Badlapur Encounter: बदलापुर में दो बच्चियों से यौन शोषण मामले के आरोपी अक्षय शिंदे का सोमवार शाम को ठाणे पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी अक्षय शिंदे को पूछताछ के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, जहां उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर उन पर फायरिंग की।
इसके जवाब में पुलिस ने उस पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई।
चेहरे पर लगी गोली, हुई मौत
पुलिस ने ये भी बताया कि वैन में जगह कम होने की वजह से जवाबी कार्यवाही के दौरान गोली आरोपी के चेहरे पर लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।
सवालों के घेरे में एनकाउंटर
ये खबर सामने आते ही खलबली मच गई। जहां कुछ लोग आरोपी की मौत से खुश है तो कुछ लोग इसे न्याय की हत्या बता रहे हैं।
वहीं अब एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हो गए हैं? कि क्या उतर प्रदेश की तर्ज पर अब महाराष्ट्र में भी बंदूक की गोली से न्याय मिलेगा।
क्या एकनाथ शिंदे भी योगी आदित्यनाथ की तरह दुष्कर्म के आरोपीयो को ऑन द स्पॉट सजा देने की राह पर चल पड़े हैं।
अपराधी कोई भी हो@myogiadityanath और @mieknathshinde जी का एक ही फॉर्मूला…
‘No जेल’ ‘No बेल’
सिधा प्रभु से मेल 🔥सुल्तानपुर का डकैती हो या बदला पुर रेप केस अनुज प्रताप सिंह हो या
अक्षय शिंदें सीधा #Encounterफैसला On the Spot !!💪
Only 1% #BadlapurRape… pic.twitter.com/0qaSViBywG
— Rama Saroj (@Rama_saro) September 23, 2024
#Badlapur #Encounter पर
@Dev_Fadnavis मामले के आरोपियों के एनकाउंटर पर #MaharastraPolice
पुलिस का बचाव कर रहे हैं और उसके साथ खड़े हैं। ऐसे रेपिस्ट जो किसी बच्ची के साथ ऐसा घिनौना काम करते है। उनका ऐसा ही हश्र होना चाहिए।#AkshayShinde #DevendraFadnavis #Police pic.twitter.com/MaxKxSOxyJ— Nishita Sharma (@nishiparli1234) September 23, 2024
आरोपी की मां को पुलिस पर यकीन नहीं
आरोपी अक्षय शिंदे की मां अलका शिंदे ने ठाणे पुलिस के दावों और एनकाउंटर की थ्योरी को मानने से इनकार कर दिया और कहा, ‘मैं सोमवार को तलोजा जेल में शाम करीब 4:30 बजे उससे (अक्षय) मिली थी।
उसने मुझे बताया कि उसके मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और उसने पूछा कि क्या मैं उसे जेल से बाहर निकालने की कोशिश कर रही हूं।
उसने ये भी बताया कि जब मैं पिछले सोमवार को उससे मिलने गई थी, तो पुलिस ने उसे पीटा था।’
बेटे को पटाखों से भी डर लगता था, गोली कैसे चलाई
अलका शिंदे ने यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या कुछ राजनीतिक नेताओं की शह पर हुई है।
उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे को दिवाली के पटाखों से डर लगता था। मैं उसे हमेशा दिवाली के दौरान स्कूल या दफ़्तर छोड़ती थी क्योंकि उसे शोर से डर लगता था। मुझे इस बात पर यकीन नहीं है कि उसने बंदूक उठाई और गोली चलाई।’
वकील ने कहा- न्याय की हत्या
पीड़ित बच्चियों के वकील आसिम सरोडे ने इसे ‘न्याय की हत्या’ कहा है।
सरोडे ने एक लोकल चैनल से बातचीत में कहा, इन दो नाबालिग लड़कियों का प्रतिनिधित्व करते समय मैंने देखा ठाणे जिले की स्थानीय राजनीति और उस शैक्षणिक संस्थान के लिए भी असहज हो रहा था, जहां अक्षय शिंदे काम कर रहा था। शिंदे की इस तरह मौत न्याय की हत्या है।
दब जाएगा यौन शोषण का मामला
उन्होंने आगे कहा, अब दोनों लड़कियों के यौन शोषण का मामला दब जाएगा। सरोडे ने कहा कि इस तरह की प्रथा से पुलिस और न्यायपालिका जैसी संस्थाओं में लोगों को भरोसा कम होगा।
एनकाउंटर नहीं राजनीतिक हत्या
सरोडे ने कहा कि वे फायरिंग की घटना की जांच के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
उन्होंने सवाल उठाया कि शिंदे ने कैसे बंदूक तक पहुंच बनाई और उसे कैसे खुला छोड़ा गया, उसके हाथ तो बंधे थे।
उन्होंने इसे राजनीतिक हत्या बताते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है।
एनकाउंटर पर राजनीति
इस घटना के बाद महाराष्ट्र की सियासत भी गरमा गई और नेताओं के बयान सामने आए, जिन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाए…
न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन- सुप्रिया सुले
“एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- ‘बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया चौंकाने वाला है!
पहले FIR दर्ज करने में देरी और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या! यह कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन है।
यह अक्षम्य है, यह महाराष्ट्र के लोगों को न्याय से वंचित करता है।”
महायुती सरकारने बदलापूर लैंगिक अत्याचार प्रकरण अतिशय चुकीच्या पद्धतीने हाताळले आहे. याप्रकरणी एफआयआर दाखल करण्यात उशीर करण्यात आला. लोकांच्या प्रचंड दबावानंतर एफ आय आर दाखल करण्यात आली खरी पण आता आरोपीचा पोलीस कोठडीत मृत्यू झाला. कायदा सुव्यवस्था आणि न्यायव्यवस्थेची ही शासन…
— Supriya Sule (@supriya_sule) September 23, 2024
संदेहास्पद है मामला- शरद पवार
शरद पवार ने भी इस मामले में अपनी बात रखी और ट्वीट करते हुए लिखा-
“बदलापुर में जो अन्याय हुआ, उसे कानून के दायरे में रहकर ही अंजाम दिया जाना चाहिए था।
लेकिन इस घटना के मुख्य आरोपी को स्थानांतरित करने में गृह विभाग द्वारा बरती गई ढिलाई संदेहास्पद है।
ऐसा लगता है कि सरकार कानून की धौंस जमाने में इतनी कमजोर हो गई है कि भविष्य में कोई भी ऐसी निंदनीय हरकत करने की सोच भी नहीं सकता।
उम्मीद है कि इस घटना की गहन जांच से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।”
बदलापूर येथे दोन चिमुरड्यांवर झालेल्या अन्यायाला न्याय मिळण्यासाठी कायद्याच्या योग्य चौकटीतून फाशी झालीच पाहीजे होती. परंतू या घटनेतील मुख्य आरोपीला स्थलांतरीत करताना गृह विभागाने दाखवलेला हलगर्जीपणा संशयास्पद आहे. भविष्यात अशा निंदनीय कृत्याची कल्पनाही कोणाच्या मनाला शिवणार नाही…
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 23, 2024
पुलिस ने आत्मरक्षा में की कार्रवाई- सीएम शिंदे
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इस मामले में मीडियावालों से बात करते हुए कहा, “उसे (अक्षय शिंदे को) जांच के लिए ले जाया गया क्योंकि उसकी पूर्व पत्नी ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है।
उसने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे पर गोली चलाई जो घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की। जांच के बाद और जानकारी सामने आएगी”
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde says, “He (Akshay Shinde) was taken for investigation as his ex-wife has registered a case of sexual assault. He fired on a police personnel, Nilesh More who got injured and has been admitted to hospital. Police in self-defence took that… https://t.co/MJgfoX9nOR pic.twitter.com/oICJU3OJiK
— ANI (@ANI) September 23, 2024
बता दें कि आरोपी अक्षय शिंदे को शाम करीब 6:15 बजे पुलिस की गाड़ी में ले जाया जा रहा था।
तभी उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली और एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) पर गोली चला दी। जिसमें एपीआई घायल हो गए।
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसमें शिंदे की मौत हो गई। आरोपी को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।