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BJP विधायक बोले- ‘डिग्री से कुछ होने वाला नहीं, पंचर की दुकान खोल लें’

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
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BJP MLA Puncture Shop: गुना। मध्य प्रदेश के गुना के भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने ऐसी बात कह दी कि अब पार्टी-सरकार की अच्छी-खासी किरकरी हो रही है।

गुना से विधायक पन्नालाल शाक्य ने कॉलेजों की डिग्री को बेकार बताते हुए कॉलेज छात्रों को पंचर जोड़ने की दुकान खोलने की सलाह दे डाली।

विधायक पन्नालाल शाक्य रविवार को शासकीय कस्तूरबा कन्या महाविद्यालय में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर की मौजूदगी में विधायक शाक्य ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केवल एक बोध वाक्य पकड़ लेना।

(BJP MLA Puncture Shop) कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है। मोटरसाइकिल की पंचर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम जीवन-यापन होता रहे।

विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि मैं जो बात कहूंगा, वो साइंस के फॉर्मूले से और गणित के फॉर्मूले से समझ लेना।

महाविद्यालय और शिक्षण संस्थाएं कोई कंप्रेसर हाउस नहीं हैं, जिसमें डिग्री के हिसाब से हवा भर दी जाए और वो सर्टिफिकेट लेकर चला जाए।

वास्तव में शिक्षण संस्थाएं वे होती हैं, जिनमें ढाई अक्षर पढ़े सो पंडित होय, पोथी पढ़-पढ़ जगमुआ पंडित भया न कोय।

यह है भाजपा विधायक का पूरा भाषण –

ये जो महाविद्यालय है, शिक्षण संस्थाएं हैं, ये कोई कंप्रेसर हाउस नहीं हैं। जिसमें डिग्री के हिसाब से हवा भर दी जाए और वो सर्टिफिकेट लेकर चला जाए।

वास्तव में शिक्षण संस्थाएं वे होती हैं, जिनके ढाई अक्षर पढ़े सो पंडित होय, पोती पढ़ पढ़ जगमुआ पंडित भया न कोय।

एक विश्वविद्यालय वो था, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय कहा जाता था। इस कॉलेज में तो 18 हजार विद्यार्थी हैं।

नालंदा में 12 हजार थे और 1200 प्राचार्य थे। सिर्फ 11 लोगों ने नालंदा को जला दिया था। 12 हजार केवल ये सोचते रह गए कि मैं अकेला क्या करूंगा।

हिंदुस्तान का ज्ञान खत्म हो गया। क्या हम ऐसी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। ये प्रश्न वाचक चिन्ह है।

सबसे पहले उस पंचतत्व को बचाने की पूरी कोशिश करो, जिससे हमारा सब का शरीर बना है- जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी।

आज पर्यावरण को लेकर पूरे हिंदुस्तान में चिंता है। पानी को लेकर पूरे हिंदुस्तान में चिंता है।

जो प्रदूषण फैला है, उससे भी सब लोग चिंतित हैं। कोई आगे बढ़कर काम करने के लिए तैयार नहीं है।

पेड़ लगा दिया, रस्म अदा हो गई। कम से कम आदमी की ऊंचाई तक तो बढ़ाओ, तब पर्यावरण बचेगा।

अवैध रूप से नदी, नाला सब पर कब्जा हो गया है। सरकारी जमीन पर कब्जा हो गया है।

चरनोई की जमीन पर कब्जा हो गया है। इतने भूखे हो गए हम? इस स्तर पर हमने पर्यावरण दूषित कर दिया है।

प्रधानमंत्री श्रेष्ठ महाविद्यालय का हम शुभारंभ कर रहे हैं। मेरा आप सब से निवेदन है कि केवल एक बोध वाक्य पकड़ लेना।

ये कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है। मोटरसाइकिल की पंक्चर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन-यापन चलता रहे कॉलेज की डिग्री लेने के बाद।

पेड़ लगाने का व्रत रखते हो तो हजारों पेड़ खुद लगाओ और खुद उन्हें सिंचित करो।

हम यहां से पढ़ के निकल रहे हैं, पेड़ तो लगा दिया हमने, पानी डालने वाला कोई नहीं है तो कैसे बढ़ेगा।

मेरा आपसे निवेदन है, जरा लौट कर आओ भारतीय दर्शन की तरफ। हम सभी का कल्याण हो जाएगा।

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