Bhind Fees Scam: चंबल में जो भी हो वो कम है। कभी परीक्षा में नकल तो कभी फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र।
अब चंबल के भिंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
दरअसल, भिंड के कुछ निजी स्कूलों ने 10वीं के परीक्षा फार्म में प्रति छात्र 1225 रुपये फीस बचाने के लिए कुछ स्टूडेंट्स या फिर उनके माता-पिता को कुष्ठ रोगी बता दिया है।
ये मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है।
शासन ने माफ की है कुष्ठ रोगियों की फीस
ये सारा फर्जीवाड़ा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि शासन ने कुष्ठ रोगी छात्रों की फीस माफ की है।
प्रदेश में 10वीं की परीक्षा फार्म की फीस माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 1225 निर्धारित है। वहीं कुष्ठरोगी या कुष्ठ रोगी आश्रित छात्र-छात्राओं की परीक्षा फीस माफ रहती है।
ऐसे में कुछ निजी स्कूलों के टीचर्स ने परीक्षा फीस हड़पने के चक्कर में स्टूडेंट्स को कुष्ठरोगी बताकर परीक्षा फार्म भरे।
पोर्टल पर प्रमाण पत्र अटैच नहीं
फार्म भरते समय बीमारी का सर्टीफिकेट भी अटैच करना होता है, लेकिन पोर्टल पर प्रमाण पत्र अटैच नहीं किए गए हैं।
मंडल के निर्देश अनुसार फीस में रियायत को लेकर संबंधित वर्ग में स्कूल प्राचार्य को ही रिकार्ड रखना जरूरी होता है, जिन्हें कभी भी जांच पड़ताल के दौरान दिखाना पड़ता है।
घटना से अनजान छात्र
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिन विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म में कुष्ठ रोगी बताया गया है, वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें पता ही नहीं है कि उनके स्कूल ने उन्हें कुष्ठ रोगी बताकर फार्म भरे हैं।
ऐसे खुली फर्जीवाड़े की पोल
जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिलेभर में करीब 450 ऐसे परीक्षा फार्म भरे गए हैं, जिन्मे कुष्ठ रोगी का विकल्प भरकर परीक्षा शुल्क में रियायत ली गई है, जबकि सरकारी आकड़ों के मुताबिक जिले में 10 वर्ष से अधिक उम्र के केवल 91 कुष्ठ रोगी ही दर्ज है।
वहीं 10 से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या महज पांच है।
ऐसे में 450 परीक्षा फार्म में छात्र-छात्राओं को कुष्ठ रोगी कैसे बताया जा सकता है।
मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच की बात कही है। वहीं संबंधित निजी स्कूल अब इसे फार्म भरने वाले आपरेटर की गलती बता रहे हैं।