नई दिल्ली/भोपाल। वादे-दावे और सियासत, ऐसा ही कुछ फलसफा है भारतीय राजनीति का। सियासी दल हमेशा से ही चुनावी बुखार में जनता को दावे रूपी दवा को वादों की चाशनी में पगाकर खिलाते है और खुद भले-चंगे हो जाने का जतन करते हैं। तभी तो बड़ी ही सूझ-बूझ से पर्चा यानि मेनिफेस्टो तैयार किया जाता है।
बीजेपी सत्ताधारी दल है। लिहाजा उसके प्रिस्क्रिप्शन यानि वही संकल्प पत्र जिसपर सबकी निगाहें खास तौर पर होती है, वो तैयार है और इसका उनवान (शीर्षक) है भाजपा का संकल्प मोदी की गारंटी।
अब इस गारंटी पर भाजपा कितना खरा उतरेगी, कितना नहीं; ये तो आने वाला समय बताएगा और उसके पहले तो चुनावी वैतरणी पार करना जरूरी है। बहरहाल संकल्प पत्र जारी करते हुए पीएम मोदी ने ये जरूर कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र का सभी को इंतजार रहता है। वो इसलिए कि पार्टी अपने वादे पूरा करती है।
खैर बीजेपी के दावे का आधार क्या है। 2019 में जो वादे भाजपा ने किए थे उनमें से कितने पूरे किए, कितने नहीं ये देखना दिलचस्प है क्योंकि फिलवक्त तो यही वो पैमाना है जिससे पता चलता है कि बीजेपी अपने वादों की कितनी पक्की है।
आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी ने 2019 में किए वादों में से पांच साल में 54 फीसदी वादे पूरे किए और 46 फीसदी आधे-अधूरे रह गए। बीजेपी के वादों में से जो पूरे हुए और जो अधूरे रह गए उनमें से कुछ खास वादे हैं जिनपर गौर फरमाना जरूरी है।
- 2019 में बीजेपी ने 50 पन्नों का संकल्प पत्र जारी किया था
- संकल्प पत्र में खास तौर से 85 वादे किए गए थे
- राष्ट्रीय सुरक्षा, जनकल्याण, अर्थव्यवस्था का वादा किया था
- महिला सशक्तिकरण, चिकित्सा, सुरक्षा और कृषि से जुड़े वादे किए थे
इन 85 वादों में से लेकिन 13 वादे ऐसे हैं जो बीजेपी के एजेंडे में बिलकुल फिट बैठते हैं और इनमें से 7 पूरे हो चुके हैं, 6 अधूरे रह गए या पूरे नहीं किए।
- बीजेपी ने अपने एजेंडे के मुताबिक 7 वादे पूरे किए
- सबसे प्रमुख संविधान के दायरे में राम मंदिर का निर्माण
- बीजेपी ने सिटीजन अमेंडमेंट बिल लाने का वादा पूरा किया
- धारा 370, 35 A के उन्मूलन का वादा पूरा किया
- सभी सार्वजनिक निकायों में वोटिंग के लिए एक मतदाता सूची का प्रयास
- तीन तलाक, निकाह और हलाला जैसी प्रथाओं के उन्मूलन के लिए कानून लाई सरकार
- संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का वादा पूरा किया
- भारत गौरव अभियान की शुरूआत की
ये तो थे वो खास वादे जो बीजेपी ने 2019 में सरकार में आने के बाद पूरे किए। अब वो बात जो बीजेपी ने कही जरूर लेकिन पूरी नहीं की
- घुसपैठ प्रभावित क्षेत्रों में NRC लागू करने का वादा पूरा नहीं किया
- एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों की सहमति का प्रयास का वादा नहीं निभाया
- समान नागरिक संहिता बनाने का वादा पूरा नहीं किया
- 2022 तक स्वच्छ गंगा का लक्ष्य पूरा नहीं किया
- भ्रष्टाचार मुक्त भारत का वादा पूरा नहीं हुआ
- भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत लाने में असफल रही सरकार
कुल जमा इन मुख्तसर और अहम वादों से पता चलता है कि बीजेपी देश के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए कितनी सजग और सतर्क है। ऐसा बिलकुल नहीं कहा जा सकता कि बीजेपी ने जो कहा वो पूरा नहीं किया।
एक और नए संकल्प पत्र के साथ भाजपा चुनाव मैदान में है और इस बार तो मोदी का गारंटी कार्ड भी साथ में चस्पा है। लिहाजा बीजेपी को भरोसा है इस बार भी वो देश में कमल खिलाएगी।
लेकिन, ये भी देखना होगा कि विपक्षी दल भी खासतौर से कांग्रेस भी तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की तर्ज पर वादों की भरमार करने में पीछे नहीं है।
हां इतना अंतर जरूर है कि वादों को पूरा करने में कांग्रेस को सत्ता में आना होगा और बीजेपी सत्ता में आ चुकी है, ये मानकर चल रही है। ऐसे में किसे मिलेगा वादों को पूरा करने का मौका, ये चंद हफ्तों बाद खुद ही पता चल जाएगा।