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पाकिस्तान पहुंचा CM नीतीश का जबरन हिजाब खींचने का मामला, इल्तिजा मुफ्ती ने भी दर्ज कराई FIR

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Nitish hijab controversy Pakistan: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की घटना पर शुरू हुआ विवाद अब पड़ोसी देश तक पहुंच गया है।

पाकिस्तान सरकार ने भी इस घटना पर बयान देकर नीतीश कुमार की आलोचना की है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी पीएम इशाक डार ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इसे “शर्मनाक” बताया।

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भारत में मुस्लिम महिलाओं का अपमान

दूसरी तरफ विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भी एक इवेंट में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा-

“एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब जबरन हटाना और इसका उपहास उड़ाना परेशान करने वाला है।

साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से भारत में मुस्लिम महिलाओं के अपमान को आम घटना बनाने का खतरा है।”

उमर अब्दुल्ला ने कहा- माफी मांगे नीतिश

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा “नीतीश कुमार को डॉक्टर से माफी मांगनी चाहिए।

एक पल के लिए भूल जाइए कि वह एक मुस्लिम महिला थीं और हिजाब पहने हुए थीं।

किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार करना या उसके कपड़ों को इस तरह छूना कैसे सही है?”

अब्दुल्ला ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश को अपनी गलती माननी चाहिए। उस डॉक्टर को बुलाकर माफी मांगनी चाहिए।

पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने दर्ज कराई FIR:

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने श्रीनगर के कोठीबाग पुलिस थाने में नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

शिकायत में बताया गया कि बिहार के एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक युवा मुस्लिम डॉक्टर नुसरत परवीन का नकाब सार्वजनिक रूप से हटाया था।

इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री और अन्य लोगों की हंसी और बेरूखी ने स्थिति को और बढ़ा दिया।

इल्तिजा ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ एक मुस्लिम महिला पर हमला नहीं बल्कि हर भारतीय महिला की स्वायत्तता, पहचान और गरिमा पर हमला है।

उन्होंने नीतीश को चेतावनी देते हुए कहा, “आपको (नीतीश) कोई हक नहीं बनता कि आप हमारे नकाब या हिजाब को हाथ लगाए। अगली बार आपने हमारे हिजाब को हाथ लगाया तो हम मुसलमान औरतें आपको ऐसा सबक सिखाएंगी कि जिंदगी भर भूलेंगे नहीं।”

इल्तिजा ने कहा- नीतीश कुमार ने जो हरकत की, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। लेकिन माफी की बजाय भाजपा के नेता अश्लील बयानबाजी कर रहे हैं।

गिरिराज सिंह कहते हैं कि मुसलमान भाड़ में जाए। हम भाड़ में क्यों जाए। अगर आपने मुसलमान महिला का हिजाब छुआ है तो अंजाम भुगतने को तैयार रहिए।

सीएम नीतीश ने हिजाब क्यों हटाया?

15 दिसंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे।

इस कार्यक्रम में मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन भी नियुक्ति पत्र लेने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने हिजाब पहना था।

वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि नीतीश कुमार ने पहले नुसरत को नियुक्ति पत्र दिया, फिर उनके हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा, “ये क्या है जी?”

नुसरत ने जवाब दिया, “हिजाब है सर।” इसके बाद सीएम ने कहा, “हटाइए इसे,” और खुद ही अपने हाथ से महिला का हिजाब हटाने का प्रयास किया।

इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन तब तक हिजाब हट चुका था।

इस पूरे प्रकरण में आसपास मौजूद कुछ लोग हंसते भी नजर आए, जबकि डॉक्टर नुसरत असहज हो गई।

7 साल से हिजाब में कॉलेज आती थीं डॉक्टर नुसरत परवीन

नुसरत परवीन पटना के कदमकुआं स्थित राजकीय तिब्बी कॉलेज से बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (BUMS) की पढ़ाई कर रही हैं। उनके शिक्षकों के अनुसार:

  • नुसरत पिछले 7 साल से लगातार हिजाब में ही कॉलेज आती रही हैं
  • वह पढ़ाई में बहुत होशियार हैं और कॉलेज में किसी ने आज तक उनका चेहरा नहीं देखा था
  • घटना के बाद से वह 4 दिन से कॉलेज नहीं आई हैं
  • वह इस घटना से आहत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हैं
  • 20 दिसंबर को वह अपनी नौकरी ज्वाइन करने की योजना बना रही हैं

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं – विपक्ष ने उठाए सवाल, सत्ता पक्ष चुप

इस मामले में बिहार की सत्तारूढ़ पार्टियां और एनडीए गठबंधन के सहयोगी लगभग चुप हैं, जबकि विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है:

  • आरजेडी और कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है
  • भाजपा नेताओं ने अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है
  • गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के विवादित बयान आए हैं, जिन्होंने कहा, “मुसलमान भाड़ में जाए”

महिलाओं की निजता और धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल

यह मामला कई महत्वपूर्ण सवाल उठाता है:

  1. महिलाओं की शारीरिक स्वायत्तता: किसी भी महिला के कपड़ों को बिना अनुमति के छूना उसकी निजता का उल्लंघन है।
  2. धार्मिक स्वतंत्रता: भारत का संविधान हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार पोशाक पहनने की स्वतंत्रता देता है।
  3. सार्वजनिक व्यवहार: एक मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार से अधिक संवेदनशील व्यवहार की उम्मीद की जाती है।
  4. सामाजिक संदेश: इस तरह की घटनाएं समाज में विभाजन और तनाव बढ़ाने का काम करती हैं।

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संवेदनशीलता और सम्मान की जरूरत

नीतीश कुमार के हिजाब खींचने की घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत जैसे बहुलवादी और धर्मनिरपेक्ष देश में सभी धर्मों और संस्कृतियों के प्रति सम्मान बेहद जरूरी है।

एक महिला की पसंद, उसकी धार्मिक मान्यताएं और उसकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए, खासकर तब जब बात एक सार्वजनिक प्रतिनिधि की हो।

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