Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश का शहर बरेली एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव के केंद्र में है।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ नारे को लेकर निकाले गए एक जुलूस ने बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता का रूप ले लिया।
इस घटना में पथराव हुआ, पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई लोग घायल हुए।
यह घटना पूरे प्रदेश और देश में चल रहे ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ के नारों के आपसी टकराव की एक गंभीर परिणति के रूप में सामने आई है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
कैसे भड़की हिंसा?
घटना की शुरुआत शुक्रवार की दोपहर को तब हुई जब शहर के इस्लामिया ग्राउंड में जुमे की नमाज अदा की गई।
खबरों के मुताबिक, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने मुसलमानों से इस्लामिया ग्राउंड में ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की थी।
लेकिन नमाज के बाद जब बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, तो स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी।
प्रशासन के अनुसार, भीड़ ने पूर्व निर्धारित मार्ग और स्थान को छोड़कर जबरन सड़कों पर जुलूस निकालने की कोशिश की।
बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद बड़ा बवाल, ‘I Love Muhammad’ लिखे बैनर और पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे लोग#Bareilly #बरेली #BareillyViolence #BareillyIncident #ILoveMuhammad #Muslim #UttarPradesh #UPPolice #BreakingNews
Uttar Pradesh | Bareilly | Arrestedpic.twitter.com/Yq3mg5S0u3— Chautha Khambha (@chauthakhamba) September 26, 2025
पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन इस पर भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया।
लोगों ने धार्मिक नारे लगाए और उग्र होकर पुलिस और सार्वजनिक संपत्ति पर पथराव शुरू कर दिया।
कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग छतों और खिड़कियों से भी पत्थर फेंक रहे थे।
#WATCH | Protestors gathered outside Ala Hazrat Dargah & IMC chief Maulana Tauqeer Raza Khan’s house holding ‘I Love Mohammad’ placards after the Friday prayers in Bareily, UP. Heavy security is deployed at both spots. pic.twitter.com/rcZSAQyH8S
— ANI (@ANI) September 26, 2025
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस बल ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे वीडियो में पुलिसकर्मियों को लोगों को दौड़ा-दौड़कर पीटते हुए देखा जा सकता है, जिससे माहौल में और भगदड़ मच गई।
यह कार्रवाई सदर कोतवाली, प्रेमनगर और बारादरी जैसे शहर के तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई।
#बरेली : मौलाना तौकीर के आवाहन पर बरेली में बड़ा बवाल हो गया। ज्ञापन देने जुटी भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया और सीओ सिटी ने टियर गैस का गोला छोड़ा। उपद्रव की यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के बिहारीपुर रोड पर हुई। pic.twitter.com/4A03HGoYwY
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) September 26, 2025
कर्फ्यू जैसे हालात
इस झड़प और लाठीचार्ज में दोनों तरफ से कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है।
हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी और बाजारों को बंद करा दिया है।
बवाल को नियंत्रित करने के लिए बरेली के अलावा आस-पास के जिलों जैसे शाहजहांपुर, बदायूं, और रामपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
पुलिस ने पथराव करने वाले और हिंसा भड़काने वाले लोगों की पहचान कर उनकी धरपकड़ शुरू कर दी है।
#बरेली : भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। काबू पाने को पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। pic.twitter.com/0AVcQI6NFy
— अनुराग शुक्ला/Anurag Shukla (@anuraganu83) September 26, 2025
कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?
मौलाना तौकीर रजा को भी इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए हिरासत में ले लिया गया है।
मौलाना तौकीर रजा एक विवादास्पद धार्मिक नेता हैं और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष हैं।
उन पर अतीत में भी सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप लगते रहे हैं।
खास बात यह है कि उन पर साल 2010 में बरेली में ही दंगा करवाने का आरोप है और वह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।
आई लव मोहम्मद विवाद पर बरेली के मौलाना तौकीर रजा ने आज जुमा की नमाज के बाद ज्ञापन देने का ऐलान किया। तौकीर रजा के घर और ग्राउंड को पुलिस ने छावनी बना दिया है।
तौकीर रजा ने कहा– “प्रशासन ने लोगों को रोकने की कोशिश की या ज्यादती की तो जिम्मेदार प्रशासन होगा” pic.twitter.com/8bbbpvd3Mv
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) September 26, 2025
हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा था कि अगर मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय नहीं रुके, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मुसलमान “नियंत्रण से बाहर” हो गए तो हालात गंभीर हो जाएंगे।
बरेली की वर्तमान घटना को उनके इन्हीं बयानों की परिणति माना जा रहा है।
Lucknow, Uttar Pradesh: Amid the ‘I Love Muhammad’ campaign, social activist Sayyad Uzma Parveen says, “We want love. Our protest regarding ‘I Love Muhammad’ is about spreading love and promoting brotherhood among people. That is our sole purpose. The insults happening everywhere… pic.twitter.com/pE5QgGhJHC
— IANS (@ians_india) September 26, 2025
‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
यह पूरा विवाद उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से शुरू हुआ।
वहां बारावफात (ईद-ए-मिलाद उन-नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक बैनर या लाइटबोर्ड लगाया था।
स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस बैनर का विरोध किया और इसे सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने वाला बताया।
विरोध के बाद पुलिस ने बैनर हटा दिया और इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
इसके बाद यह विवाद एक चेन रिएक्शन की तरह पूरे देश के अन्य शहरों में फैल गया।
कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में रैलियां निकालीं, पोस्टर और बैनर लगाए।
जवाब में हिंदू समुदाय के कुछ समूहों ने ‘आई लव महादेव’ या ‘आई लव महाकाल’ जैसे बैनर लगाकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाई।
इस तरह यह मामला धार्मिक अभिव्यक्ति से बदलकर दो समुदायों के बीच टकराव का प्रतीक बन गया।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस विवाद पर राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिससे सियासत गर्मा गई है।
- शिवसेना (संजय निरुपम गुट): शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को मुस्लिम युवाओं को भड़काने और देश के सामाजिक माहौल को खराब करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि इसके जवाब में हिंदू संतों द्वारा ‘आई लव महादेव’ अभियान शुरू किया गया है।
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM): पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ कहने को कोई जुर्म नहीं बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह जुर्म है तो इसकी हर सजा मंजूर है।
- समाजवादी पार्टी (SP): पार्टी की नेता सुमैया राणा ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे डरने वाले नहीं हैं।
बरेली की घटना एक चिंताजनक संकेत है, जो दर्शाती है कि कैसे एक स्थानीय विवाद देश के अन्य हिस्सों में फैलकर गंभीर हिंसा का रूप ले सकता है।
यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए एक बड़ी चुनौती है।
प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह हिंसा फैलाने वाले सभी लोगों चाहे वे किसी भी समुदाय के हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
साथ ही, यह जनता और समाज के नेताओं की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखें और किसी भी प्रकार की उकसाऊ बयानबाजी या हिंसा से दूर रहें।।