Teacher’s Day Special: भारत में 5 सितंबर का दिन हर साल देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. राधाकृष्णन का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है और उनके सम्मान में इस दिन को शिक्षा दिवस के तौर पर सभी मनाते हैं।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना और शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है।
MP का अनोखा गांव, जहां हर घर में है एक शिक्षक
शिक्षक दिवस पर हम आपके लिए लेकर आए हैं कहानी मध्य प्रदेश के एक ऐसे गांव की जहां हर घर में एक शिक्षक है और ये परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
ये हैं नरसिंहपुर जिले का सिंहपुर गांव, इस गांव की आबादी लगभग 5500 के करीब है और शिक्षकों की संख्या 400 से 500 तक है।
सिंहपुर गांव के लिए एक कहावत मशहूर है कि अगर आप यहां एक पत्थर भी उछालें, तो वह किसी शिक्षक पर ही गिरेगा।
सिंहपुर गांव के लोग शिक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा ही वह ताकत है जो समाज को आगे बढ़ाती है।
ग्रामीण चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियां भी इसी राह पर आगे बढ़ें और शिक्षा के माध्यम से समाज को नई दिशा दें।
शिक्षा के माध्यम से समाज को दी नई दिशा
सिंहपुर गांव में शिक्षक के पेशे का स्तर इतना ऊंचा है कि चार-पांच पीढ़ियों से शिक्षक बनने का सिलसिला चला आ रहा है।
यहां के शिक्षकों की कहानियां काफी प्रेरणादायक हैं, इनका समर्पण गांव को एक शिक्षा का केंद्र बना देता है।
यहां कुछ परिवार में 4-5 पीढ़ी से लोग शिक्षक हैं, वहीं कुछ परिवार में तो सभी सदस्य ही शिक्षक हैं।
ऐसे में शिक्षा का प्रभाव केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
बेशक ही सिंहपुर गांव में हर घर में शिक्षक होने की स्थिति एक आदर्श और प्रेरणादायक उदाहरण हमारे समाज के लिए।
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