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औरंगजेब कब्र विवाद: नागपुर में एक अफवाह की वजह से भड़की हिंसा की चिंगारी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Nagpur Violence: औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में चल रहे विवाद ने 17 मार्च की शाम हिंसक रूप ले लिया, जिसकी आग में नागपुर शहर बुरी तरह झुलस गया।

एक अफवाह की वजह से यहां प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी जिसमें कई घर और वाहन जलाए गए।

इस हिंसा में पुलिस और आम नागरिकों पर भी हमले हुए।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की और शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू भी लगा दिया।

आखिर कैसे हुआ ये सब आइए जानते हैं…

यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने सोमवार को नागपुर के महाल गांधी गेट क्षेत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष औरंगजेब का पुतला जलाया गया।

इन संगठनों ने दावा किया कि खुल्दाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाना जरूरी है।

उनका तर्क है कि औरंगजेब एक “अत्याचारी शासक” था, और उसकी कब्र का सम्मान करना उचित नहीं है।

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धार्मिक किताब जलाने की अफवाह

इसी दौरान विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जला दिया।

फिर अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए हो रहे प्रदर्शन में दक्षिणपंथी समूह ने एक धार्मिक किताब जलाई। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई।

अधिकारियों के मुताबिक सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके से यह हिंसा फैली।

पुलिस पर भी किया हमला

पुलिस ने उपद्रवियो को काबू करने का प्रयास किया तो इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया।

पुलिस पर हमले में आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई।

अनियंत्रित भीड़ ने इस इलाके में कई वाहनों को जला दिया। इलाके में घरों और एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।

चश्मदीदों ने बताई हिंसा की कहानी

इस घटना के चश्मदीदों ने बताया कि इलाके में कुछ नकाबपोश लोग आए थे, जिन्होंने ये सारा उत्पात मचाया।

उनके चेहरे स्कार्फ से ढके हुए थे और हाथों में धारदार हथियार, डंडे, स्टीकर और बोतलें थीं।

उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया।

इसके बाद गाड़ियों के शीशे तोड़ने लगे और उनमें आग लगा दी।

उपद्रवियों ने अपने चेहरे ढंक रखे थे। उनके हाथ में तलवार, डंडे और बोतलें थीं।

ऐसा लग रहा था कि आज तो जान जाएगी।

47 लोग हिरासत में

मंगलवार सुबह महाराष्ट्र के मंत्री योगेश कदम ने बताया कि इस मामले में 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

12 से 14 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं, 2-3 नागरिक भी घायल हैं।

हिंसा के कारणों की जांच की जा रही है।

इन 11 इलाको में लगा कर्फ्यू

नागपुर के 11 इलाकों कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में में कर्फ्यू लगाया गया है।

मुस्लिम बहुल इलाको में सुरक्षा

नागपुर हिंसा के बाद मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

इसके अलावा मुंबई में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

औरंगजेब की कब्र पर भी सुरक्षा बढ़ाई

हिंसा के बाद छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में औरंगजेब की कब्र पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

SP ने बताया कि जिले में SRPF की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस मार्च कर रही है।

झूठी अफवाह फैलाई गई- सीएम फडणवीस

मंगलवार को सीएम देंवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए कहा,

“सुबह 11:30 बजे वीएचपी और बजरंग दल ने प्रदर्शन किया था। उस दौरान घास की प्रतीकात्मक कब्र जलाई गई थी।

पुलिस ने इस पर मामला भी दोपहर में दर्ज किया था।

इसके बाद शाम को एक अफवाह फैलाई गई कि जो पुतला जलाया गया, उसमे धार्मिक लिखावट का कुछ जलाया गया है।”

शांति बनाए रखनी चाहिए

सीएम फडणवीस ने आगे कहा कि छावा फिल्म ने संभाजी महाराज का इतिहास सामने लाया।

छावा फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़का दिया है, फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए।

महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए मैं सभी से अपील करता हूं कि किसी ने भी अगर दंगा करने का प्रयत्न किया तो उसकी जाति-धर्म न देखते हुए कार्रवाई की जाएगी।

सुनियोजित साजिश, कठोर कार्रवाई की जाएगी- शिंदे

दूसरी तरफ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को सुनियोजित साजिश करार दिया।

उन्होंने कहा कि यह हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसमें शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

शिंदे ने इस प्रकार के हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर इस तरह का आक्रमण अस्वीकार्य है।

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि औरंगजेब के प्रति विपक्ष का समर्थन असंगत है, क्योंकि उसने महाराष्ट्र पर आक्रमण किया और अत्याचार किया।

ऐसे लोगों का समर्थन करने वाले देशद्रोही हैं।

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