भुवनेश्वर: उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण ही स्वदेशी के संकल्प को साधने और देश के जगद्गुरु बनने के सपने को साकार करेगा।
वे शुक्रवार को उड़िया दैनिक समाचार पत्र ‘निर्भय’ के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि एक विकसित भारत का निर्माण सभी का साझा सपना है और यदि प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे तो इस लक्ष्य को कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मीडिया की भूमिका को अहम बताया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय भाषाओं का संरक्षण देश की अखंडता के लिए अनिवार्य है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्र ने किसी विदेशी भाषा के माध्यम से न तो उल्लेखनीय प्रगति की है और न ही उससे मौलिक चिंतन की उत्पत्ति होती है।
प्रो. द्विवेदी ने कहा, “स्वराज लाना है तो ‘स्वदेश’ बनाना भी होगा। स्वदेशी के आधार पर ही देश मजबूती से खड़ा हो सकता है। भारतीय भाषाओं के उन्नयन से ही हमारी कला, साहित्य, संस्कृति, सिनेमा और रंगमंच जैसी प्रदर्शन कलाएं सुरक्षित रहेंगी।”
उन्होंने परिवार संस्था पर चिंता जताते हुए कहा, “हमने वसुधैव कुटुम्बकम का सिद्धांत दिया है, लेकिन आज हमारे अपने परिवार संकट में हैं। यदि परिवार नहीं बचेगा तो हमारे मूल्य और संस्कृति, दोनों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।”
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सत्य सुंदर बारीक और संपादक नवीन दास ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्र, पूर्व वित्त मंत्री प्रफुल्ल घड़ेई, पूर्व कृषि मंत्री अमर प्रसाद सत्पथी, अभिनेत्री पिंकी प्रधान, साहित्यकार गौरहरि दास और भाजपा प्रवक्ता सज्जन शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन संबित महापात्र ने किया।
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