Nitish hijab controversy Pakistan: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की घटना पर शुरू हुआ विवाद अब पड़ोसी देश तक पहुंच गया है।
पाकिस्तान सरकार ने भी इस घटना पर बयान देकर नीतीश कुमार की आलोचना की है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी पीएम इशाक डार ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इसे “शर्मनाक” बताया।

भारत में मुस्लिम महिलाओं का अपमान
दूसरी तरफ विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने भी एक इवेंट में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा-
“एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब जबरन हटाना और इसका उपहास उड़ाना परेशान करने वाला है।
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से भारत में मुस्लिम महिलाओं के अपमान को आम घटना बनाने का खतरा है।”
Weekly Press Briefing by the Spokesperson @TahirAndrabi
On the Forcible Removal of the Hijab of a Muslim Lady by a Chief Minister in India pic.twitter.com/seRcd56yGf
— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) December 18, 2025
उमर अब्दुल्ला ने कहा- माफी मांगे नीतिश
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा “नीतीश कुमार को डॉक्टर से माफी मांगनी चाहिए।
एक पल के लिए भूल जाइए कि वह एक मुस्लिम महिला थीं और हिजाब पहने हुए थीं।
किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार करना या उसके कपड़ों को इस तरह छूना कैसे सही है?”
अब्दुल्ला ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश को अपनी गलती माननी चाहिए। उस डॉक्टर को बुलाकर माफी मांगनी चाहिए।
<<<{(€(QNS)€)}>>>
>> #CM #OmarAbdullah Says, Forget that she was a Muslim woman, that she was wearing a Hijab; How Can it ever be Right to Lay Hands on Any Woman in this Manner, to Touch Her Clothes? And then to forcibly Remove a Muslim Woman’s Hijab Like that. #NitishKumar… pic.twitter.com/b9fgMKdRLw— The QNS 24×7 (@Qns24x7) December 18, 2025
पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने दर्ज कराई FIR:
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने श्रीनगर के कोठीबाग पुलिस थाने में नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
शिकायत में बताया गया कि बिहार के एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक युवा मुस्लिम डॉक्टर नुसरत परवीन का नकाब सार्वजनिक रूप से हटाया था।
इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री और अन्य लोगों की हंसी और बेरूखी ने स्थिति को और बढ़ा दिया।
इल्तिजा ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ एक मुस्लिम महिला पर हमला नहीं बल्कि हर भारतीय महिला की स्वायत्तता, पहचान और गरिमा पर हमला है।
पीडीपी प्रमुख मेहबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कश्मीर श्रीनगर के कोठी बाग़ पुलिस थाने मे FIR दर्ज करवाई ,
इल्तिज़ा मुफ़्ती ने कहा ” अबकी बार अगर किसी मुस्लिम महिला का हिजाब खींचने की कोशिश की तो हम मुसलमान औरते ऐसा सबक सिखाएगी की… pic.twitter.com/8JUPqwili5
— Nargis Bano (@Nargis_Bano78) December 19, 2025
उन्होंने नीतीश को चेतावनी देते हुए कहा, “आपको (नीतीश) कोई हक नहीं बनता कि आप हमारे नकाब या हिजाब को हाथ लगाए। अगली बार आपने हमारे हिजाब को हाथ लगाया तो हम मुसलमान औरतें आपको ऐसा सबक सिखाएंगी कि जिंदगी भर भूलेंगे नहीं।”
इल्तिजा ने कहा- नीतीश कुमार ने जो हरकत की, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। लेकिन माफी की बजाय भाजपा के नेता अश्लील बयानबाजी कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह कहते हैं कि मुसलमान भाड़ में जाए। हम भाड़ में क्यों जाए। अगर आपने मुसलमान महिला का हिजाब छुआ है तो अंजाम भुगतने को तैयार रहिए।
Lodged a complaint at Kothi Bagh Police Station to file an FIR against Bihar CM Nitish Kumar for violating the dignity of a Muslim woman by forcibly removing her naqaab. Hope @JmuKmrPolice takes cognisance of this violation. Hands off our hijabs & naqaabs. pic.twitter.com/4wu272h8hI
— Iltija Mufti (@IltijaMufti_) December 19, 2025
सीएम नीतीश ने हिजाब क्यों हटाया?
15 दिसंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे।
इस कार्यक्रम में मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन भी नियुक्ति पत्र लेने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने हिजाब पहना था।
वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि नीतीश कुमार ने पहले नुसरत को नियुक्ति पत्र दिया, फिर उनके हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा, “ये क्या है जी?”
नुसरत ने जवाब दिया, “हिजाब है सर।” इसके बाद सीएम ने कहा, “हटाइए इसे,” और खुद ही अपने हाथ से महिला का हिजाब हटाने का प्रयास किया।
इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन तब तक हिजाब हट चुका था।
Bihar CM Nitish Kumar pulled the hijab of a Muslim girl during a ceremony in Patna. Is this NDA’s ‘New India’? pic.twitter.com/0uHgWk4E8h
— Sheikh Nasir (@Sheikh_Nasir_) December 15, 2025
इस पूरे प्रकरण में आसपास मौजूद कुछ लोग हंसते भी नजर आए, जबकि डॉक्टर नुसरत असहज हो गई।
7 साल से हिजाब में कॉलेज आती थीं डॉक्टर नुसरत परवीन
नुसरत परवीन पटना के कदमकुआं स्थित राजकीय तिब्बी कॉलेज से बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (BUMS) की पढ़ाई कर रही हैं। उनके शिक्षकों के अनुसार:
- नुसरत पिछले 7 साल से लगातार हिजाब में ही कॉलेज आती रही हैं
- वह पढ़ाई में बहुत होशियार हैं और कॉलेज में किसी ने आज तक उनका चेहरा नहीं देखा था
- घटना के बाद से वह 4 दिन से कॉलेज नहीं आई हैं
- वह इस घटना से आहत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हैं
- 20 दिसंबर को वह अपनी नौकरी ज्वाइन करने की योजना बना रही हैं

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं – विपक्ष ने उठाए सवाल, सत्ता पक्ष चुप
इस मामले में बिहार की सत्तारूढ़ पार्टियां और एनडीए गठबंधन के सहयोगी लगभग चुप हैं, जबकि विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है:
- आरजेडी और कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है
- भाजपा नेताओं ने अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है
- गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के विवादित बयान आए हैं, जिन्होंने कहा, “मुसलमान भाड़ में जाए”
Delhi: On the viral video of Bihar Chief Minister Nitish Kumar allegedly removing a woman’s hijab, Union Minister Giriraj Singh says, “Nitish Kumar has not done anything wrong. If someone is going to collect an appointment letter, shouldn’t their face be visible? Is this an… pic.twitter.com/xDWOv9Apb5
— IANS (@ians_india) December 18, 2025
महिलाओं की निजता और धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल
यह मामला कई महत्वपूर्ण सवाल उठाता है:
- महिलाओं की शारीरिक स्वायत्तता: किसी भी महिला के कपड़ों को बिना अनुमति के छूना उसकी निजता का उल्लंघन है।
- धार्मिक स्वतंत्रता: भारत का संविधान हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार पोशाक पहनने की स्वतंत्रता देता है।
- सार्वजनिक व्यवहार: एक मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार से अधिक संवेदनशील व्यवहार की उम्मीद की जाती है।
- सामाजिक संदेश: इस तरह की घटनाएं समाज में विभाजन और तनाव बढ़ाने का काम करती हैं।

संवेदनशीलता और सम्मान की जरूरत
नीतीश कुमार के हिजाब खींचने की घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत जैसे बहुलवादी और धर्मनिरपेक्ष देश में सभी धर्मों और संस्कृतियों के प्रति सम्मान बेहद जरूरी है।
एक महिला की पसंद, उसकी धार्मिक मान्यताएं और उसकी निजता का सम्मान किया जाना चाहिए, खासकर तब जब बात एक सार्वजनिक प्रतिनिधि की हो।


