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जानिए एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना के बारे में, इन छात्रों को मिलेगा सीधा फायदा

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Best Of Five Yojna: एमपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है।

मध्य प्रदेश में एक बार फिर से बेस्ट ऑफ फाइव योजना को लागू कर दिया गया है।

इस योजना का उन छात्रों को विशेष फायदा होगा, जो किसी एक विषय में कमजोर हैं।

यह योजना छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई है।

आइए जानते हैं किन छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा-

एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना फिर से लागू

एमपी बोर्ड की बेस्ट ऑफ फाइव योजना को फिर से लागू कर दिया गया है।

इस योजना के लागू होने से उन छात्रों को फायदा मिलेगा, जो किसी एक विषय में कमजोर हैं।

दरअसल, बेस्ट ऑफ फाइव फाइव योजना के लागू होने के बाद छह प्रश्नपत्रों में से पांच में पास होने वाले परीक्षार्थी पास माने जाएंगे।

इसका फायदा यह होगा कि जिन छात्रों का एक विषय कमजोर हो, उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।

ऐसे में छात्रों को अपनी ताकत के अनुसार प्रदर्शन करने का मौका भी मिलेगा।

बता दें अप्रैल 2024 में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर इसे रद्द कर दिया था।

जिसका उद्देश्य छात्रों को सभी विषयों में समान रूप से ध्यान देने के लिए प्रेरित करना था।

हालांकि, व्यापक जनहित और छात्रों की मांग को देखते हुए एक बार फिर से इसे लागू कर दिया गया है।

माना जा रहा है कि इस योजना के फिर से लागू होने के बाद छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनके मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

बेस्ट ऑफ फाइव योजना से 10वीं के छात्रों को होगा फायदा

बेस्ट ऑफ फाइव योजना का सीधा लाभ 10वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले तहत छात्रों को मिलेगा।

यह योजना छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन और सफलता की अधिक संभावना प्रदान करने के लिए लागू की गई है।

इसके तहत यदि छात्र छह अनिवार्य प्रश्नपत्रों में से किसी पांच में पास हो जाता है, तो उसे पास माना जाएगा।

छात्रों को इन पांचों विषयों में न्यूनतम 33% अंक लाने होंगे।

अगर कोई छात्र किसी एक विषय में कमजोर है, तो वह बाकी पांच विषयों में अच्छे अंक लाकर पास हो सकता है।

इससे छात्रों का शैक्षणिक दबाव कम होगा और वे बिना किसी तनाव के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

साथ ही यह योजना छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होगी।

सरकार ने छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने और परीक्षा प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह फैसला लिया है।

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