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Bhojshala Survey Report: ASI ने MP हाईकोर्ट में पेश की धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
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Bhojshala Survey Report: धार। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला की 2100 से ज्यादा पन्नों की सर्वे की रिपोर्ट पेश कर दी।

दरअसल भोजशाला को लेकर हिंदू-मुस्लिम पक्षों के बीच विवाद के बाद भोजशाला का सच जानने के लिए किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

बता दें कि इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश ASI को दिया था।

इसके बाद ही यह सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक 98 दिन किया गया। सर्वे के दौरान खुदाई के साथ-साथ फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई।

सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) की मदद भी ली गई।

ASI को पहले चार जुलाई को सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत करनी थी, लेकिन किसी कारणवश रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई थी।

इसके बाद ASI के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया था जो रविवार (14 जुलाई) को पूरा हो गया।

रविवार को अवकाश था इसलिए सोमवार 15 जुलाई को कोर्ट में रिपोर्ट (Bhojshala Survey Report) प्रस्तुत की गई।

वहीं, जैन समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था के कार्यकर्ता ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भोजशाला को जैन धार्मिक स्थल होने का दावा किया है। उस पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई की जानी है।

ASI के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में हुए इस सर्वे में 1700 से ज्यादा पुरावशेष खुदाई में मिले हैं जिनमें देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां भी शामिल हैं।

मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है, जो भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति के समान ही बताई जा रही है। हालांकि आकार में यह छोटी है। सर्वे (Bhojshala Survey Report) के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं।

भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल के मुताबिक, सर्वे में अब तक जो पुरावशेष मिले हैं, वे भोजशाला को मंदिर साबित कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अब तक खुदाई में मिले पुरावशेषों में 37 मूर्तियां हैं जिनमें भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं।

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