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बंधन बैंक स्कैम: बैंक मैनेजर ही निकला ठगी का मास्टर माइंड, जानें कैसे किया इतना बड़ा घोटाला

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Gwalior Bandhan Bank Scam: कुछ दिनों पहले ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के संत से हुए करोड़ों की साइबर ठगी मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।

ग्वालियर पुलिस ने इस मामले में छापेमारी कर नागदा, उज्जैन और रतलाम से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

हैरानी की बात ये है कि बैंक अधिकारी भी ठगी में शामिल थे।

बंधन बैंक शाखा प्रबंधक ठगों के साथ मिलीभगत करता पाया गया।

जांच में तीन और संदिग्ध खातों से करोड़ों रुपए के लेन-देन का पता चला है।

पिछले 5 महीनों में ग्वालियर और उज्जैन से मिलाकर ₹3.24 करोड़ की ठगी हुई है।

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

बैंक मैनेजर ने बनाए फर्जी अकाउंट

उज्जैन के नागदा में बंधन बैंक के अफसर और कर्मचारियों ने फर्जी बैंक अकाउंट बनाए थे जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगों ने धोखाधड़ी के लिए किया।

इन बैंक कर्मचारियों ने जरूरतमंद लोगों को 1 हजार रुपए का लालच देकर उनके नाम पर अकाउंट खुलवाया और पासबुक व एटीएम कार्ड अपने पास रखे।

2.53 करोड़ की ठगी के 10 लाख रुपए एक सब्जी वाले के खाते में भी आए थे।

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हर दिन 5000 की रिश्वत

जानकारी के मुताबिक बैंक मैनेजर हर दिन 5000 रुपए की रिश्वत लेकर फर्जी बैंक खाते खोलता था।

इसके बाद उन खातों मे जो पैसे आते थे वो तुरंत ठगों के खातों में ट्रांसफर करवा देता था।

ऐसे हुआ खुलासा

ग्वालियर क्राइम ब्रांच को मामले की जांच में नागदा के उदय कुमार के वाट्सएप्प चैटिंग पकड़ में आई।

इससे रामकृष्ण मिशन के स्वामी को डिजिटल अरेस्ट में की ठगी के ट्रांजेक्शन के कुछ हिस्से का पता चला है।

वहीं ठगी से जुड़े लोगों की लिंक खुलती चली गई।

संभावना है कि ठगी मामले शहर के अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं।

रामकृष्ण मिशन के सचिव से 2.52 करोड़ की ठगी

दरअसल, ग्वालियर स्थित रामकृष्ण मिशन के स्वामी सुप्रदिप्तानंद से हाल ही में 2.52 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी।

साइबर ठगों ने उन्हें 26 दिन डिजिटल अरेस्ट में रख वारदात की थी।

जांच में मामले के तार नागदा से जुड़े निकले। शनिवार शाम ग्वालियर क्राइम ब्रांच नागदा पहुंची।

टीम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई कर एक युवती सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

क्राइम ब्रांच के रतनसिंह राठौड़ ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के शिकार हुए स्वामी सुप्रदिप्तानंद से ठगे गए ढाई करोड़ की राशि के कुछ हिस्से नागदा से गिरफ्तार 6 आरोपियों के बैंक खातों में मिला है।

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क्या बोले ग्वालियर SSP धर्मवीर सिंह

नागदा की बंधन बैंक शाखा के खाते में ग्वालियर से 10 लाख की ठगी का पैसा ट्रांसफर हुआ था।

खाते को बैंक स्टाफ की मिलीभगत से किराए पर चलाया जा रहा था।

सब्जी के ठेले वाले के खाते में लाखों का लेनदेन

ग्वालियर की डिजिटल अरेस्ट ठगी में ट्रांसफर हुए 10 लाख रुपए नागदा की बंधन बैंक शाखा में एक खाते में जमा हुए थे।

जब पुलिस ने इस खाते के असली होल्डर तक पहुंची, तो चौंकाने वाली बात सामने आई।

खाता एक सब्जी का ठेला लगाने वाले राहुल काहर के नाम पर खोला गया था, जो हर महीने 1 हजार किराया लेता था।

राहुल के पास न तो पासबुक थी, न ही एटीएम कार्ड।

दोनों चीजें बैंक के असिस्टेंट मैनेजर और महिला कैशियर के पास थीं।

ग्वालियर से इस अकाउंट में जो रकम आई, वह महज एक ट्रांजैक्शन थी।

लेकिन जांच के दौरान सामने आया कि कुछ महीनों में इस खाते से लाखों रुपए का लेन-देन हुआ था, जिसका खाता धारक को कोई अंदाजा तक नहीं था।

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3 महीनों में करीब 30 लाख का लेन-देन

जनवरी 2025 में, राहुल के नाम पर बंधन बैंक में यह खाता खोला गया था।

इस खाते से तीन महीनों में करीब 30 लाख रुपए का लेन-देन हुआ।

बैंक की जांच में इसी शाखा में तीन और संदिग्ध खाते मिले, जिनमें एक करोड़ रुपए से अधिक का लेन-देन हुआ था।

हालांकि, इन खातों का ग्वालियर की 2.53 करोड़ की साइबर ठगी से कोई सीधा संबंध नहीं मिला, इसलिए पुलिस ने इन्हें अपनी जांच में शामिल नहीं किया।

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ये आरोपी हुए गिरफ्तार

बंधन बैंक की इस शाखा से जुड़े मामले में पुलिस ने असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर, अकाउंट होल्डर और चेक से पैसा निकालने वाले व्यक्ति समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

  1. काजल जायसवाल (27) बंधन बैंक की कैशियर (उज्जैन)
  2. राहुल कहार (22), सब्जी विक्रेता (चेतनपुरा)
  3. तुषार गोमे (26), नागदा
  4. किशोर विनाज्ञा ( 19)
  5. शुभम सिंह राठौर (23)
  6. रतलाम के विश्वजीत बर्मन (46) रतलाम

पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह से पूछताछ में साइबर ठगी के राष्ट्रीय नेटवर्क का बड़ा खुलासा हो सकता है।

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5 दिन की रिमांड पर आरोपी

पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन सभी को 5 दिन की रिमांड पर रखा गया है।

SIT प्रभारी द्वारा सभी से पूछताछ की जा रही।

बैंक प्रबंधन को इस बैंक घोटाला मामले की पूरी सूचना दे दी गई है।

घोटाले का मास्टरमाइंड फरार

इस मामले में एक आरोपी उदयराज अब भी फरार है, जिसे गिरोह का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।

पुलिस के मुताबिक, वह ठगी की रकम को USDT में बदलकर विदेशों में भेजता है।

यह घोटाला केवल बैंकिंग तक ही सीमित नहीं है।

माना जा रहा है कि यह मामला क्रिप्टोकरेंसी मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ा हुआ हो सकता है।

पुलिस ने बैंक प्रबंधन से सभी संदिग्ध खातों की जानकारी मांगी है।

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