Ban On Meat And Liquor: भोपाल। नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर प्रदेश की सीमा तक किसी भी बसाहट का किसी भी तरह का सीवेज नर्मदा नदी में न मिले।
नदी के तट पर बसे धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों के आसपास शराब और नॉनवेज का उपयोग न हो।
यह सख्त निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नर्मदा नदी के समग्र विकास को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक में दिए।
मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सुशासन भवन में प्रदेश की लाइफलाइन कही जाने वाली मां नर्मदा नदी के संरक्षण और समग्र विकास को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक की।
बैठक में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन तथा स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस बैठक में सीएम यादव ने कहा कि मां नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक का प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण का काम अमरकंटक विकास प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा।
अमरकंटक से दूर भूमि चिह्नित कर सेटेलाइट सिटी विकसित की जाए।
Ban On Meat And Liquor: नर्मदा नदी में न मिले सीवेज की एक बूंद –
नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर प्रदेश की सीमा तक किसी भी बसाहट का किसी भी तरह का सीवेज नर्मदा नदी में न मिले।
नदी के तट पर बसे धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों के आसपास शराब और नॉनवेज का उपयोग न हो।
नर्मदा नदी में मशीनों से खनन गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए।
इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आजकल की जीवनशैली से प्रकृति और पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया गया है, उसके दुष्प्रभावों से नदियों और अन्य जल स्त्रोतों को बचाना बहुत जरूरी है।
नर्मदा संरक्षण, संवर्धन की योजना का क्रियान्वयन देश-प्रदेश के विभिन्न विभागों के साथ स्वयंसेवी संगठनों, आध्यात्मिक मंचों और जनसामान्य की सहभागिता से किया जाएगा।
Ban On Meat And Liquor: 5 KM तक हो प्राकृतिक खेती –
सीएम यादव ने कहा कि नदी के दोनों ओर कम से कम पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती हो।
नर्मदा नदी के दोनों ओर विद्यमान जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में साल और सागौन के पौधरोपण और जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
समृद्ध बॉयोडायवर्सिटी के संरक्षण व प्रोत्साहन गतिविधियों में वनस्पति शास्त्र और प्राणी शास्त्र के विशेषज्ञों को जोड़ते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं।
इसके साथ ही नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
इससे कीटनाशक व अन्य रसायनों के नर्मदा जी में जाने से रोकने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नर्मदा क्षेत्र में भू-गर्भ की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों का भी संरक्षण किया जाए।
Ban On Meat And Liquor: 1079 किलोमीटर बहती है नर्मदा –
बैठक में जानकारी दी गई कि अमरकंटक से आंरभ होकर खंबात की खाड़ी में मिलने वाली 1312 किलोमीटर लंबी नर्मदा नदी की मध्य प्रदेश में लंबाई 1079 किलोमीटर है।
इसके किनारे 21 जिले, 68 तहसीलें, 1,138 ग्राम और 1,126 घाट हैं।
430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्ति पीठ भी स्थापित हैं।
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