Deepak Joshi Marriage Controversy: मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता दीपक जोशी एक बार फिर चर्चा में हैं।
63 वर्ष की उम्र में उन्होंने महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पल्लवी राज सक्सेना से शादी की है, जो उनसे करीब 20 साल छोटी हैं।
हालांकि, यह शादी एक नए विवाद को जन्म दे रही है, क्योंकि दीपक जोशी पर पहले भी कई शादियों के आरोप लगते रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर दीपक जोशी और पल्लवी सक्सेना की शादी की तस्वीरें तेजी से वायरल हुईं।
तस्वीरों में दीपक जोशी को पल्लवी की मांग में सिंदूर भरते देखा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि यह शादी 4 दिसंबर को भोपाल के एक आर्य समाज मंदिर में हुई।
पल्लवी ने अपने सरनेम में अब ‘जोशी’ भी जोड़ लिया है।
पिछली शादियों को लेकर उठे सवाल
इस शादी के बाद से ही दीपक जोशी की पिछली शादियों और रिश्तों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीपक जोशी पर चार शादियां करने का आरोप है।
उनकी पहली पत्नी विजया जोशी का साल 2021 में कोरोना के कारण निधन हो गया था।
इसके अलावा, नम्रता जोशी और शिखा जोशी (मित्रा) नामक दो महिलाएं भी यह दावा करती रही हैं कि वे दीपक जोशी की पत्नी हैं।
इनमें से कुछ मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं।

दीपक जोशी ने क्या कहा?
इन आरोपों के बीच दीपक जोशी ने एक सोशल मीडिया चैनल के जरिए बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि यह मामला साल 2006 से चला आ रहा है और कुछ मामले न्यायालय में हैं।
उन्होंने कहा, “हमने गलतियां की होंगी, बेइमानी नहीं की है। अगर गलतियां हैं तो गलतियों का प्रायश्चित है।”
जोशी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह खुद को दोषी नहीं मानते।

उनका कहना था, “मैं नहीं कह सकता कि मैं दोषी हूं कि सामने वाला दोषी है। अगर गलतियों में मैं दोषी हूं तो भारतीय कानून मुझे दोषी ठहराएगा।”
उन्होंने वादा किया कि वे सोमवार को भोपाल में आकर पूरी सच्चाई सामने रखेंगे और इन महिलाओं से अपने संबंधों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
फिलहाल वे भोपाल से बाहर हैं और 22 दिसंबर के बाद ही लौटेंगे।
दीपक जोशी कौन हैं?
दीपक जोशी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे हैं।
वह एक वरिष्ठ राजनेता हैं और 2013 में देवास की हाटपिपल्या सीट से विधायक बने थे।
तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार में उन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री का पद भी मिला था। हालांकि, 2018 के चुनाव में वह हार गए।

उतार-चढ़ाव भरी रही राजनीतिक यात्रा
2020 में कांग्रेस सरकार के गिरने के बाद हुए उपचुनावों में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने 2023 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली थी।
कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया और 2023 के विधानसभा चुनाव में खातेगांव सीट से टिकट दिया, लेकिन वह फिर हार गए।
डेढ़ साल बाद ही उन्होंने फिर से भाजपा में ‘घर वापसी’ कर ली।

आगे क्या?
यह मामला अब कानूनी और राजनीतिक दोनों ही मोर्चों पर चल रहा है।
एक तरफ जहां कोर्ट में उनके खिलाफ मामले लंबित हैं, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर उनकी छवि को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
दीपक जोशी ने सोमवार को सच्चाई सामने रखने का वादा किया है, जिसके बाद ही स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी।
फिलहाल, यह मामला राजनीति और समाज दोनों में ही चर्चा का केंद्र बना हुआ है।


