Andhra Pradesh Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक मंदिर में शनिवार को हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना ने आस्था के पर्व को शोक में बदल दिया।
काशी बुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिक मास की एकादशी के पावन अवसर पर भारी भीड़ जमा थी, जहाँ अचानक मची भगदड़ में अब तक 10 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य घायल हैं।
अधिकारियों का कहना है कि कुछ घायलों की हालत नाजुक है, इसलिए मृतकों का आँकड़ा और बढ़ सकता है।

कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा तब हुआ जब मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार के पास अचानक भीड़ का दबाव बहुत बढ़ गया।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भीड़ के अचानक बढ़ते दबाव के कारण लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई और लोग संतुलन खोकर गिर पड़े।
गिरते ही उनके ऊपर से भागती भीड़ निकलने लगी, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और कई लोग कुचले गए।

चश्मदीदों का कहना है कि सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का ताँता लगा हुआ था, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, जिसके चलते हालात बेकाबू हो गए।
तत्काल कार्रवाई और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुँच गईं।
घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुँचाया गया, जहाँ उनके इलाज का इंतजाम किया गया।
राज्य के कृषि मंत्री के. अत्चन्नायडू भी घटनास्थल पर तुरंत पहुँचे और मंदिर प्रशासन से बात कर घटना की जाँच शुरू करवाई।

मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और आगे की जाँच में मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख और सदमा व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ की घटना से मैं गहरा सदमे में हूँ। इस दुखद घटना में श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

मुख्यमंत्री नायडू ने आगे बताया कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों को शीघ्र और उचित उपचार प्रदान करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
साथ ही, उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे घटनास्थल का दौरा करें और राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण करें ताकि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता मिल सके।
जांच के आदेश
इस दुर्घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं।

जांच में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि आखिर भीड़ नियंत्रण में कहाँ चूक हुई और इतनी बड़ी त्रासदी को रोकने के लिए पहले से क्या तैयारियाँ की गई थीं।
अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या मंदिर प्रबंधन ने इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे।


