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जानें कौन हैं वो 3 स्टूडेंट, जिन्होंने खत्म कर दी हसीना की सत्‍ता

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Muslim Student Who Destroy Hasina : 45 दिन पहले जब शेख हसीना भारत आई थीं तो PM मोदी ने उन्हें रेड कार्पेट वेलकम किया था।

लेकिन इस बार हसीना अपना देश और प्रधानमंत्री का पद छोड़ कर आई हैं।

आरक्षण आंदोलन से शुरू हुए प्रोटेस्ट से बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें सत्‍ता से बेदखल तक होना पड़ गया।

हसीना की सरकार गिराने के पीछे 3 अहम किरदार

भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और हिंसा की आग इस कदर भड़की है कि देश की प्रधानमंत्री को इस्तीफा देकर भागना पड़ा।

शेख हसीना की सत्ता गंवाने के पीछे कई कारण सामने आए हैं। इन कारणों में वो 3 किरदार अहम भी शामिल हैं।

Muslim Student Who Destroy Hasina
Muslim Student Who Destroy Hasina

जिन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस से आंदोलन शुरू कर देश भर की तस्वीर बदलकर रख दी और 15 साल की सत्ता से शेख हसीना हाथ धो बैंठी।

आईए जानतें हैं कॉलेज के उन तीन छात्रों की कहानी, जिनके जनआंदोलन से प्रधानमंत्री देश छोड़ने को मजबूर हो गई।

नाहिद को बेहोशी की हालत तक पुलिस ने पीटा

ढाका यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट नाहिद इस्लाम छात्र आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा है। उन्होंने ही आंदोलन में मुख्य किरदार निभाया था।

Nahid Islam
Nahid Islam

प्रोटेस्ट में नाहिद ने कहा था कि हमने लाठी उठाई है, अगर लाठी काम नहीं आई तो हम हथियार उठाने के लिए भी तैयार हैं।

20 जुलाई की सुबह पुलिस ने नाहिद को उठा लिया था। 24 घंटे बाद एक पुल के नीच वो बेहोशी की हालत में पाया गया था।

उसने दावा किया कि उसे तब तक लोहे की रॉड से पीटा गया जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया।

पिटाई से घायल नाहिद के चेहरे ने प्रदर्शनकारियों को भड़का दिया और वे हिंसक होकर सड़कों पर उतर आए।

आसिफ ने टॉर्चर सहा पर चुप नहीं बैठा

जून में शुरू हुए आरक्षण विरोधी आंदोलन में आसिफ महमूद ने अहम भूमिका निभाई थी।

Asif Mahmood
Asif Mahmood

ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र के आह्वान पर आंदोलन देशव्यापी हो गया था।

26 जुलाई को डिटेक्टिव ब्रांच ने आसिफ महमूद को भी उठा लिया था। 27 जुलाई को डिटेक्टिव ब्रांच ने 2 और छात्रों को हिरासत में लिया।

आसिफ को एक इंजेक्शन दिया गया, जिससे वह कई दिनों तक बेहोश रहा।

3 अगस्त को आसिफ ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए छात्रों से घर पर न रहने और नजदीकी प्रदर्शनों में शामिल होने की अपील की। इसके बाद बवाल बढ़ता चला गया।

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद आसिफ महमूद ने फिर एक बार बयान दिया है कि वह देश में मार्शल लॉ यानी सैन्य शासन को स्वीकार नहीं करेंगे।

अबू पर बना आंदोलन वापस लेने का दबाव 

शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने में अबू बकेर मजूमदार ने भी भूमिका निभाई। अबू ढाका यूनिवर्सिटी में भूगोल यानी जियोग्राफी डिपार्टमेंट का स्टूडेंट है।

Abu Bakar Majumdar
Abu Bakar Majumdar

5 जून को हाईकोर्ट के आरक्षण पर दिए फैसले के बाद अबू ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट की शुरुआत की।

उसने “स्वतंत्रता सेनानियों” के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिए जाने का जमकर विरोध किया।

अबू को 19 जुलाई की शाम धानमंडी इलाके से कुछ लोग अपने साथ ले गए थे। जिसके बाद कई दिनों तक उसका कुछ भी पता नहीं चला।

दो दिन बाद उसे सड़क किनारे जहां से उठाया गया था, वहीं छोड़ दिया गया।

अबू ने बताया कि पुलिस उसे एक कमरे में बंद कर आंदोलन वापस लेने का दबाव बना रही थी।

जब उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट की गई। जब मामला सामने आया तो प्रदर्शनकारी भड़क गए।

नाहिद, आसिफ और अबू तय कर रहे सरकार

नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर ढाका यूनिवर्सिटी के यही वो तीन छात्र हैं।

जिन्‍होंने बांग्‍लादेश में इतना बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया क‍ि शेख हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा।

तीनों सामान्‍य घरों से आते हैं। इनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड भी नहीं है। कुछ छोटे-मोटे प्रदर्शनों का ह‍िस्‍सा रहे।

Muslim Student Who Destroy Hasina
Muslim Student Who Destroy Hasina

लेकिन आरक्षण की एक आग ने इनके अंदर इतना गुस्‍सा भर दिया क‍ि ये सरकार से लड़ गए।

रही सही कसर, सरकार ने पूरी कर दी। इनके ख‍िलाफ कार्रवाई की गई। इन्‍हें प्रताड़‍ित क‍िया गया, जिससे गुस्‍सा और बढ़ता चला गया।

अब यही तीनों छात्र नई अंतर‍िम सरकार की रूपरेखा तय कर रहे हैं।

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