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अनंत चतुर्दशी की झांकियों का 101वां साल पूरा, ढोलक की थाप पर कलाकारों का प्रदर्शन

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Anant Chaturdashi and Jhankiya: इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियों का 101वां साल पूरा हो गया।

12 घंटे में झांकियों ने 6 किमी का सफर पूरा किया, जिसे देखने इंदौर शहर रातभर जागा।

झांकियां देखने रातभर जागा इंदौर

इंदौर में मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर शहर में झांकियां निकाली गई।

झांकी मार्ग पर 2 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। इनमें कई लोग दूसरे शहरों से भी आए थे।

पूरी रात महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।

चिकमंगलूर चौराहे से शुरू हुआ झांकियों का कारवा सुबह अपने गंतव्य भंडारी ब्रिज तक पहुंचा।

झांकियों का जगह-जगह स्वागत किया गया। लोग घरों की छत और गैलरियों से पुष्प वर्षा करते नजर आए।

जनता की सुरक्षा के लिए पूरे झांकी मार्ग पर 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे, साथ ही ड्रोन से निगरानी की गई।

अनंत चतुर्दशी पर इस 26 झांकियां शामिल की गईं। इनमें 15 झांकी मिलों की है और 11 झांकी शासकीय है।

झांकी निर्णायक समिति ने प्रथम पुरस्कार हुकुमचंद मिल और द्वितीय पुरस्कार राजकुमार मिल और कल्याण मिल को संयुक्त तौर पर दिया।

वहीं तृतीय पुरस्कार मालवा मिल को और विशेष पुरस्कारस्वदेशी मिल होप टेक्सटाइल भंडारी मिल दिया गया।

अखाड़ों के बच्चों और युवतियों ने दिखाए करतब

इंदौर में अनंत चतुर्दशी के चल समारोह में झांकियों के साथ अखाड़ों की परंपरा भी है।

अखाड़ों के कलाकार ढोलक की थाप पर गतका, एक हाथ का पटा, और बनेठी जैसे करतब दिखाते हैं।

इस परंपरा की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई थी। इन कलाकारों में छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं।

इस बार भी ढोलक की थाप पर कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन दिखाया।

शस्त्र कला प्रदर्शन में बेटियां भी आगे नजर आई।

हर साल इंदौर के कई पुराने इलाकों से ये अखाड़े निकलते हैं।

अखाड़ों की संख्या पहले 90 थी जो अब करीब 65 हो गई है।

मंत्री ने भजन गाया, मंच पर चले लात-घूंसे

झांकी में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भजन गाए। किन्नरों ने झांकी पर पुष्प वर्षा की।

उज्जैन से आई युवकों को टोली ने गरबा किया। यह सिलसिला पूरी रात चलता रहा।

देर रात बारिश होने लगी तब भी लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिखी।

दूसरी ओर पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बावजूद जेल रोड स्थित नॉवेल्टी मार्केट में कुछ लोगों में लात-घूंसे चलने लगे।

चल समारोह में असामाजिक तत्वों ने मंच भी तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि यह झगड़ा मंच पर आपसी विवाद के कारण शुरू हुआ।

झांकियों में दिखा कोलकाता रेप-मर्डर केस का दर्द

कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के दर्द को भी झांकियों में दिखाया गया।

एक झांकी में लेडी डॉक्टर को गुंडों से मुकाबला करते हुए दिखाया गया।

इसमें संदेश दिया गया कि बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाना चाहिए।

इस दौरान लोग ‘बेटी डॉक्टर बनी पर बची नहीं’ के बैनर हाथ में लिए चल रहे थे।

101वें साल में 10 प्रमुख झांकियां – 

  1. खजराना गणेश मंदिर की झांकी पर्यावरण की रक्षा और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली थी, भगवान गणेश द्वारा शिव-पार्वती की परिक्रमा करते हुए भी झांकी भी बनाई गई थी।
  2. नगर निगम की झांकी का ये 29वां साल था, इसमें सफाई मित्रों के योगदान, योग-प्राणायाम को बढ़ावा देते हुए झांकी शामिल की गई, साथ ही हरियाली महोत्सव, निगम के डिजिटाइजेशन को भी प्रदर्शित किया।
  3. इंदौर विकास प्राधिकरण की झांकी का यह 27वां साल था, इसमें शहर में चल रही योजनाओं के अलावा राम भक्त हनुमान की भक्ति समेत अन्य झांकी दिखाई गई।
  4. मालवा मिल की झांकी का यह 90वां साल है, पहली में राष्ट्रीय एकता, दूसरी में भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप और तीसरी झांकी में सीताराम का स्वयंवर दिखाया गया।
  5. सबसे पुरानी हुकुमचंद मिल की झांकी का यह 101वां साल था, 3 झांकियों में सत्यम शिवम सुंदरम गीत, भगवान श्री कृष्ण का जन्म और श्रीकृष्ण-इंद्र के बीच हुए युद्ध को दिखाया गया।
  6. कल्याण मिल की झांकी का ये 95वां साल था, इसमें मां कालका को रक्तबीज राक्षस का वध करते हुए दिखाया और एक अन्य झांकी में भाईचारे का संदेश दिया।
  7. 75 साल से अनंत चतुर्दशी की झांकी में शामिल हो रहे होप टेक्सटाइल्स की 2 झांकियों में भगवान गणेश के मस्तक की स्थापना और शिव तांडव नृत्य को दिखाया गया था।
  8. कला आकलन संस्था द्वारा झांकी में महाभारत का दृश्य बताया गया, इसमें भगवान श्रीकृष्ण महाभारत युद्ध में अर्जुन का रथ चलाते दिख रहे हैं और वे अर्जुन को गीता का उपदेश भी दे रहे हैं।
  9. महावीर व्यायाशाला की झांकी में भगवान हनुमान को वीर योद्धा के रूप में दिखाया गया है, उनकी झांकी के साथ हनुमान चालीसा और जय-जय-जय बजरंगबली जैसे भजन बजाए जा रहे थे।
  10. श्री शास्त्री कॉर्नर नवयुवक मंडल की झांकी में भगवान विष्णु का वराह अवतार दिखा, साथ ही भगवान विष्णु को शेषनाग पर बैठा दिखाया और उनकी नाभि से निकले कमल पर भगवान ब्रह्मा विराजित दिखें।

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