Bhopal Rakhi Controversy: रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, लेकिन कुछ संगठन इसे धर्म और राजनीति से जोड़ रहे हैं।
दरअसल, भोपाल में रक्षाबंधन से पहले “संस्कृति बचाओ मंच” ने एक विवादास्पद अपील की है।
हिंदू संगठन ने महिलाओं से कहा है कि वे केवल सनातन धर्म (हिंदू) भाइयों को ही राखी बांधें, क्योंकि मुस्लिम युवकों द्वारा “लव जिहाद” और धोखे की घटनाएं बढ़ रही हैं।
इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार करते हुए कहा है – “हम तो सबको राखी बंधवाएंगे, जिसे जो करना हो कर ले!”
“जिहादी को राखी बांधना खतरनाक!” – संस्कृति बचाओ मंच
रक्षाबंधन से पहले शुक्रवार को भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के कार्यकर्ताओं ने एक अभियान चलाया।
उन्होंने राखी की दुकानों पर मौजूद महिलाओं और युवतियों को “सनातनी संस्कृति” के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि वे केवल हिंदू भाइयों को ही राखी बांधें।
संस्कृति बचाओ मंच ने न्यू मार्केट के बाजारों में दिया संदेश जिहादी को राखी ना बांधकर लव जिहाद से बचें #rakshabandhan #rakhi #rakshabandhanspecial #brothersisterlove #rakhispecial #love … #bhopal #emtnews #HBDSwaroopSinghKhara pic.twitter.com/0sg29sKYZM
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मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा –
“दिल्ली में एक युवती ने एक मुस्लिम युवक को राखी बांधी थी, लेकिन बाद में उसी युवक ने उसे छह मंजिला इमारत से फेंककर हत्या कर दी। ऐसी घटनाएं हमें सतर्क रहने को मजबूर करती हैं। आपका ‘अब्दुल’ भी वैसा ही निकलेगा, जैसा दूसरों का निकला है। इसलिए केवल सनातनी भाइयों को ही राखी बांधें।”
उन्होंने महिलाओं को सलाह दी कि वे ऐसी दुकानों से राखी खरीदें जहां हिंदू धर्म के प्रतीक (जैसे भगवान की तस्वीर या तिलक लगा हुआ दुकानदार) मौजूद हों।
“लव जिहाद का खतरा!”
चंद्रशेखर तिवारी ने “लव जिहाद” का जिक्र करते हुए कहा –
“आजकल मुस्लिम युवक हिंदू नाम रखकर लड़कियों को फंसा रहे हैं और फिर उनके साथ अपराध करते हैं। ऐसे में किसी अब्दुल को भाई बनाना जानलेवा हो सकता है।”
मंच द्वारा वितरित पैम्फलेट में भी लिखा गया –
“सनातनी भाइयों को ही राखी बांधने से पवित्रता और सुरक्षा दोनों बनी रहेगी।”
संगठन के संयोजक ने और भी आपत्तिजनक बयान दिया –
“जिनके धर्म में अपनी चचेरी-ममेरी बहनों से शादी होती है, वे हिंदू बहनों की भावनाओं का क्या सम्मान करेंगे? जिहादी रक्षाबंधन का मतलब नहीं जानते!”
कांग्रेस का पलटवार – “धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को शर्म आनी चाहिए!”
इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा –
“इन संगठनों के पास जनता की सेवा करने का कोई काम नहीं है। ये सिर्फ धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं। सनातन धर्म में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि राखी सिर्फ हिंदू को ही बांधो। अगर लव जिहाद हो रहा है, तो सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती? हम तो सभी को राखी बांधेंगे!”
शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार “लव जिहाद” रोकने में नाकाम है, इसलिए ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने निशाना साधा संस्कृति बचाओ मंच पर #rakshabandhan #rakhi #rakshabandhanspecial #brothersisterlove #rakhispecial #love … #bhopal #emtnews #SanjuSamson pic.twitter.com/ZqD7QCgjuR
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नफरत उनका एजेंडा है- आरिफ मसूद
रक्षाबंधन पर मुस्लिम युवकों को राखी न बांधने की हिंदू संगठनों की अपील पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, “…मैं कल भी राखी बंधवाऊंगा। हम सभी को अपनी बहनों की ज़रूरत है। जब वे हमारी कलाई पर राखी बांधती हैं, तो यह प्यार दर्शाता है, जबकि ऐसे बयान देने वाले नफरत फैला रहे हैं। नफरत उनका एजेंडा है…”
Bhopal, Madhya Pradesh: On Hindu organizations appealing to stop Muslim youths from tying rakhis during Raksha Bandhan, Congress MLA Arif Masood says, “…I’ll still have a rakhi tied tomorrow. We all need our sisters. When they tie a rakhi on our wrists, it shows love, while… pic.twitter.com/15kD40eQC3
— IANS (@ians_india) August 8, 2025
इंदौर के संत ने भी दी चेतावनी – “मुस्लिमों को राखी मत बांधो!”
इसी बीच, इंदौर के महामंडलेश्वर राम गोपालदास महाराज ने भी हिंदू महिलाओं से अपील की –
“मौलवी या मुस्लिम युवकों को राखी मत बांधो। ये राखी बंधवाकर बाद में लव जिहाद करते हैं। सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए विदेशी फंडिंग से ऐसे लोग साजिशें रचते हैं।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि हिंदू त्योहारों को बदनाम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सियासत या सांस्कृतिक सुरक्षा?
रक्षाबंधन पर यह बहस धर्म और राजनीति के बीच नई बहस छेड़ रही है।
जहां एक तरफ हिंदू संगठन सुरक्षा के नाम पर राखी बांधने पर पाबंदी की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस जैसी पार्टियां इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश मान रही हैं।
सवाल यह है – क्या रक्षाबंधन जैसा प्यार भरा त्योहार भी अब धर्म और राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा?
अब देखना है कि आम जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
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