Amarnath Pilgrims Demanded Weapons: पहलगाम आतंकी हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे भक्तों ने सरकार से एक अनोखी मांग की है।
उन्होंने यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध कराने की गुजारिश की है।
“हम आतंकियों का सामना करने को तैयार”
जम्मू-कश्मीर बैंक में रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा, “हम अमरनाथ यात्रा जरूर करेंगे।
भोलेनाथ और भारतीय सेना पर हमें पूरा भरोसा है, लेकिन सरकार हमें हथियार दे दे तो हम खुद भी आतंकियों का मुकाबला करने को तैयार हैं।”

सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा, पर सतर्कता जरूरी
यात्रियों ने केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि “आतंकी हमले हमारे हौसले नहीं तोड़ सकते। हम भारत सरकार और सेना के साथ हैं, लेकिन अगर हमें हथियार मिलें तो हम अपनी सुरक्षा खुद भी कर सकते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने भी यात्रा सुरक्षा पर लिया संज्ञान
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में पहलगाम हमले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें यात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपायों की मांग की गई है।

पहले भी हुए हैं अमरनाथ यात्रा के दौरान हमले
पहलगाम से अमरनाथ की दूरी महज 32 किलोमीटर है और इस यात्रा पर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं।
- साल 2000 में आतंकवादियों ने अमरनाथ बेस कैंप में यात्रियों को निशाना बनाया था।
इस हमले में 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 60 घायल हो गए थे। - 2001 में, अमरनाथ यात्रियों पर शेषनाग में हुए हमले में 13 लोग मारे गए थे और 15 घायल हो गए थे।
- 2002 में हुए एक और हमले में 11 लोगों की जान चली गई थी।
- 2017 में, अमरनाथ से लौट रहे आठ तीर्थयात्रियों को गोली मार दी गई थी।
3 जुलाई से शुरू होगी यात्रा
- यात्रा तिथि: 3 जुलाई से 9 अगस्त 2024 (38 दिन)
- मध्य प्रदेश से यात्रियों की संख्या: प्रतिवर्ष 35,000-40,000
- भोपाल से यात्रियों की संख्या: प्रतिवर्ष 12,000-15,000
अमरनाथ यात्रा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
स्थान: श्रीनगर से 141 किमी दूर, समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित
मार्ग: पहलगाम और बालटाल दो प्रमुख मार्ग
आस्था का केंद्र: प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के दर्शन
पहलगाम हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रियों का मनोबल अडिग है।
भक्तों ने स्पष्ट किया है कि वे आतंकवाद के आगे झुकने वाले नहीं हैं और यात्रा जारी रखने के साथ-साथ अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेने को तैयार हैं