Bihar Election Congress Defeat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने शनिवार को दिल्ली में पहली औपचारिक समीक्षा बैठक बुलाई।
यह बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई, जिसमें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल और अजय माकन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बैठक में चुनाव नतीजों की पड़ताल की गई और पार्टी ने भाजपा पर चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दो हफ्तों के भीतर ‘ठोस सबूत’ पेश करने का ऐलान किया।
चुनाव प्रक्रिया में हुई ‘धांधली’
बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की जांच करना और भविष्य की रणनीति तय करना था।
सूत्रों के मुताबिक, नेताओं ने संगठनात्मक कमजोरियों, चुनावी रणनीति और गठबंधन में समन्वय की कमी जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बात करते हुए गंभीर आरोप लगाए।
The result that has come from Bihar is unbelievable for all of us. A 90% strike rate is unprecedented in Indian history.
We are collecting data and conducting a thorough analysis, and within 1 to 2 weeks, we will provide concrete proof.
This entire electoral process is… pic.twitter.com/VzZE70vsLK
— Congress (@INCIndia) November 15, 2025
उन्होंने कहा, “बिहार के चुनाव परिणाम पर न सिर्फ कांग्रेस, बल्कि बिहार की जनता और हमारे गठबंधन के साथी भी भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। हम पूरा डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और गहराई से विश्लेषण करेंगे। एक से दो हफ्तों में ठोस सबूत लेकर सामने आएंगे।”
वहीं, अजय माकन ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “चुनाव प्रक्रिया पर शुरू से ही सवाल हैं, इसलिए ऐसे नतीजे चौंकाने वाले हैं। कांग्रेस को 1984 में भी ऐसा स्ट्राइक रेट नहीं मिला था, जैसा इस बार बीजेपी को मिला है। कुछ तो गड़बड़ है। हमारे कार्यकर्ता लगातार बता रहे हैं कि कई जगह गड़बड़ियां हुई हैं।”
देश में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं और जब ऐसा होगा तो नतीजे इस तरह के अप्रत्याशित होंगे ही।
बिहार चुनाव में BJP का स्ट्राइक रेट 90% से ज्यादा है। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। दाल में कुछ तो काला है।
हमने अपने गठबंधन सहयोगियों से बात की है, उनका मानना है कि ये… pic.twitter.com/khcGRA2xje
— Congress (@INCIndia) November 15, 2025
चुनावी परिणाम: कांग्रेस का बुरा हाल
कांग्रेस ने इस चुनाव में 70 में से 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन महज 6 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।
यह उसके 2020 के प्रदर्शन से भी बदतर है, जब उसे 70 सीटों पर लड़कर 19 सीटें मिली थीं।
पार्टी का वोट शेयर भी 9.6% से घटकर 8.71% पर आ गया।
इसके विपरीत, एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की।
मैं बिहार के उन करोड़ों मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने महागठबंधन पर अपना विश्वास जताया।
बिहार का यह परिणाम वाकई चौंकाने वाला है। हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था।
यह लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। कांग्रेस… pic.twitter.com/0A8b0uvJun
— Congress (@INCIndia) November 14, 2025
हार के पीछे क्या रहे प्रमुख कारण?
आंतरिक चर्चाओं और विश्लेषणों के आधार पर कांग्रेस और महागठबंधन की इस बड़ी हार के कई कारण सामने आए हैं:
-
गठबंधन में एकता का अभाव: सबसे बड़ा झटका गठबंधन की अंदरूनी कलह से लगा। मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरुआती खिंचाव ने संदेश दिया कि आरजेडी और कांग्रेस एकमत नहीं हैं। आखिरी समय तक सीटों के बंटवारे को लेकर होने वाले झगड़ों ने स्थिति और बिगाड़ी।
-
आपस में टकराव: सबसे नुकसानदायक पहलू यह रहा कि 9 सीटों पर महागठबंधन की ही पार्टियों (कांग्रेस, आरजेडी, वाम दलों) ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए। इससे वोट बंट गए और एनडीए के उम्मीदवार आसानी से जीत गए। बछवाड़ा, बिहार शरीफ और राजापाकर जैसी सीटों पर ऐसा ही हुआ।
-
मुद्दों और वादों का असर न होना: महागठबंधन ने SIR (सामाजिक-आर्थिक जनगणना), ‘वोट चोरी’ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत जैसे मुद्दे उठाए, लेकिन वे जनता तक नहीं पहुंच पाए। वहीं, नौकरी, मुफ्त बिजली, गैस सिलेंडर और नकद हस्तांतरण जैसे वादे भी वोटरों को रास नहीं आए। राहुल गांधी का चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में गायब होना भी पार्टी के लिए नुकसानदायक रहा।
-
नीतीश कुमार का जुझारू प्रचार: महागठबंधन द्वारा ‘अचेत’ और ‘बीमार’ कहे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 25 दिनों में 181 रैलियां करके एक मजबूत और सक्रिय छवि पेश की, जिसने विपक्ष के आरोपों को ध्वस्त कर दिया।
“Will continue our fight against forces weakening democracy”: Mallikarjun Kharge accepts people’s mandate in Bihar
Read @ANI Story | https://t.co/y9iN2kSuVX#mallikarjunkharge #BiharElections #Congress pic.twitter.com/Bsm1fNSfU8
— ANI Digital (@ani_digital) November 14, 2025
आगे की राह
कांग्रेस अब अपने दावों को साबित करने के लिए आंकड़े और सबूत जुटाने में जुट गई है।
अगले दो सप्ताह इस मामले में निर्णायक साबित होंगे।
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी हार के लिए बाहरी कारणों के बजाय गठबंधन की आंतरिक कमजोरियों और रणनीतिक चूकों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है।
हम बिहार की जनता के फ़ैसले का सम्मान करते हुए, ऐसी ताक़तों के खिलाफ़ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे जो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर, लोकतंत्र को कमज़ोर करने में जुटी हैं।
हम चुनाव के परिणामों का गहराई से अध्ययन करेंगे और नतीजों के कारणों को समझने के बाद विस्तृत बात रखेंगे।
बिहार… pic.twitter.com/YxU7IIwb0t
— Congress (@INCIndia) November 14, 2025
बिहार की इस हार ने कांग्रेस और महागठबंधन के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब अगले कदमों से ही मिल पाएगा।


