Action Against Health Workers: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
बैरसिया के एक उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने वाले सभी कर्मचारी नप गए।
मामले में 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर गाज गिरी है, जिसमें से 5 को नौकरी से निकालने का आदेश दिया गया है।
इलाज में लापरवाही से गर्भवती और शिशु की मौत
भोपाल से सटे बैरसिया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है।
यहां इलाज में लापरवाही के चलते गर्भवती और शिशु की मौत हो गई थी।
20 सितंबर को लेबर पेन होने पर 21 साल की शिवानी केवट को उसके परिजन प्रसव के लिए सुहाया उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए थे।
यहां के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने चेकअप के बाद तुरंत प्रसव कराने के प्रसूता को भोपाल रेफर कर दिया था।
असहनीय दर्द की वजह से शिवानी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया और गर्भस्थ शिशु की भी मौत हो गई थी।
लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर गिरी गाज
इस मामले में अब जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन लिया है।
बैरसिया के उप स्वास्थ्य केंद्र सोहाया में पदस्थ सभी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
इसमें से 5 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया गया है।
एक कर्मचारी को निलंबित करने के अलावा 2 अफसरों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है।
एक कर्मचारी पर विभागीय जांच शुरू की गई है, वहीं अन्य एक कर्मचारी को नोटिस जारी हुआ है।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि जांच में सामने आया कि प्रसव के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है ।
इन 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने जिन पर कार्रवाई की है, उनमें कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ज्योति दाते, एएनएम-सेवा अनीता सेन, एएनएम तबस्सुम अख्तर, आशा सहयोगी संगीता शर्मा और आशा कार्यकर्ता सीमा सैनी का नाम शामिल है।
इन 5 स्वास्थ्य कर्मचारियों को नौकरी से निकाला दिया गया है।
वहीं सेक्टर सुपरवाइजर बीके श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया गया है।
इसके अलावा मनोज मेहर, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक और अंजू बिहारे, प्रभारी कम्युनिटी मोबइलाइजर की वेतन वृद्धि रोकी गई है।
डॉ. पुष्पा गुरु, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी बैरसिया के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. पूनम श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।
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