Minister’s Representative Assault: छत्तीसगढ़ में दबंगों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्होंने विधायक प्रतिनिधि को भी नहीं छोड़ा।
कोरबा में दबंगों ने बीजेपी विधायक और कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन के प्रतिनिधि के साथ मारपीट की।
यह घटना जमीन विवाद को लेकर शुरु हुई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
वहीं पीड़ित ने चौकी प्रभारी पर दबंगो को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
मंत्री लखनलाल देवांगन के प्रतिनिधि की पिटाई
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन के प्रतिनिधि राजेंद्र पटेल के साथ मारपीट का मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला मानिकपुर पुलिस चौकी अंतर्गत दादर गांव का है।
बताया जा रहा है कि जमीन विवाद को लेकर हंगामा शुरू हुआ था।
इसी बीच दबंग ने विधायक प्रतिनिधि राजेंद्र पटेल को सरेआम तमाचा जड़ दिया।
राजेंद्र पटेल ने आरोप लगाया कि सौरभ तिवारी और उसके परिवार के सदस्य गांव की एक किसान की भूमि पर कब्जा कर रहे थे।
जब पटेल ने जमीन के विवाद को लेकर हस्तक्षेप किया और तोड़फोड़ को रोका, तो तिवारी ने उन्हें गाली-गलौच करते हुए थप्पड़ मारा।
जमीन पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद
एसपी कार्यालय शिकायत करने पहुंचे राजेंद्र पटेल ने बताया कि यह घटना जमीन विवाद को लेकर हुई है।
सौरभ तिवारी और उसके परिवार के लोगों ने गांव के किसान की भूमि पर कब्जा किया था।
ग्रामीण बिसाहू यादव के गौशाला को तोड़े जाने की शिकायत पर राजेंद्र पटेल मौके पर गए थे।
जमीन का मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण विधायक प्रतिनिधि ने तोड़फोड़ करने से मना किया गया।
इसके बाद सौरभ तिवारी ने उसके साथ विवाद करते हुए मारपीट किया गया।
इस दौरान एक महिला ने भी उन्हें लकड़ी से मारा।
वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि राजेंद्र पटेल ने उनकी मां के साथ विवाद और मारपीट की है।
चौकी प्रभारी पर दबंगो को संरक्षण देने का आरोप
फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस पूरे मामले में पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए राजेंद्र पटेल ने एसपी सिद्धार्थ तिवारी और मंत्री लखनलाल देवांगन से शिकायत की है।
राजेंद्र पटेल ने बताया कि उन्हें बार-बार पुलिस चौकी बुलाकर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
पीड़ित का आरोप है कि मानिकपुर चौकी प्रभारी दबंगई करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने के बजाये उन्हे संरक्षण दे रहे है।