Ahmedabad plane crash survival: गुरुवार, 12 जून को अहमदाबाद के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 एक भयानक हादसे का शिकार हो गई।
विमान के उड़ान भरते ही एक बड़ा धमाका हुआ जिससे प्लेन में सवार 241 यात्रियों की मौत हो गई।
लेकिन इस त्रासदी एक यात्री सही सलामत बच गया था, जिसे मामूली चोंटे आई थी। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
इस शख्स की ही तरह एक महिला यात्री की कहानी भी सामने आई है जो इस प्लेन हादसे में बाल-बाल बची है।
दरअसल, भूमि चौहान नाम की ये महिला महज चंद मिनटों की देरी के कारण एयर इंडिया के प्लेन में सवार नहीं हो पाई थी।
और इसी देरी ने उनकी जिंदगी बचा ली।
जानिए कैसे बची भूमि चौहान की जान…
ट्रैफिक जाम की वजह से 10 मिनिट देरी से पहुंचीं
भरूच की रहने वाली भूमि चौहान इस फ्लाइट में सवार होने वाली थीं, लेकिन अहमदाबाद के भीषण ट्रैफिक जाम के कारण वह महज 10 मिनट की देरी से हवाई अड्डे पर पहुंचीं और उन्हें बोर्डिंग की अनुमति नहीं मिली।
आज वह इस देरी को भगवान का आशीर्वाद मानते हुए कहती हैं, “मेरे बप्पा (गणपति) ने मुझे बचा लिया!”

“मैं कांप रही हूं… यह भगवान का करिश्मा है”
भूमि चौहान ब्रिटेन में रहती हैं और दो साल बाद छुट्टियां मनाने भारत आई थीं।
गुरुवार को वह लंदन वापस लौटने वाली थीं, लेकिन अहमदाबाद शहर में ट्रैफिक जाम के कारण वह समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच सकीं।
उन्होंने बताया, “हम चेक-इन गेट पर सिर्फ 10 मिनट लेट हो गए, लेकिन एयरलाइन स्टाफ ने मुझे बोर्ड करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे फ्लाइट को और देरी होगी। मैं निराश होकर वापस लौट आई।”
कुछ ही देर बाद जब उन्हें पता चला कि वह फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, तो वह स्तब्ध रह गईं।
“मेरा शरीर कांप रहा था… मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी। यह भगवान का करिश्मा है कि मैं जिंदा हूं,” भूमि ने कहा।
“मौत सिर्फ 10 मिनट दूर थी…”
फ्लाइट AI 171 दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एक मेडिकल कॉलेज के पास गिर गई।
विमान में सवार सभी 265 लोगों की मौत हो गई।
अगर भूमि समय पर पहुंच जातीं, तो वह भी इसी उड़ान का हिस्सा होतीं।
“मैं भाग्यशाली हूं कि ट्रैफिक ने मेरी जान बचाई। मैं देवी मां और भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं,” उन्होंने कहा।
पल भर में बदल गई कहानी
यह घटना जिंदगी की नाजुकता को दर्शाती है।
कभी-कभी छोटी सी देरी या संयोग किसी की जिंदगी बचा देते हैं।
भूमि चौहान की कहानी इस बात का प्रमाण है कि भाग्य का कोई भरोसा नहीं होता।
आज वह उन लोगों के लिए प्रार्थना कर रही हैं जो इस हादसे का शिकार हुए, लेकिन साथ ही वह अपनी किस्मत को कोसने की बजाय उसका शुक्रिया अदा कर रही हैं।


