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Badlapur Encounter पर शुरू हुए सवाल, क्या योगी की राह पर चल पड़े हैं एकनाथ शिंदे?

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Badlapur Encounter: बदलापुर में दो बच्चियों से यौन शोषण मामले के आरोपी अक्षय शिंदे का सोमवार शाम को ठाणे पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया।

पुलिस का कहना है कि आरोपी अक्षय शिंदे को पूछताछ के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, जहां उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर उन पर फायरिंग की।

इसके जवाब में पुलिस ने उस पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई।

चेहरे पर लगी गोली, हुई मौत

पुलिस ने ये भी बताया कि वैन में जगह कम होने की वजह से जवाबी कार्यवाही के दौरान गोली आरोपी के चेहरे पर लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।

सवालों के घेरे में एनकाउंटर

ये खबर सामने आते ही खलबली मच गई। जहां कुछ लोग आरोपी की मौत से खुश है तो कुछ लोग इसे न्याय की हत्या बता रहे हैं।

वहीं अब एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हो गए हैं? कि क्या उतर प्रदेश की तर्ज पर अब महाराष्ट्र में भी बंदूक की गोली से न्याय मिलेगा।

क्या एकनाथ शिंदे भी योगी आदित्यनाथ की तरह दुष्कर्म के आरोपीयो को ऑन द स्पॉट सजा देने की राह पर चल पड़े हैं।

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आरोपी की मां को पुलिस पर यकीन नहीं

आरोपी अक्षय शिंदे की मां अलका शिंदे ने ठाणे पुलिस के दावों और एनकाउंटर की थ्योरी को मानने से इनकार कर दिया और कहा, ‘मैं सोमवार को तलोजा जेल में शाम करीब 4:30 बजे उससे (अक्षय) मिली थी।

उसने मुझे बताया कि उसके मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और उसने पूछा कि क्या मैं उसे जेल से बाहर निकालने की कोशिश कर रही हूं।

उसने ये भी बताया कि जब मैं पिछले सोमवार को उससे मिलने गई थी, तो पुलिस ने उसे पीटा था।’

बेटे को पटाखों से भी डर लगता था, गोली कैसे चलाई

अलका शिंदे ने यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या कुछ राजनीतिक नेताओं की शह पर हुई है।

उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे को दिवाली के पटाखों से डर लगता था। मैं उसे हमेशा दिवाली के दौरान स्कूल या दफ़्तर छोड़ती थी क्योंकि उसे शोर से डर लगता था। मुझे इस बात पर यकीन नहीं है कि उसने बंदूक उठाई और गोली चलाई।’

वकील ने कहा- न्याय की हत्या

पीड़ित बच्चियों के वकील आसिम सरोडे ने इसे ‘न्याय की हत्या’ कहा है।

सरोडे ने एक लोकल चैनल से बातचीत में कहा, इन दो नाबालिग लड़कियों का प्रतिनिधित्व करते समय मैंने देखा ठाणे जिले की स्थानीय राजनीति और उस शैक्षणिक संस्थान के लिए भी असहज हो रहा था, जहां अक्षय शिंदे काम कर रहा था। शिंदे की इस तरह मौत न्याय की हत्या है।

दब जाएगा यौन शोषण का मामला

उन्होंने आगे कहा, अब दोनों लड़कियों के यौन शोषण का मामला दब जाएगा। सरोडे ने कहा कि इस तरह की प्रथा से पुलिस और न्यायपालिका जैसी संस्थाओं में लोगों को भरोसा कम होगा।

एनकाउंटर नहीं राजनीतिक हत्या

सरोडे ने कहा कि वे फायरिंग की घटना की जांच के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।

उन्होंने सवाल उठाया कि शिंदे ने कैसे बंदूक तक पहुंच बनाई और उसे कैसे खुला छोड़ा गया, उसके हाथ तो बंधे थे।

उन्होंने इसे राजनीतिक हत्या बताते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है।

एनकाउंटर पर राजनीति

इस घटना के बाद महाराष्ट्र की सियासत भी गरमा गई और नेताओं के बयान सामने आए, जिन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाए…

न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन- सुप्रिया सुले

“एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- ‘बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया चौंकाने वाला है!

पहले FIR दर्ज करने में देरी और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या! यह कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन है।

यह अक्षम्य है, यह महाराष्ट्र के लोगों को न्याय से वंचित करता है।”

संदेहास्पद है मामला- शरद पवार

शरद पवार ने भी इस मामले में अपनी बात रखी और ट्वीट करते हुए लिखा-

“बदलापुर में जो अन्याय हुआ, उसे कानून के दायरे में रहकर ही अंजाम दिया जाना चाहिए था।

लेकिन इस घटना के मुख्य आरोपी को स्थानांतरित करने में गृह विभाग द्वारा बरती गई ढिलाई संदेहास्पद है।

ऐसा लगता है कि सरकार कानून की धौंस जमाने में इतनी कमजोर हो गई है कि भविष्य में कोई भी ऐसी निंदनीय हरकत करने की सोच भी नहीं सकता।

उम्मीद है कि इस घटना की गहन जांच से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।”

पुलिस ने आत्मरक्षा में की कार्रवाई- सीएम शिंदे

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इस मामले में मीडियावालों से बात करते हुए कहा, “उसे (अक्षय शिंदे को) जांच के लिए ले जाया गया क्योंकि उसकी पूर्व पत्नी ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है।

उसने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे पर गोली चलाई जो घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की। जांच के बाद और जानकारी सामने आएगी”

बता दें कि आरोपी अक्षय शिंदे को शाम करीब 6:15 बजे पुलिस की गाड़ी में ले जाया जा रहा था।

तभी उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली और एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) पर गोली चला दी। जिसमें एपीआई घायल हो गए।

जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसमें शिंदे की मौत हो गई। आरोपी को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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