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“रक्षाबंधन पर सनातनी भाइयों को ही बांधें राखी”: हिंदू संगठन की अपील पर भड़की कांग्रेस, बोली- शर्म आनी चाहिए

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Bhopal Rakhi Controversy: रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, लेकिन कुछ संगठन इसे धर्म और राजनीति से जोड़ रहे हैं।

दरअसल, भोपाल में रक्षाबंधन से पहले “संस्कृति बचाओ मंच” ने एक विवादास्पद अपील की है।

हिंदू संगठन ने महिलाओं से कहा है कि वे केवल सनातन धर्म (हिंदू) भाइयों को ही राखी बांधें, क्योंकि मुस्लिम युवकों द्वारा “लव जिहाद” और धोखे की घटनाएं बढ़ रही हैं।

इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार करते हुए कहा है – “हम तो सबको राखी बंधवाएंगे, जिसे जो करना हो कर ले!”

“जिहादी को राखी बांधना खतरनाक!” – संस्कृति बचाओ मंच

रक्षाबंधन से पहले शुक्रवार को भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के कार्यकर्ताओं ने एक अभियान चलाया।

उन्होंने राखी की दुकानों पर मौजूद महिलाओं और युवतियों को “सनातनी संस्कृति” के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि वे केवल हिंदू भाइयों को ही राखी बांधें।

मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा –

“दिल्ली में एक युवती ने एक मुस्लिम युवक को राखी बांधी थी, लेकिन बाद में उसी युवक ने उसे छह मंजिला इमारत से फेंककर हत्या कर दी। ऐसी घटनाएं हमें सतर्क रहने को मजबूर करती हैं। आपका ‘अब्दुल’ भी वैसा ही निकलेगा, जैसा दूसरों का निकला है। इसलिए केवल सनातनी भाइयों को ही राखी बांधें।”

उन्होंने महिलाओं को सलाह दी कि वे ऐसी दुकानों से राखी खरीदें जहां हिंदू धर्म के प्रतीक (जैसे भगवान की तस्वीर या तिलक लगा हुआ दुकानदार) मौजूद हों।

“लव जिहाद का खतरा!” 

चंद्रशेखर तिवारी ने “लव जिहाद” का जिक्र करते हुए कहा –

“आजकल मुस्लिम युवक हिंदू नाम रखकर लड़कियों को फंसा रहे हैं और फिर उनके साथ अपराध करते हैं। ऐसे में किसी अब्दुल को भाई बनाना जानलेवा हो सकता है।”

मंच द्वारा वितरित पैम्फलेट में भी लिखा गया –

“सनातनी भाइयों को ही राखी बांधने से पवित्रता और सुरक्षा दोनों बनी रहेगी।”

संगठन के संयोजक ने और भी आपत्तिजनक बयान दिया –

“जिनके धर्म में अपनी चचेरी-ममेरी बहनों से शादी होती है, वे हिंदू बहनों की भावनाओं का क्या सम्मान करेंगे? जिहादी रक्षाबंधन का मतलब नहीं जानते!”

कांग्रेस का पलटवार – “धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को शर्म आनी चाहिए!”

इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा –

“इन संगठनों के पास जनता की सेवा करने का कोई काम नहीं है। ये सिर्फ धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं। सनातन धर्म में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि राखी सिर्फ हिंदू को ही बांधो। अगर लव जिहाद हो रहा है, तो सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती? हम तो सभी को राखी बांधेंगे!”

शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार “लव जिहाद” रोकने में नाकाम है, इसलिए ऐसे मुद्दे उछाले जा रहे हैं।

नफरत उनका एजेंडा है- आरिफ मसूद

रक्षाबंधन पर मुस्लिम युवकों को राखी न बांधने की हिंदू संगठनों की अपील पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, “…मैं कल भी राखी बंधवाऊंगा। हम सभी को अपनी बहनों की ज़रूरत है। जब वे हमारी कलाई पर राखी बांधती हैं, तो यह प्यार दर्शाता है, जबकि ऐसे बयान देने वाले नफरत फैला रहे हैं। नफरत उनका एजेंडा है…”

इंदौर के संत ने भी दी चेतावनी – “मुस्लिमों को राखी मत बांधो!”

इसी बीच, इंदौर के महामंडलेश्वर राम गोपालदास महाराज ने भी हिंदू महिलाओं से अपील की –

“मौलवी या मुस्लिम युवकों को राखी मत बांधो। ये राखी बंधवाकर बाद में लव जिहाद करते हैं। सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए विदेशी फंडिंग से ऐसे लोग साजिशें रचते हैं।”

उन्होंने सरकार से मांग की कि हिंदू त्योहारों को बदनाम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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सियासत या सांस्कृतिक सुरक्षा?

रक्षाबंधन पर यह बहस धर्म और राजनीति के बीच नई बहस छेड़ रही है।

जहां एक तरफ हिंदू संगठन सुरक्षा के नाम पर राखी बांधने पर पाबंदी की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस जैसी पार्टियां इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश मान रही हैं।

सवाल यह है – क्या रक्षाबंधन जैसा प्यार भरा त्योहार भी अब धर्म और राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा?

अब देखना है कि आम जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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