Digital Arrest In Bhopal: डिजिटल अरेस्ट के केस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। भोपाल में दस दिनों के भीतर ही डिजिटल अरेस्ट का तीसरा मामला सामने आया है।
इस केस में एक बुजुर्ग कपल को निशाना बनाया गया लेकिन दिलचस्प बात ये है कि 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद भी ये कपल ठगी से बच गया।
जानते हैं क्या है पूरा मामला…
स्कूल प्रिंसिपल को बनाया निशाना
इस बार साइबर ठगों ने भोपाल कोहेफिजा में एक प्रायवेट स्कूल के प्रिसिंपल फर्रूख खान (उम्र 59 साल) और उनकी पत्नी मारिया को डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगने की कोशिश की है।
फर्रूख कोहेफिजा में एक प्रायवेट स्कूल में प्रिंसिपल हैं।
कूरियर कंपनी के नाम से ठगी
शनिवार दोपहर ढाई बजे उनके मोबाइल पर फोन आया था।
फोन करने वाले ने खुद को DHL कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताया था और पार्सल में ड्रग रखे होने की शिकायत की।
प्राचार्य ने पार्सल के संबंध में जानकारी न होने की बात कही तो ठग ने फोन को दिल्ली साइबर क्राइम सेल के अफसरों को मिलाने का झांसा दिया। उसके बाद फर्जी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा।
ऐसे बचे ठगी से
ठगों ने फर्रूख से कहा कि आपके आधारकार्ड का दुरुपयोग हुआ होगा, दिल्ली साइबर सेल से शिकायत कर दीजिए और सीधा फोन पुलिस अधिकारियों को मिलाने की बात कही।
यहां पुलिस अधिकारी बने ठगों ने स्काइप पर वीडियो काल किया और फर्रूख व उनकी पत्नी को घर से बाहर न जाने का आदेश दिया।
शाम को इन ठगों ने फर्रूख के बैंक खातों की जानकारी मांगी, लेकिन फर्रुख ने उन्हें गलत जानकारी दी। जिससे ठग बैंक खातों से रुपये नहीं निकाल पाए।
उन्होंने रविवार शाम चार बजे तक ठगी का प्रयास किया।
फोन पर पढ़ी डिजिटल अरेस्ट की खबर
फर्रूख को शक हुआ तो उन्होंने टायलेट जाने के बहाने अपनी पत्नी के मोबाइल में डिजिटल अरेस्ट की खबर पढ़ी, जिसके बाद वापस लौटने पर उन्होंने अपना इंटरनेट बंद किया और साइबर क्राइम सेल पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।
10 दिनों में डिजिटल अरेस्ट का तीसरा मामला
राजधानी में बीते दस दिनों में डिजिटल अरेस्ट का यह तीसरा मामला सामने आया है।
इससे पहले 9 नवंबर को अरेरा कालोनी निवासी दुबई के बिजनेसमैन विवेक ओबेराय को ठगों ने 6 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 3 करोड़ रुपये ठगने की कोशिश की।
वहीं मंगलवार को बजिरया निवासी टेलीकाम इंजीनियर प्रमोद को भी 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने साढ़े 3 लाख रुपये मांगे। (All Image Credit FreePiK)