MPs Ajmer scandal: 33 साल पहले अजमेर में हुए सेक्स स्कैंडल ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
उस समय फारूक और नफीस चिश्ती के नेतृत्व में एक गिरोह ने 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ लगातार कई सालों तक गैंगरेप किया था।
अब मध्य प्रदेश के भोपाल से भी एक ऐसा ही केस सामने आया है।
यहां 3 युवकों ने पहले नाम बदलकर कॉलेज की लड़कियों से दोस्ती की और फिर ब्लैकमेलिंग और गैंगरेप का सिलसिला शुरू हुआ।
पहले तो पीड़िताएं शर्म के मारे चुप रहीं लेकिन जब एक शिकायत हुई तो धीरे-धीरे पूरा मामला सामने आया।
इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 1 फरार है।
आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला…
भोपाल के टीआईटी कॉलेज का मामला
सभी लड़कियां भोपाल के रायसेन रोड पर स्थित टीआईटी कॉलेज में पढ़ती हैं।
यहां 3 मुस्लिम छात्रों फरहान खान, साहिल खान और अली खान ने पहले नाम बदलकर तीन हिंदू छात्राओं से दोस्ती की और फिर उन्हें प्रेम जाल में फंसाया।
फिर उन्हें मिलने के बहाने बुलाकर अलग-अलग जगहों पर ले जाकर जबरन संबंध बनाए, जिसका वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया।
इसके बाद शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का सिलसिला।
आरोपियों ने लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर इन्हें वायरल करने की धमकी दी और कई बार उनके साथ गैंगरेप किया।

2022 में शुरू ये खेल, नाम बदलकर की दोस्ती
जिस लड़की ने शिकायत दर्ज कराई थी उसके मुताबिक आरोपियों और उनके बीच दो साल से रिश्ते थे।
वर्ष 2022 में दूसरे वर्ष की पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात कॉलेज के ही फरहान खान से हुई थी।
फरहान ने उससे नाम बदलकर दोस्ती की।
वह युवती को कॉलेज के अन्य दोस्तों के साथ जहांगीराबाद स्थित एक दोस्त के घर लेकर पहुंचा।
वहां उसने युवती से दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया।
छात्रा को जब वीडियो के बारे में जानकारी मिली तो फरहान ने बताया कि वह उससे प्रेम करता है।
अगर वह उसके अनुसार नहीं चलेगी तो वह वीडियो वायरल कर देगा।
वर्ष 2024 में फरहान ने उसे ब्लैकमेल करते हुए अपने दोस्त अबरार के साथ संबंध बनाने को मजबूर किया।

छोटी बहन से भी की हैवनियत
पीड़िता ने बताया कि इस दौरान उसने अपने परिवार में किसी से कोई बात नहीं की थी।
वह अपनी बहन के साथ अशोकागार्डन में रहती थी।
पीड़िता ने बताया कि पिछले वर्ष उसकी छोटी बहन भी कुछ दिनों से गुमसुम थी।
जब उसने कारण पूछा तो बताया कि फरहान ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे प्रताड़ित कर रहा है।
साथ ही उसने बड़ी बहन को सभी तरह की यातनाओं के बारे में बताया।
पीड़िता को पिछले दिनों पता चला कि कॉलेज की एक अन्य युवती ने भी फरहान के विरुद्ध शिकायत की है, तब हिम्मत करके वो पुलिस के पास पहुंची।
धर्म बदलने के लिए दबाव बनाते थे आरोपी
तीनों पीड़िताओं ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि आरोपी उन पर धर्म बदलकर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाते थे।
पीड़िताओं से दुष्कर्म के बाद उन्हें जबरन मांस खिलाकर धर्म भ्रष्ट किया और गांजा पिलाया।
उन्हें शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
बात नहीं मानने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती थी।

सहेलियों से दोस्ती कराने का दबाव बनाया
फरहान ने वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर दोस्त साहिल और अली से सहेलियों की दोस्ती कराने का दबाव बनाया।
दोनों साथियों ने पहली ही मुलाकात में युवतियों से शारीरिक संबंध बनाए और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आए दिन ज्यादती करना शुरू कर दिया।
आरोप है कि अली खान ने अशोका गार्डन की एक होटल में युवती के साथ ज्यादती की।
साहिल खान ने जहांगीराबाद में एक कमरे में और फरहान खान ने बागसेवनिया के एक होटल में रेप किया।
लिहाजा पुलिस ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज की।
ऐसे सामने आया मामला
पहले तो पीड़ित बदनामी के डर से कुछ समय तक चुप रही लेकिन जब मामला हद से ज्यादा बढ़ गया तो एक छात्रा ने पुलिस में शिकायत कर दी।
बीते 18 अप्रैल को बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा ने बागसेवनिया थाने में शिकायत की।
इसके बाद पुलिस को दो और शिकायते मिलीं।
इस मामले में शामिल दो आरोपी कोलकाता में रहते हैं, पुलिस की टीम उनकी तलाश में वहां पहुंच गई है।

4 दिन तक मामला छिपाती रही पुलिस
हैरानी की बात ये है कि पुलिस इस मामले को चार दिनों तक छिपाती रही।
बागसेवनिया पुलिस ने 18 अप्रैल को केस दर्ज किया था। लेकिन 6 दिन केस को दबाए रखा।
गुरुवार को मामला सामने आया है।
फिर कही जाकर बागसेवनिया पुलिस ने जीरो पर कायमी कर अशोकागार्डन, जहांगीराबाद और ऐशबाग थाने में केस ट्रांसफर किया।
जांच के लिए SIT गठित
इस मामलें की गंभीरता देखते हुए एक एसआईटी (SIT) गठित की गई है। जो पूरी जांच करेगी।
भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने चार अफसरों का विशेष जांच दल गठित कर दिया है।
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित फराज खान और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर चुकी है।
इसमें दर्जन भर अन्य लोग भी शामिल हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

बढ़ सकती हैं पीड़िताओं की संख्या
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार दो आरोपितों के मोबाइल से कई युवतियों के साथ दुष्कर्म के वीडियो मिले हैं।
वीडियो में आरोपित युवक दुष्कर्म करते हुए छात्राओं से धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहते भी दिखाई दिए हैं।
आरोपी युवकों के मोबाइल से कॉलेज की कई छात्राओं के नम्बर भी मिले है।
पुलिस को आशंका है उनका भी शारीरिक शोषण हुआ होगा।
पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल की जांच के लिए साइबर क्राइम को भेज दिए हैं।
घटना के वक्त नाबालिग थीं छात्राएं
घटना के समय कई छात्राएं नाबालिग थीं, जिसके चलते पुलिस ने आरोपितों के विरूद्ध पाक्सो व धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का मामला भी दर्ज किया है।
वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपियों न सिर्फ छात्राओं का शोषण कर रहे थे बल्कि हजारों रुपये भी ऐंठे है।
लव-जिहाद के साथ अन्य मामलों में केस दर्ज
सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जबकि पीड़िता हिंदू हैं।
आरोपियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, ज्यादती और लव जिहाद के तहत केस दर्ज किया गया है।
घटना के समय कई छात्राएं नाबालिग थीं, जिसके चलते पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध पाक्सो व धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का मामला भी दर्ज किया है।
पुलिस को अब तक चार छात्राओं से दुष्कर्म कर ब्लैकमेल की जानकारी मिली है।
33 साल पहले अजमेर में भी हुआ था ऐसा सेक्स स्कैंडल
- 1992 में अजमेर में भी ऐसा ही सेक्स स्कैंडल सामने आया था।
- यहां कुछ मुस्लिम युवकों ने पहले एक कॉलेज की छात्रा को फंसाकर उसके साथ दुष्कर्म की तस्वीरें उतारीं और उसके सहारे ब्लैकमेल कर छात्रा के साथ महीनों दुष्कर्म किया, फिर उसकी दूसरी सहेलियों को भी बुलाया।
- पीड़ितों को दूरदराज इलाके या फार्महाउस में फुसलाकर ले जाते थे और उनका वहां सामूहिक रूप से यौन शोषण करते थे।
- इस स्कैंडल की कहानी एक स्थानीय समाचार पत्र दैनिक नवज्योति द्वारा प्रकाशित एक लेख के साथ सबके सामने आई, जिसमें अपराधों की घटनाओं का विवरण दिया गया था और बलात्कारियों द्वारा ली गई कुछ चित्रों को दिखाया गया था।
- उसी समय पुलिस ने इस कांड की जांच शुरू कर दी।
- जिसमें यह पता चला कि स्थानीय अधिकारियों को एक साल पहले तक इन घटनाओं के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने से परहेज किया गया।
- सितंबर 1992 में अट्ठारह सिलसिलेवार अपराधियों पर अदालत में आरोप लगाए गए और मुकदमे के तहत पहले आठ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
- चार को बाद में 2001 में राजस्थान उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था।
- 2007 में अजमेर में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फारूक चिश्ती को दोषी ठहराया, लेकिन 2013 में उच्च न्यायालय ने उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया।
- दावा है कि अजमेर कांड में 250 से ज्यादा लड़कियां शिकार बनी थीं।
- यह देश का सबसे बड़ा ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म कांड माना जाता है।