E rickshaw ban Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब 12 प्रमुख सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने और पार्किंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यह फैसला 27 जून को हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया था, जिसे 23 जुलाई से लागू कर दिया गया है।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य शहर में यातायात जाम की समस्या को कम करना और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाना है।
क्यों लगाया गया ई-रिक्शा पर प्रतिबंध?
1. ट्रैफिक जाम की समस्या–
भोपाल में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिससे प्रमुख मार्गों पर भीड़ बढ़ गई थी। खासकर सुबह और शाम के पीक आवर्स में यह समस्या और गंभीर हो जाती थी।
2. नगर सेवा वाहनों के साथ दबाव –
इन मार्गों पर पहले से ही बसें और अन्य सार्वजनिक वाहन चलते हैं, जिसके कारण ई-रिक्शा के आने से यातायात और अधिक अस्त-व्यस्त हो जाता था।
3. सुरक्षा चिंताएं –
हाल ही में भोपाल कलेक्टर ने ई-रिक्शा द्वारा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि इन वाहनों में सुरक्षा मानकों का अभाव होता है।
किन मार्गों पर लगा है प्रतिबंध?
भोपाल के 12 प्रमुख रूट्स, जिनकी कुल लंबाई लगभग 25.5 किलोमीटर है, पर अब ई-रिक्शा नहीं चल सकेंगे। इनमें शामिल हैं:
- राजभवन से पॉलिटेक्निक चौराहा
- – पॉलिटेक्निक चौराहा से स्टेट हैंगर
- – बोट क्लब
- – हमीदिया रोड-अल्पना से भोपाल टॉकीज
- -अपेक्स बैंक से रोशनपुरा
- – लिंक रोड-1 बोर्ड ऑफिस चौराहा से अपेक्स बैंक तक
- – काटजू अस्पताल तिराहा से रंगमहल तिराहा तक
- – वन्दे मातरम से 10 नंबर स्टॉप तक
- -10 नंबर से नेशनल अस्पताल तक
- – 10 नंबर से साढ़े 10 नंबर तक
- – सेंटर प्वाइंट से रोशनपुरा तक
- – जीजी फ्लाईओवर
नियम तोड़ने वालों के लिए क्या है सजा?
– पहले 7 दिन चेतावनी –
प्रतिबंध लागू होने के शुरुआती सप्ताह में ई-रिक्शा चालकों को केवल चेतावनी दी जाएगी।
– उसके बाद चालान –
यदि कोई चालक नियम तोड़ता पाया जाता है, तो उस पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।
भोपाल में ई-रिक्शा की स्थिति
भोपाल में लगभग 11,000 से अधिक ई-रिक्शा चलते हैं, जिनकी वजह से शहर के मुख्य मार्गों पर अक्सर जाम लगा रहता था।
प्रशासन को उम्मीद है कि इस प्रतिबंध से यातायात प्रबंधन में सुधार होगा और सड़क हादसों में भी कमी आएगी।
इस नए नियम से भोपाल के निवासियों को यातायात में सुधार की उम्मीद है, हालांकि ई-रिक्शा चालकों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम सभी की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।


