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बेंगलुरु भगदड़ केस: RCB का मार्केटिंग ऑफिसर अरेस्ट, हिरासत में इवेंट कंपनी के 3 अधिकारी

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Bengaluru Stampede Case: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ अब एक गंभीर कानूनी और प्रशासनिक संकट का रूप ले चुकी है।

इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी मरने वाले 35 साल से कम उम्र के थे, इनमें से 3 तो टीनएजर थे। इस घटना के बाद राजनीतिक, प्रशासनिक और न्यायिक हलकों में तेज हलचल मच गई है।

मामले में RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) और बेंगलुरु पुलिस के आला अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

इस पूरे घटनाक्रम पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है, CID और SIT को जांच की जिम्मेदारी दी गई है और कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।

RCB, DNA और KSCA के खिलाफ FIR

हादसे के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना को प्रशासन की बड़ी विफलता बताया और मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और आयोजकों पर कार्रवाई के आदेश दिए।

उन्होंने RCB, DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और KSCA के अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करने और गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

पुलिस ने सबसे पहले RCB के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर निखिल सोसाले को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जब वह शहर छोड़ने की कोशिश कर रहा था।

इसके अलावा DNA एंटरटेनमेंट कंपनी के तीन अफसर – किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को हिरासत में लिया गया है।

वहीं, KSCA के सचिव शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।

कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में RCB, DNA और KSCA के खिलाफ धारा 105, 125 (1)(2), 132, 121/1 और 190 R/w 3(5) के तहत FIR दर्ज की गई है

इन धाराओं में सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालना, आपराधिक लापरवाही और भीड़ नियंत्रण में विफलता जैसे आरोप शामिल हैं।

पुलिस कमिश्नर समेत 8 अधिकारी सस्पेंड

घटना के बाद सरकार ने प्रशासनिक जवाबदेही तय करते हुए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित 8 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

निलंबित अधिकारियों में एडिशनल पुलिस कमिश्नर, कब्बन पार्क थाना प्रभारी, ACP, DCP सेंट्रल डिवीजन, स्टेडियम प्रभारी, स्टेशन हाउस मास्टर और स्टेशन हाउस ऑफिसर शामिल हैं।

कमिश्नर बी. दयानंद की जगह IPS अधिकारी सीमंत कुमार सिंह को नया बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है और इसे “स्वप्रेरित रिट याचिका” के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है।

अदालत ने सरकार से 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सी.एम. जोशी की खंडपीठ ने यह भी पूछा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार के पास कोई SOP (Standard Operating Procedure) है या नहीं?

कोर्ट ने सवाल किया कि क्या घटना के समय तत्काल सहायता के लिए कोई व्यवस्था मौजूद थी?

घायल लोगों को कौन से अस्पताल में ले जाया गया, इसकी कोई योजना थी या नहीं?

सरकार के अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए SOP तैयार की जाएगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि RCB के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसने और क्यों लिया?

उन्होंने तर्क दिया कि जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेलते, उन्हें सार्वजनिक मंच से सम्मानित करने की क्या आवश्यकता थी?

एक सदस्यीय जांच आयोग, CID और SIT की जांच

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है, जो 30 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा

इसके अलावा सरकार ने CID (क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है और SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन भी किया है।

इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें बताया गया कि हादसे में आपराधिक लापरवाही हुई और भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक हुई।

कर्नाटक सरकार और RCB देगी मुआवजा

यह हादसा 4 मई को हुआ, जब RCB ने पहली बार IPL खिताब जीतने के बाद बेंगलुरु में विक्ट्री परेड और फैंस के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया।

आयोजन से पहले ही सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटने लगी थी। 3 लाख से ज्यादा लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए।

भीड़ का प्रबंधन पूरी तरह से फेल हो गया और भगदड़ मच गई। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हादसे में मारे गए सभी 11 लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

साथ ही, एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश भी दिया है जो 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी

वहीं, RCB फ्रेंचाइजी ने भी “RCB Cares” नाम से एक राहत फंड की स्थापना की है।

फ्रेंचाइजी ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए की सहायता देने और घायलों के इलाज का खर्च वहन करने की बात कही है।

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