Notice To Officer For Laughing: हंसना जीवन का एक खूबसूरत हिस्सा है!
यह न केवल मन को हल्का करता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
लेकिन, यही हंसना छतरपुर में एक अधिकारी को भारी पड़ गया।
जनसुनवाई के दौरान हंसने को अनुशासनहीनता मानते हुए अपर कलेक्टर ने अधिकारी को नोटिस थमा दिया।
वहीं जब से नोटिस सामने आया है तो हर कोई इसे पढ़कर हैरान तो है ही साथ ही अपनी हंसी भी नहीं रोक पा रहा है।
ADM ने कहा- ये अनुशासनहीनता और लापरवाही
छतरपुर जिला पंचायत में हुई जनसुनवाई के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया है।
जनसुनवाई में हंसने वाले नोडल अधिकारी केके तिवारी से अपर कलेक्टर (ADM) मिलिंद नागदवे ने जवाब मांगा।
एडीएम ने इसे अनुशासनहीनता, कार्य के प्रति लापरवाही और दंडनीय मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यह घटना 29 अक्टूबर की है, जबकि नोटिस 30 अक्टूबर को जारी किया गया था।
वहीं इस मामले में नोडल अधिकारी केके तिवारी का कहना है कि जनसुनवाई के दौरान हम किसी बात को लेकर पास में बैठे संबंधित व्यक्ति से चर्चा कर रहे थे।
अपर कलेक्टर को लगा कि मैं हंस रहा हूं, इस पर उन्होंने नोटिस दिया था।
हमने नोटिस का जवाब दे दिया था, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ये है अधिकारी को हंसने पर थमाया गया नोटिस
अपर कलेक्टर ने केके तिवारी को जो नोटिस जारी किया गया है उसमें लिखा है जनसुनवाई के दौरान आप हंसते हुए पाए गए हैं।
आपका इस प्रकार का कृत्य शासकीय कर्तव्य निर्वहन के समय वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आपकी अनुशासनहीनता और कर्तव्य के प्रति आपकी उदासीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है।
आपका कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 (एक), (दो), (तीन) के तहत गंभीर कदाचरण है।
साथ ही मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत दण्डनीय है।
अतः आप आशय का लिखित उत्तर अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करें कि इस काम के लिए क्यों न आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए?
आपका प्रति उत्तर नियत समयावधि में प्राप्त नहीं होने अथवा संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर यह मान लिया जायेगा कि आपके द्वारा की गई लापरवाही के लिए आप खुद उत्तरदायी हैं।
हंसने पर नोटिस, सोशल मीडिया पर वायरल
ये मामला 20 दिन पहले का है, इस दिन छतरपुर के जिला पंचायत भवन के सभाकक्ष में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था।
जिसमें ई-गवर्नेंस के सहायक प्रबंधक केके तिवारी किसी विषय पर पास बैठे व्यक्ति से चर्चा कर रहे थे।
इस दौरान वह मुस्कुरा उठे, जिसे एडीएम ने अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की।
एडीएम का कहना था कि सरकारी मंच पर इस प्रकार का व्यवहार अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
अपर कलेक्टर का यह नोटिस इस समय खूब चर्चा में है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हंसने पर इस तरह की कार्रवाई पहली बार सामने आई है।
इतना ही नहीं कुछ लोग तो इसे अपर कलेक्टर का तुगलकी फरमान भी बता रहे हैं।
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