Bangladesh Election 2026: बांग्लादेश की राजनीति में एक नया और महत्वपूर्ण मोड़ आया है।
देश का चुनाव आयोग आधिकारिक तौर पर अगले संसदीय चुनावों की तारीखों का ऐलान कर चुका है।
यह चुनाव देश में हुए एक बड़े राजनीतिक उलटफेर के करीब डेढ़ साल बाद होने जा रहा है, जिसने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया है।
यह चुनाव न केवल नई सरकार चुनने के लिए है, बल्कि देश के संवैधानिक ढांचे को बदलने का भी एक प्रयास है।
राजनीतिक दल: कौन-कौन है मैदान में?
शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग (AL), जो दशकों तक सत्ता के केंद्र में रही, तख्तापलट के बाद निलंबित और कमजोर स्थिति में है। ऐसे में मुकाबला अन्य दलों के बीच है:
- बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP): यह अब देश का मुख्य विपक्षी और सबसे मजबूत दल बनकर उभरा है। इसका नेतृत्व 12 दलों के गठबंधन के साथ हो रहा है, जो सभी 237 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
- जातीय पार्टी: पूर्व राष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद एरशाद द्वारा स्थापित यह पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी ताकत है।
- जमात-ए-इस्लामी: यह कभी BNP का सहयोगी दल था, लेकिन अब यह स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीति कर रहा है।
- छात्रों की नई पार्टी: 2024 के आंदोलन से निकली ऊर्जा ने ‘नेशनल सिटिजन पार्टी’ (NCP) को जन्म दिया है, जिसका गठन फरवरी 2025 में हुआ। इसके अलावा जनता पार्टी और गणतांत्रिक शक्ति जैसे नए दल भी अस्तित्व में आए हैं।

फरवरी 2026 का चुनाव बांग्लादेश के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
यह न केवल एक नई सरकार का चुनाव करेगा, बल्कि देश के संविधान और शासन प्रणाली में मौलिक बदलाव के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाएगा।
जुलाई चार्टर का जनमत संग्रह और एक नए राजनीतिक माहौल में होने वाला यह चुनाव, बांग्लादेश के लोकतांत्रिक इतिहास का एक निर्णायक अध्याय साबित हो सकता है



