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आधार कार्ड के बिना बिहार के इस गांव में नो एंट्री, नहीं मानी बात तो पड़ेंगे डंडे

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

No Entry Without Aadhar Card: बिहार के नवादा जिले का सुंदरा गांव इस वक्त सुर्खियों में है।

ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बाहर के लोगों को बिना आधार कार्ड दिखाए एंट्री नहीं मिल रही है।

और अगर कोई इस बात को नहीं मानता है तो उसे लाठी-डंडों से पीटा भी जाता है।

इसके पीछे की वजह और भी दिलचस्प है तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

चोरी से परेशान गांववालों ने लिया फैसला

दरअसल, पिछले कुछ समय से यहां चोरी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।

ऐसे में ग्रामीणों ने ये फैसला किया कि अब बाहर के किसी भी अनजान व्यक्ति को ऐसे ही गांव में एंट्री नहीं दी जाएगी।

और जिसे भी गांव में आना है उसे पहले अपना आधार कार्ड दिखाना होगा।

जबरदस्ती घुसने पर होती है पिटाई

अगर कोई अनजान आदमी गांव में एंट्री के वक्त आधार कार्ड नहीं दिखाता है और गांव में घुसने के लिए जबरदस्ती करता है तो उसकी जमकर पिटाई की जाती है।

हाथ में लाठी लेकर देते हैं रात में पहरा

सुंदरा गांव में चोरी की घटनाएं इतनी ज्यादा बढ़ गई हैं कि परेशान ग्रामीणों ने रात में पहरा देने का निर्णय लिया है।

ग्रामीणों ने सुरक्षा के लिए सात टीम बनाई हैं जो हाथ में लाठी, डंडे, मोबाइल और टार्च लेकर पहरा देती हैं।

गांव में चोरी से दहशत में आए गांववाले

जानकारी के मुताबिक, सुंदरा गांव में 3 सितंबर की रात को बसंत कुमार के घर चोरी हुई थी।

इस घटना के बाद से ही ग्रामीण दहशत में थे।

चोरी की इस घटना के बाद ग्रामीणों ने एक बैठक की और फैसला लिया कि गांव की सुरक्षा के लिए खुद ही कुछ करना होगा।

ग्रामीणों ने बताया कि चोरी की घटनाओं से परेशान होकर उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा।

आधार कार्ड के बिना नो एंट्री

सुंदरा गांव के गौतम कुमार ने बताया, ‘बसंत कुमार के घर 3 सितंबर की रात चोरी होने के बाद ग्रामीणों ने बैठक कर आपसी सहमति से अपने गांव की सुरक्षा के लिए टीम बनाई गई। इसमें हर घर से एक व्यक्ति को शामिल किया गया है।

रात में पहरा के लिए कुल सात टीम बनाई गई है। जिसमें ग्रामीण लाठी डंडे, मोबाइल और टार्च से लैस हैं।

गली, मोहल्ले, चौराहे, खलिहान में गश्त जारी है।

अपरिचित और बाहरी लोगों की पहचान की पुष्टि होने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जाता है।

संदिग्ध लगने पर सीधा पुलिस के पास- गौतम कुमार

उन्होंने आगे ये भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति आधार कार्ड दिखाने में आनाकानी करता है या संदिग्ध लगता है, तो उसे तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया जाता है।

सुंदरा गांव ही नहीं, आसपास के अन्य गांवों में भी ग्रामीणों ने रात में पहरा देना शुरू कर दिया है।

मरूई पंचायत के मानपुर, जागीर और राजा विगहा गांवों में भी ग्रामीण रात में गश्त कर रहे हैं।

रविवार की रात इन गांवों में कुछ संदिग्ध लोग देखे जाने के बाद से ग्रामीणों ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

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