Homeन्यूजकब बढ़ेगा सीएम का कुनबा, मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार पर बड़ी अपडेट

कब बढ़ेगा सीएम का कुनबा, मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार पर बड़ी अपडेट

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Rashid Ahmed
Rashid Ahmed
राशिद अहमद खान को पत्रकारिता का 16 वर्ष का अनुभव है। आप दैनिक भास्कर डिजिटल, इंडिया टीवी, न्यूज एक्सप्रेस, बंसल न्यूज, ईटीवी, आकाशवाणी-दूरदर्शन सहित विभिन्न टीवी, रेडियो और डिजिटल मीडिया संस्थानों में सेवाएं दे चुके हैं। मध्य प्रदेश शासन की सोशल मीडिया टीम को लीड कर चुके हैं।

भोपाल। चुनाव के बाद से मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के पुर्नगठन को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर अब विराम लग गया है।

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाइकमान ने तय किया है कि अब प्रदेश में सरकार स्तर पर होने वाले बदलावों को अगले साल चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद किया जाएगा।

दरअसल केंद्रीय नेतृत्व आने वाले समय में चार राज्यों झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त है।

लिहाजा उसने इस मामले को फिलहाल टालने का फैसला किया है। अलबत्ता आयोगों में नियुक्तियां जरूर जल्दी की जा सकती है। इन आयोगों में लंबे समय से पद रिक्त पड़े हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार या फिर पुर्नगठन को लेकर चर्चाओं में आयी तेजी की वजह थी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत का भाजपा में शामिल होना।

उनके शामिल होने के बाद से ही माना जा रहा है कि वे मंत्रिमंडल में शामिल होने की शर्त पर ही आए हैं।

इसके अलावा पार्टी के कई ऐसे विधायक हैं जिनकी दावेदारी पूर्व की शिवराज सरकार में भी बनी हुई थी, लेकिन तब भी उन्हें मौका नहीं मिल पाया था। वे इस बार भी दावेदार बने हुए हैं।

फिलहाल क्या है मोहन मंत्रिमंडल का गणित –

डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल में फिलहाल कुल 30 मंत्री हैं। इनमें 18 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार और 4 राज्यमंत्री हैं।

माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद परफार्मेंस के आधार पर दो से तीन मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।

इसके अलावा तीन नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे। इसमें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए विधायक रामनिवास रावत का भी नाम था।

इसके अलावा विंध्य और मालवा का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार हो रहा था।

किसकी होगी छुट्टी, कौन बनेगा मंत्री?

प्रदेश में चुनाव हुए अभी महज छह माह ही हुए हैं, मंत्रिमंडल गठित होने के बाद लोकसभा चुनाव आ गए जिसकी वजह से मंत्रियों को काम करने का मौका ही नहीं मिल सका है।

वे जब तक विभाग का कामकाज समझते तब तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी।

हालांकि खबर ये भी है पार्टी हाईकमान उन मंत्रियों से नाराज है, जहां पर लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव की तुलना में कम वोट मिले हैं।

इसके अलावा माना जा रहा है कि अगर जरूरी हुआ तो कुछ सीनियर नेताओं को निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाकर मंत्री पद दिया जा सकता है।

हालांकि फिलहाल तो रामनिवास रावत सहित कई और नेताओं के मंत्री बनने के मनसूबों पर तो फिलहाल पानी फिर ही गया है।

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