Chhindwara Water Disease: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है।
जहरीली कफ सिरप की घटना के बाद अब जिले के राजौला गांव में कुएं का दूषित पानी पीने से 60 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं।
करीब 10 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में ही अस्थाई अस्पताल बनाए हैं और पानी की टंकियों की सफाई के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विकासखंड के राजौला गांव में मंगलवार को अचानक कई लोगों को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायतें होने लगीं।
लोगों की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल गांव पहुंचीं।
जांच में पता चला कि यह सब गांव के एक कुएं का दूषित पानी पीने से हुआ है।
इस कुएं के पानी का इस्तेमाल गांव के लगभग 150 परिवार कर रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया और बीमार लोगों का इलाज शुरू किया।
अब तक 374 मरीजों का अस्थाई अस्पताल में इलाज किया जा चुका है, जिनमें से 141 मरीजों को ड्रिप (आईवी फ्लूइड) लगाई गई है।
10 गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए सिंगोड़ी अस्पताल रेफर किया गया है।
प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए गांव में 4 एम्बुलेंस तैनात कर दी हैं।
#WATCH | Madhya Pradesh | Several people fall ill after consuming contaminated water from a well in Chhindwara’s Rajola village
SDM Chhindwara, Hemkaran Dhurve, says, “We had conducted a check-up of 150 families yesterday. 60 people from 150 families were found suffering from… pic.twitter.com/T9j4TEEg2G
— ANI (@ANI) October 16, 2025
दूषित पानी में मिले चार मृत कबूतर
इस पूरे मामले की जांच कर रहे अमरवाड़ा के एसडीएम हेमकरण धुर्वे के मुताबिक, ग्रामीणों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कुएं की जांच के दौरान उसमें चार मृत कबूतर मिले।
इन मरे हुए कबूतरों के कारण ही कुएं का पानी दूषित हुआ और लोग बीमार पड़े।
बाद की गहन जांच में गांव के कुछ अन्य जल स्रोतों में भी मृत पशु-पक्षी मिले हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत ने पीने के पानी के स्रोतों, टंकियों और कुओं की नियमित सफाई नहीं करवाई, जिसके चलते यह हालात पैदा हुए।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
इस स्वास्थ्य संकट के बाद प्रशासन हरकत में आया है। जिला कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने तुरंत स्वास्थ्य और जलापूर्ति विभाग की टीमों को गांव भेजा। मुख्य कदम इस प्रकार हैं:
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अस्थाई अस्पताल: गांव के ग्राम पंचायत भवन और आंगनवाड़ी केंद्र पर 10 बिस्तरों का अस्थाई अस्पताल बनाया गया है, जहां मरीजों को त्वरित और निशुल्क इलाज दिया जा रहा है। इस व्यवस्था को अगले 2-3 दिन तक जारी रखने का निर्देश है।
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पानी के स्रोतों की सफाई: पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के अधिकारियों को गांव के सभी कुओं और पानी की टंकियों की तत्काल सफाई करने और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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निगरानी और सर्वे: स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टीमें लगातार गांव में निगरानी और घर-घर सर्वे कर रही हैं ताकि कोई भी बीमार व्यक्ति इलाज से वंचित न रह जाए।
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राजनीतिक हस्तक्षेप: अमरवाड़ा के विधायक कमलेश प्रताप शाह ने भी मामले में दखल देते हुए कलेक्टर से त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
क्या है अब तक की स्थिति?
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, अब तक भर्ती किए गए ज्यादातर मरीजों की हालत में सुधार है और स्थिति नियंत्रण में है।
हालांकि, गंभीर मरीजों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
प्रशासन ने लोगों से साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने और किसी भी तरह की लापरवाही बरतने से बचने की अपील की है।
लोगों के लिए सुझाव
- स्वच्छ जल स्रोत: हमेशा सुनिश्चित करें कि आप जिस पानी का सेवन कर रहे हैं, वह स्वच्छ और साफ स्रोत से आ रहा है।
- नियमित सफाई: घरेलू और सार्वजनिक जल स्रोतों (जैसे टंकी, कुएं) की नियमित सफाई और रखरखाव बेहद जरूरी है।
- लक्षणों पर ध्यान: उल्टी, दस्त, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घरेलू उपचार पर निर्भर न रहें।
- सामुदायिक जिम्मेदारी: गांव और मोहल्ले के स्तर पर लोगों को जल स्रोतों की साफ-सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए और प्रशासन से उचित रखरखाव की मांग करनी चाहिए।