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Bengaluru Cyber Fraud: बैंक मैनेजर समेत 4 गिरफ्तार, डाटा चोरी कर साढ़े 12 करोड़ रुपये की हेरफेर की

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Bengaluru Cyber Fraud: कर्नाटक पुलिस ने एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है।

12.51 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले निजी बैंक के मैनेजर सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

यह मामला प्लग पे टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (CRED) नामक कंपनी से संबंधित है।

आरोपियों ने पहले डाटा चुराया और फिर विभिन्न बैंकों के खातों में फर्जी तरीके से पैसे ट्रांसफर किए।

पहले चोरी किया डाटा फिर खाते से उड़ाए 12.51 करोड़

कर्नाटक पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामले में एक निजी बैंक के मैनेजर सहित चार आरोपियों को अरेस्ट किया है।

यह मामला प्लग पे टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (CRED) नामक कंपनी से संबंधित है, जिसके खातों से 12.51 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी।

नवंबर में CRED के निदेशक ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत करी कि कंपनी के खातों से 12.51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है।

जांच में यह सामने आया कि एक्सिस बैंक की इंदिरानगर शाखा में कंपनी के नोडल और चालू खातों के जरिए आरोपियों ने साइबर हमले की साजिश रची थी।

Bengaluru Cyber Fraud
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आरोपियों ने बैंक से जुड़े ईमेल आईडी और फोन नंबर की जानकारी प्राप्त की और फिर जाली कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग (CBI) फॉर्म का उपयोग करते हुए 12.51 करोड़ रुपये को 17 विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया।

गुजरात-राजस्थान के 17 खातों में ट्रांसफर किए पैसे

बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी दयानंद के अनुसार आरोपियों ने जाली दस्तावेजों, फर्जी हस्ताक्षरों और मुहरों के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम दिया।

उन्होंने गुजरात और राजस्थान में स्थित 17 खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे।

इस दौरान, पुलिस ने 55 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया है और बाकी पैसे का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है।

आरोपियों में एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट डिवीजनल मैनेजर वैभव पिथादिया (29) और उसके सहयोगी शैलेश, बैंकिंग एजेंट नेहा विपलभाई और कमीशन एजेंट शुभम शामिल हैं।

इन सभी को गुजरात के सूरत, नवसारी और राजकोट से गिरफ्तार किया गया।

Bengaluru Cyber Fraud
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पुलिस ने आरोपियों से 1.83 करोड़ रुपये नकद, दो मोबाइल फोन और एक फर्जी CBI फॉर्म भी बरामद किया है।

इस धोखाधड़ी के दौरान आरोपियों ने कंपनी के खातों तक पहुंच बनाने के लिए ओटीपी का इस्तेमाल करते हुए कुल 37 ट्रांजेक्शंस किए।

हालांकि, कुछ यूजर आईडी के इनएक्टिव होने के कारण 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का उनका प्रयास असफल हो गया और वे केवल 12.51 करोड़ रुपये ही ट्रांसफर कर पाए।

पुलिस ने इस मामले में और भी आरोपियों की पहचान की है, जिनकी तलाश जारी है।

मामले की जांच अब भी जारी है और पुलिस आरोपियों से आगे की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।

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