Bihar Voter List: बिहार में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) बनाने और अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य की वोटर लिस्ट से लगभग 30 लाख नाम हटाए जाएंगे।
इनमें मृतक मतदाता, डुप्लीकेट एंट्री वाले लोग और वे लोग शामिल हैं जो बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में जा चुके हैं।
क्यों हटाए जा रहे हैं नाम?
चुनाव आयोग ने बताया कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) ने घर-घर जाकर सर्वे किया। इस दौरान पता चला कि:
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10.50 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
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14.53 लाख लोग BLO को मिले ही नहीं, क्योंकि वे स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए हैं।
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4.82 लाख लोगों के नाम दो जगह दर्ज थे (डुप्लीकेट एंट्री)।
इन तीनों श्रेणियों को मिलाकर कुल 29.86 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे।
2.93 करोड़ वोटर्स का होना है वेरिफिकेशन
- 27 जून वेरिफिकेशन की शुरुआत
- वोटर 2003 की लिस्ट में शामिल (इनका वेरिफिकेशन नहीं होगा)
- 2 करोड़ 93 लाख वोटर का वेरिफिकेशन किया जाएगा
- राजनीतिक दलों के करीब डेढ़ लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) इसमें लगे हैं
- इस काम में 2,25,590 कर्मचारी और स्वयंसेवक लगाए गए हैं
- इनमें से 81,753 प्रशासनिक कर्मचारी और 1,43,837 स्वयंसेवक शामिल हैं
- 98,498 मतदान केंद्रों पर BLO वेरिफिकेशन करवा रहे हैं
अभी भी 11% मतदाताओं ने फॉर्म नहीं भरा
बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से अब तक 6.60 करोड़ (88.18%) ने अपना फॉर्म जमा कर दिया है।
अभी भी 11.82% मतदाताओं ने फॉर्म नहीं भरा है।
चुनाव आयोग ने उनसे अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना फॉर्म भरें, ताकि उनका नाम 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल हो सके।
भागलपुर में 2 लाख वोटर्स के नाम कटेंगे
भागलपुर जिले में 2 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे। इसकी वजह यह है:
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31,985 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
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47,980 लोग स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए हैं।
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29,558 मतदाताओं के नाम डुप्लीकेट थे।
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89,711 मतदाता BLO को नहीं मिले।
कैसे भरें फॉर्म?
चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए कई सुविधाएं दी हैं:
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ऑनलाइन फॉर्म: https://voters.eci.gov.in या ECINet एप के जरिए।
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BLO को व्हाट्सएप/ऑनलाइन भेजें: फॉर्म भरकर सीधे BLO को भेजा जा सकता है।
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विशेष कैंप: 261 नगर निकायों के 5,683 वार्डों में कैंप लगाए गए हैं।
आयोग की अपील
चुनाव आयोग ने सभी योग्य मतदाताओं से अपील की है कि वे समय रहते अपना फॉर्म भरें, ताकि उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो सके।
अगर कोई व्यक्ति बिहार से बाहर है, तो वह सोशल मीडिया, अखबार या फोन के जरिए जानकारी प्राप्त कर सकता है।
स्क्रीनिंग के 4 नियम
- 1 वोटर का नाम अगर 2003 की लिस्ट में है, तो कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। सिर्फ फॉर्म भरना होगा।
- 2 1 जुलाई, 1987 से पहले जन्म हुआ है तो जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाण देना होगा।
- 3 1 जुलाई, 1987 से 2, दिसंबर 2004 के बीच जन्म हुआ तो जन्मतिथि और जन्मस्थान दोनों का प्रमाण देना होगा।
- 4 2 दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे तो जन्मतिथि, जन्मस्थान का प्रमाण और माता-पिता के दस्तावेज देने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट रिवीजन पर रोक लगाने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 10 जुलाई को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को भी पहचान के तौर पर स्वीकार करे।
वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
याचिकाकर्ताओं का आरोप: नागरिकता की जांच गलत
इस मामले में राजद सांसद मनोज झा, TMC सांसद महुआ मोइत्रा समेत 11 लोगों ने याचिकाएं दाखिल की थीं।
उनका आरोप था कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की समीक्षा करते हुए नागरिकता की जांच कर रहा है, जो कानून के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया नियमों को दरकिनार करके की जा रही है और इससे कई वैध मतदाताओं के नाम सूची से हट सकते हैं।


