HomeTrending Newsबरेली में 'आई लव मोहम्मद' जुलूस के दौरान हिंसा, नमाज के बाद...

बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस के दौरान हिंसा, नमाज के बाद हुआ पथराव तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश का शहर बरेली एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव के केंद्र में है।

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ नारे को लेकर निकाले गए एक जुलूस ने बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता का रूप ले लिया।

इस घटना में पथराव हुआ, पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई लोग घायल हुए।

यह घटना पूरे प्रदेश और देश में चल रहे ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ के नारों के आपसी टकराव की एक गंभीर परिणति के रूप में सामने आई है।

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

कैसे भड़की हिंसा?

घटना की शुरुआत शुक्रवार की दोपहर को तब हुई जब शहर के इस्लामिया ग्राउंड में जुमे की नमाज अदा की गई।

खबरों के मुताबिक, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने मुसलमानों से इस्लामिया ग्राउंड में ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की थी।

लेकिन नमाज के बाद जब बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, तो स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी।

प्रशासन के अनुसार, भीड़ ने पूर्व निर्धारित मार्ग और स्थान को छोड़कर जबरन सड़कों पर जुलूस निकालने की कोशिश की।

पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन इस पर भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया।

लोगों ने धार्मिक नारे लगाए और उग्र होकर पुलिस और सार्वजनिक संपत्ति पर पथराव शुरू कर दिया।

कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग छतों और खिड़कियों से भी पत्थर फेंक रहे थे।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।

पुलिस बल ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे वीडियो में पुलिसकर्मियों को लोगों को दौड़ा-दौड़कर पीटते हुए देखा जा सकता है, जिससे माहौल में और भगदड़ मच गई।

यह कार्रवाई सदर कोतवाली, प्रेमनगर और बारादरी जैसे शहर के तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई।

कर्फ्यू जैसे हालात

स झड़प और लाठीचार्ज में दोनों तरफ से कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है।

हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी और बाजारों को बंद करा दिया है।

बवाल को नियंत्रित करने के लिए बरेली के अलावा आस-पास के जिलों जैसे शाहजहांपुर, बदायूं, और रामपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।

प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

पुलिस ने पथराव करने वाले और हिंसा भड़काने वाले लोगों की पहचान कर उनकी धरपकड़ शुरू कर दी है।

कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?

मौलाना तौकीर रजा को भी इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए हिरासत में ले लिया गया है।

मौलाना तौकीर रजा एक विवादास्पद धार्मिक नेता हैं और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष हैं।

उन पर अतीत में भी सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप लगते रहे हैं।

खास बात यह है कि उन पर साल 2010 में बरेली में ही दंगा करवाने का आरोप है और वह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।

हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा था कि अगर मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय नहीं रुके, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मुसलमान “नियंत्रण से बाहर” हो गए तो हालात गंभीर हो जाएंगे।

बरेली की वर्तमान घटना को उनके इन्हीं बयानों की परिणति माना जा रहा है।

‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की शुरुआत कहां से हुई?

यह पूरा विवाद उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से शुरू हुआ।

वहां बारावफात (ईद-ए-मिलाद उन-नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा एक बैनर या लाइटबोर्ड लगाया था।

स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस बैनर का विरोध किया और इसे सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने वाला बताया।

विरोध के बाद पुलिस ने बैनर हटा दिया और इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

इसके बाद यह विवाद एक चेन रिएक्शन की तरह पूरे देश के अन्य शहरों में फैल गया।

कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में रैलियां निकालीं, पोस्टर और बैनर लगाए।

जवाब में हिंदू समुदाय के कुछ समूहों ने ‘आई लव महादेव’ या ‘आई लव महाकाल’ जैसे बैनर लगाकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाई।

इस तरह यह मामला धार्मिक अभिव्यक्ति से बदलकर दो समुदायों के बीच टकराव का प्रतीक बन गया।

Bareilly Violence, I Love Mohammad controversy, police lathicharge, Maulana Tauqeer Raza, protest after Friday prayers, Kanpur banner controversy, I Love Mahadev, Uttar Pradesh news, Bareilly stone pelting, Asaduddin Owaisi, Shiv Sena reaction, UP news

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिससे सियासत गर्मा गई है।

  • शिवसेना (संजय निरुपम गुट): शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को मुस्लिम युवाओं को भड़काने और देश के सामाजिक माहौल को खराब करने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि इसके जवाब में हिंदू संतों द्वारा ‘आई लव महादेव’ अभियान शुरू किया गया है।
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM): पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ कहने को कोई जुर्म नहीं बताया। उन्होंने कहा कि अगर यह जुर्म है तो इसकी हर सजा मंजूर है।
  • समाजवादी पार्टी (SP): पार्टी की नेता सुमैया राणा ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे डरने वाले नहीं हैं।

बरेली की घटना एक चिंताजनक संकेत है, जो दर्शाती है कि कैसे एक स्थानीय विवाद देश के अन्य हिस्सों में फैलकर गंभीर हिंसा का रूप ले सकता है।

Bareilly Violence, I Love Mohammad controversy, police lathicharge, Maulana Tauqeer Raza, protest after Friday prayers, Kanpur banner controversy, I Love Mahadev, Uttar Pradesh news, Bareilly stone pelting, Asaduddin Owaisi, Shiv Sena reaction, UP news

यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए एक बड़ी चुनौती है।

प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह हिंसा फैलाने वाले सभी लोगों चाहे वे किसी भी समुदाय के हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

साथ ही, यह जनता और समाज के नेताओं की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखें और किसी भी प्रकार की उकसाऊ बयानबाजी या हिंसा से दूर रहें।

- Advertisement -spot_img