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ED रिपोर्ट: जंगल में मिला 52kg सोना और 11 करोड़ कैश सौरभ शर्मा का, जब्त की 100 करोड़ की संपत्ति

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Saurabh Sharma Case: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है।

ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जब्त सोना और कैश आरटीओ के पूर्व आरक्षक और करोड़पति सौरभ शर्मा का ही है।

ईडी ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल से पूछताछ के बाद 100.36 करोड़ की संपत्ति भी कुर्क कर ली है।

सोशल मीडिया पर दी जानकारी

प्रवर्तन निदेशालय भोपाल ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर ये जानकारी दी है। जिसमें ED ने लिखा-

पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा द्वारा अपने और रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई।

पड़ताल के बाद ईडी ने सबके स्वामित्व वाली, कंट्रोल वाली फर्म, कंपनियां, सोसायटी के नाम पर अर्जित 92.07 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया।

अब तक कुल 100.36 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने इसे आपराधिक आय दर्शाते हुए यह कार्रवाई की है।

ईडी ने कहा-जब्त सोना, कैश सौरभ का ही

ईडी की रिपोर्ट के अनुसार इन सहयोगियों, संस्थाओं में शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर, मेसर्स अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स अविरल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यू आर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड आदि शामिल हैं।

ईडी ने रिपोर्ट में कहा है कि आयकर विभाग ने चेतन सिंह गौर की इनोवा गाड़ी से नकदी और सोना जब्त किया था।

ईडी की जांच में पता चला है कि इनोवा कार से जब्त नकदी और सोना सौरभ शर्मा का ही था।

डीजी इन्वेस्टिगेशन बोले- रिपोर्ट की जानकारी नहीं

ईडी द्वारा अपनी रिपोर्ट में इनोवा कार से जब्त कैश और गोल्ड को सौरभ शर्मा का बताए जाने के मामले में आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के महानिदेशक सतीश गोयल ने कहा कि उनकी जानकारी में ईडी की रिपोर्ट नहीं है।

ईडी ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है कि इनोवा में मिला सोना और कैश पूछताछ में सौरभ का होना पाया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश जो आयकर विभाग ने जब्त किया था वह आयकर के कब्जे में है।

ब्लैक मनी को व्हाइट कर अनसेफ लोन

ईडी ने लोकायुक्त पुलिस भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ 13(1)(बी) के तहत सौरभ शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।

ईडी की जांच में पता चला कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों, सहयोगियों और कंपनियों, फर्मों, सोसाइटी के नाम पर भी अलग-अलग चल और अचल संपत्तियां खरीदी थीं।

इसमें अवैध तरीके से आपराधिक गतिविधि के माध्यम से मिली ब्लैक मनी को व्हाइट करके कई अज्ञात व्यक्तियों से अनसेफ लोन की व्यवस्था की गई थी।

दिसंबर में कार से मिला था करोड़ों का कैश

दिसंबर में सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त के छापे के बाद भोपाल में मेंडोरी गांव से एक कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिला था। जिसे आयकर विभाग ने जब्त किया था।

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लोकायुक्त ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय और लोकायुक्त ने भी पूछताछ की।

कौन है सौरभ शर्मा

सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्‍य प्रदेश के मुरैना का रहने वाला है।

उसके पिताजी ग्‍वालियर जेल में स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी थे। सौरभ की शुरूआती पढ़ाई लिखाई यहीं से हुई।

सौरभ शर्मा का सपना आईएएस बनने का था। इसिलए कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ अपने भाई के साथ दिल्‍ली चला गया।

वहां रहकर वह संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी करने लगा.

सौरभ का सेलेक्‍शन यूपीएससी (UPSC) या पीसीएस (PCS) के लिए नहीं हो पाया।

जबकि उसके बड़े भाई सचिन का सेलेक्‍शन छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हो गया।

इसके बाद भी सौरभ लगातार सिविल सर्विसेज की तैयारी करता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिली।

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सौरभ की मां पर भी मामला दर्ज

मध्य प्रदेश पुलिस ने कुछ वक्त पहले ही सौरभ शर्मा और उनकी मां के खिलाफ FIR दर्ज की है।

उन पर आरोप है कि नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी दी थी।

शिकायत में कहा गया है कि सौरभ शर्मा ने झूठा हलफनामा दिया था कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है।

उन्होंने यह नौकरी अपने पिता की मृत्यु के बाद मुआवजे के तौर पर हासिल की थी।

राज्य परिवहन विभाग के एक सीनियर अफसर ने यह शिकायत दर्ज कराई थी।

सौरभ शर्मा को 29 अक्टूबर 2016 को नौकरी मिली थी और उन्होंने 9 जून 2023 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी कार्रवाई

मध्‍य प्रदेश लोकायुक्‍त पुलिस ने सौरभ शर्मा के यहां छापा मारा था, जिसमें उसके ठिकानों से 234 किलो चांदी और करोड़ों रुपए कैश बरामद हुए थे।

सौरभ शर्मा केस की जांच 4 एजेंसियां कर रही हैं, जिसमें डीआरआई (DRI), इनकम टैक्‍स (Income Tax), ईडी (ED) और लोकायुक्‍त शामिल हैं।

यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई थी।

सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उसने गलत तरीके से यह संपत्ति बनाई है।

इस मामले में शरद जायसवाल और अविराल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड जैसी फर्में भी शामिल हैं।

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