पूरा देश सबक ले सकता है।

जनकगंज थाना क्षेत्र के तारागंज निवासी दवा कारोबारी प्रकाश करड़ेकर को शातिर ठगों ने निशाना बनाया।

मंगलवार दोपहर प्रकाश अपने कमरे में बैठे थे, उसी समय उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया था।

ट्रू कॉलर पर यह नंबर TRAI (टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) नाम शो कर रहा था।

व्यवसायी ने कॉल रिसीव किया तो उसे बताया गया कि यह कॉल TRAI की ओर से है।

आपका नंबर कुछ देर में ब्लॉक किया जा रहा है, आपकी सिम बंद कर दी जाएगी।

Gwalior Digital Arrest
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प्रकाश के नंबर का उपयोग गैरकानूनी काम में होने और मनी लॉन्ड्रिंग में यूज होने की बात कही गई।

ठगों ने पीड़ित को पोर्नोग्राफी और सेंसिटिव मैसेजिंग में फंसे होने की धमकी देकर डराया।

मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम से डेढ घंटे उलझाया

मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगों ने व्यापारी को करीब डेढ़ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा।

TRAI के अधिकारी ने कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसरों को ट्रांसफर करना बताकर लाइन जोड़ दी।

अब वर्दी में एक युवक खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर बातचीत करने लगा, उसके पीछे मुंबई पुलिस का बोर्ड लगा था।

Gwalior Digital Arrest
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इसके बाद कथित मुंबई क्राइम ब्रांच ऑफिसर ने उनको बताया कि आपका नंबर अंधेरी में चल रहा है और इससे आपत्तिजनक सामग्री सेंड हो रही है।

जब उन्होंने वह नंबर उनका नहीं होने की बात कहीं तो अफसरों का कहना था कि इस नंबर के साथ ही उनके दो और नंबर ब्लॉक होंगे, जिनमें एक उनकी पत्नी का है।

व्यवसायी पूरे मामले को समझ नहीं पाता, तभी उसके वॉट्सऐप पर मुंबई क्राइम ब्रांच के कुछ नोटिस आए।

व्यवसायी ने चेक किया तो उनका मोबाइल नंबर और फोटो लगा था, इस पर वह घबरा गए।

16 साल की मृणाल ने ठगों को दिखाया ठेंगा

मुंबई क्राइम ब्रांच ऑफिसर ने एक सीनियर ऑफिसर को कॉल ट्रांसफर कर दिया।

यह अधिकारी वर्दी पहने हुए था और कड़क लहजे में व्यवसायी पर FIR करने और गिरफ्तार करने की बात करने लगा।

घबराए प्रकाश ने मदद मांगी, जिस पर ऑफिसर ने वीडियो कॉल पर ही उन्हें तत्काल डिजिटल अरेस्ट रहने को कहा।

Gwalior Digital Arrest
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प्रकाश ठगों के जाल में फंसने ही वाले थे कि तभी उनकी 11वीं में पढ़ने वाली बेटी उन्हें ने बचा लिया।

16 साल की मृणाल स्कूल से घर पहुंची, तो उसने अपने पिता को परेशान देखा।

पूछने पर पिता ने बताया कि उन पर केस दर्ज है और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है।

मृणाल तुरंत ठगों की चाल समझ गई, क्योंकि उसने डिजिटल अरेस्ट के मामले सुन रखे थे।

सतर्कता दिखाते हुए सबसे पहले मृणाल ने पिता से मोबाइल छीनकर कॉल काट दिया।

दोबारा वीडियो कॉल आने पर उसने ठगों से सवाल करना शुरू कर दिया।

Gwalior Digital Arrest
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ठगों ने डराने का प्रयास किया, तो छात्रा ने बिना डरे उनके हर आरोप को नकारा और कहा कि आप ग्वालियर आकर कार्रवाई करो।

छात्रा के तेवर देख ठगों ने कॉल यह कहते हुए कट कर दिया कि लगातार इस मामले में अपनी रिपोर्ट देते रहना।

इस तरह अपनी समझदारी से मृणाल ने ठगों को ठेंगा दिखाया और अपने पिता को भी इस मायाजाल से बचाने में कामयाब हुई।

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