Bhopal Police Brutality: पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है जिसने इस विश्वास को गहरा झटका दिया है।
यहाँ एक युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दो पुलिस कांस्टेबलों द्वारा की गई बेरहम पिटाई से मौत हो गई।
पीड़ित DSP केतन अडलक के साले (बहनोई) थे।
इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली और ‘एनकाउंटर’ से इतर हिरासत में होने वाली हिंसा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ था उस रात?
पूरा मामला गुरुवार की देर रात का है।
पिपलानी थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी इलाके में 22 वर्षीय उदित गायकी अपने दो दोस्तों अक्षत भार्गव और दीपक बरकड़े के साथ बैठकर समय बिता रहा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों बीयर पी रहे थे। तभी रात करीब डेढ़ बजे चार्ली (पुलिस की पैट्रोलिंग गाड़ी) पर तैनात पिपलानी थाने के दो आरक्षक संतोष बामनिया और सौरभ आर्य वहां पहुंचे।
भोपाल से इंजीनियरिंग कर रहे उदित अपने पांच दोस्तों के साथ घूमने निकला। वह एक DSP साहब का साला था।
रात 2 बजे पुलिस ने उन्हें रोका। बात बढ़ गई और दो कांस्टेबल उसे पीटने लगे।
उसके दोस्तों का आरोप है कि ₹10K रिश्वत मांगी गई।
इंकार करने पर और पीटा, मौत।pic.twitter.com/mKpC6XjcDh
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) October 11, 2025
दोस्तों के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने तीनों को पकड़ लिया और उनसे 10,000 रुपए की मांग की।
आरोप है कि पैसे न देने पर उन्होंने दबाव बनाने के लिए उदित को निशाना बनाया।
इस दौरान उन्होंने पहले उदित के कपड़े उतरवाए और फिर डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
यह पूरा घटनाक्रम एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जो बाद में मामले का अहम सबूत बना।
पिटाई के बाद उदित बेहोश हो गया। उसके दोस्तों ने उसे पहले सांई अस्पताल ले जाया, लेकिन वहां से उसकी हालत गंभीर देखकर उसे एम्स भोपाल रेफर कर दिया गया।
एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोला भयानक राज, शरीर पर मिले 16 चोट के निशान
उदित की मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम पाँच डॉक्टरों की एक टीम ने किया।
रिपोर्ट में सामने आई जानकारी चौंकाने वाली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार:
- मौत का कारण: ‘ट्रॉमा अटैक’ और ‘पेनक्रियाज डैमेज’ बताया गया। पेनक्रियाज पेट के पिछले हिस्से में स्थित एक महत्वपूर्ण अंग होता है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी उदित के पेट के पिछले हिस्से में जमकर डंडे से वार कर रहा था, जिससे उसका पेनक्रियाज फट गया।
- शरीर पर 16 जगह चोट: डॉक्टरों ने उदित के शरीर पर 16 अलग-अलग जगहों पर गंभीर चोटों के निशान पाए। इनमें आंख के पास माथे पर गहरी चोट, कंधे, कमर, पेट, कान के पास और सिर के पिछले हिस्से पर निशान शामिल थे।

यह रिपोर्ट साबित करती है कि उदित की मौत एक साधारण मारपीट से नहीं, बल्कि जानलेवा तरीके से की गई पिटाई की वजह से हुई है।
पुलिस की कार्रवाई: आरक्षकों को सस्पेंड किया गया, FIR दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी नहीं
मामला गर्माने और सबूत सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की:
- निलंबन: शुक्रवार को दोनों आरक्षकों संतोष बामनिया और सौरभ आर्य को निलंबित कर दिया गया।
- FIR दर्ज: शनिवार की सुबह तड़के दोनों आरक्षकों के खिलाफ पिपलानी थाने में हत्या (IPC की धारा 302) का मुकदमा दर्ज किया गया।
- आरोपी गायब: FIR दर्ज होने की भनक लगते ही दोनों आरोपी आरक्षक फरार हो गए। पुलिस ने उनकी तलाश के लिए थाने की तीन टीमें लगा दी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
- सबूत: पुलिस ने घटना वाले स्थान के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं, जिन्हें कोर्ट में मुख्य सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। उदित के दोस्तों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।

पीड़ित परिवार का दर्द: माता-पिता का इकलौता बेटा था उदित
उदित गायकी का परिवार इस समय गहरे सदमे में है। उदित अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।
उसके पिता राजकुमार गायकी एमपीईबी (MPEB) में सहायक इंजीनियर हैं और मां संगीता गायकी सेमरा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं।
उदित से बड़ी उसकी दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी DSP केतन अडलक से हुई है।
उदित ने VIT आष्टा से बी.टेक (इंजीनियरिंग) की पढ़ाई पूरी की थी और पिछले ही महीने उसे एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिली थी।

वह पिछले तीन महीने से नौकरी की तलाश में बेंगलुरु में रह रहा था और केवल कुछ दस्तावेज लेने के लिए छुट्टी पर भोपाल आया हुआ था।
उसका भविष्य उज्जवल था, लेकिन पुलिस की इस बर्बरता ने एक परिवार का सहारा छीन लिया।
पुलिस का बचाव और विवादित बयान
इस पूरे मामले में एक विवादित बयान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का भी सामने आया है।
डीसीपी जोन-2 विवेक सिंह ने मीडिया को बताया कि दोनों आरक्षकों ने अपने बयान में स्वीकार किया था कि उन्होंने उदित को पीटा था, लेकिन उनका दावा था कि उन्होंने “ऐसा नहीं मारा कि मौत हो जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि उदित उन्हें देखकर भागा था, इसलिए उन्होंने उसे संदिग्ध समझकर पकड़ा।
VIDEO | Bhopal: DCP zone 2, Vivek Singh on the death of college student Udit after being allegedly beaten by police, said:
“The short post mortem report states that the cause for death is haemorrhage in the pancreas. There were also some injuries in the body. We have lodged a… pic.twitter.com/NTBq65IJRY
— Press Trust of India (@PTI_News) October 11, 2025
हालांकि, यह बयान उदित के दोस्तों के बयान और सीसीटीवी फुटेज से मेल नहीं खाता, जिसमें साफ दिख रहा है कि उदित की निर्ममता से पिटाई की गई थी।
थाने में हुआ हंगामा, राजनीतिक रूप लेता मामला
उदित की मौत की खबर फैलते ही शुक्रवार शाम को पिपलानी थाने के बाहर उसके परिजनों और स्थानीय लोगों ने जबरदस्त हंगामा किया।
लोगों ने “पुलिस प्रशासन होश में आओ” जैसे नारे लगाए और आरोपियों के खिलाफ तुरंत हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुखदेव पांसे भी शामिल हुए।
पांसे ने इस घटना को प्रदेश के लिए शर्मनाक बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार करने, उन्हें बर्खास्त करने और पीड़ित परिवार को 5 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की।
यह स्पष्ट है कि यह मामला अब एक आपराधिक घटना से आगे बढ़कर एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
एक और काला धब्बा
उदित गायकी की मौत का मामला न केवल भोपाल बल्कि पूरे देश की पुलिस व्यवस्था पर एक गंभीर सवालिया निशान है।
यह घटना यह दिखाती है कि कैसे कुछ ‘कानून के रखवाले’ खुद कानून से ऊपर होने का भाव रखते हैं और मनमानी करने से नहीं हिचकिचाते।
हिरासत में मौत के मामले भारत में नए नहीं हैं, और अक्सर ऐसे मामलों में आरोपियों को सजा मिलने में सालों लग जाते हैं।
अब न्याय की उम्मीद इस बात पर टिकी है कि पुलिस कितनी जल्दी और कितनी ईमानदारी से इस मामले की जांच करती है और आरोपियों को सजा दिलवा पाती है।


