Trump Fake Certificate Bihar: बिहार में इन दिनों चुनावी हवाएं तेज हैं, और इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम अब बिहार के समस्तीपुर जिले के निवासी के तौर पर दर्ज हो गया है!
जी हां, यह कोई मजाक नहीं बल्कि सच्चाई है।
बिहार सरकार के आरटीपीएस (RTPS) पोर्टल पर किसी ने ट्रंप के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर दिया, और वह भी पूरे परिवार के विवरण के साथ!
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
क्या है पूरा मामला?
बिहार के मोहद्दीनगर ब्लॉक, समस्तीपुर से 29 जुलाई 2025 को एक आवेदन किया गया, जिसमें आवेदक का नाम “डोनाल्ड जॉन ट्रंप” लिखा गया था।
फॉर्म में ट्रंप के पिता का नाम फ्रेडरिक ट्रंप, माता का नाम मैरी ऐनी मैकलियोड और पता गांव हसनपुर, वार्ड 13, बाकरपुर पोस्ट ऑफिस दिया गया।
साथ ही, ईमेल आईडी के रूप में donaldtrumpofficial@gmail.com लिखा गया और कारण बताया गया कि यह प्रमाण पत्र वोटर आईडी बनवाने के लिए चाहिए।

कैसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा?
यह मामला तब सामने आया जब RTPS पोर्टल पर जारी निवास प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही थी।
यह पहली बार नहीं है जब आरटीपीएस पोर्टल पर ऐसे फर्जी आवेदन हुए हैं।
कुछ दिनों पहले कुत्ते (डाग बाबू) के नाम से प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद से ऐसे मामलों की बिहार में बाढ़ सी आ गई है।
अब तक सीएम नीतीश, राक्षस, भगवान राम, ट्रैक्टर, कौआ समेत अन्य नामों से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के कई संगीन मामले सामने आ चुके हैं।
लेकिन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के नाम से आवेदन ने प्रशासन की नींद उड़ा दी।
After ‘#dogbabu ‘ row, ‘Dogesh Babu’ surfaces: Bihar hit by second fake pet application pic.twitter.com/5wVUHEaNdJ
— Kiran Bala (@Bala1Kiran) July 30, 2025
प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
- 4 अगस्त 2025 को ही राजस्व अधिकारी ने इस आवेदन को रद्द कर दिया।
- साइबर थाना, समस्तीपुर में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
- पुलिस का मानना है कि यह विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश हो सकती है।
SIR विवाद क्या है?
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है।
इसी प्रक्रिया में विपक्ष का आरोप है कि सरकार विरोधियों के नाम वोटर लिस्ट से हटा रही है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी दावा किया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है।

डिजिटल सिस्टम पर सवाल
यह मामला एक बार फिर RTPS पोर्टल की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करता है।
कोई भी व्यक्ति बिना पहचान प्रमाण के सिर्फ स्वघोषणा देकर आवेदन कर सकता है, जिससे फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है।
अब क्या होगा?
- पुलिस साइबर जांच कर रही है कि किसने यह आवेदन किया।
- सरकार RTPS पोर्टल की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार कर रही है।
- विपक्ष ने चुनावी धांधली का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है।

यह मामला दिखाता है कि डिजिटल व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
अगर डोनाल्ड ट्रंप का निवास प्रमाण पत्र बन सकता है, तो कल कोई और भी ऐसा कर सकता है।
बिहार चुनाव से पहले यह विवाद सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।


