Machli Family Bulldozer Action: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 21 अगस्त की सुबह का नजारा किसी एक्शन थ्रिलर फिल्म जैसा था।
हथईखेड़ा इलाके में जहां एक ओर जेसीबी और पोकलेन मशीनों की आवाज़ गूंज रही थी, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की मौजूदगी थी।
यह सब कुछ हो रहा था ड्रग्स तस्करी और कॉलेज छात्राओं से जुड़े दुष्कर्म मामले के आरोपी ‘मछली’ परिवार की उस आलीशान तीन मंजिला कोठी के इर्द-गिर्द, जिसे देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेता था।
प्रशासन का बुलडोजर इसलिए चला क्योंकि ये शानदार इमारत सरकारी ज़मीन पर बनी थी।
30 से भी ज़्यादा कमरे, जानें कैसी थी कोठी?
मछली परिवार की यह हवेली किसी सपने से कम नहीं थी।
- करीब 15,000 स्क्वायर फीट में फैली यह तीन मंजिला इमारत अपने आप में एक छोटा शहर लगती थी।
- इसमें 30 से भी ज़्यादा कमरे थे।
- एक शानदार गैरेज, हरियाली से भरा एक बगीचा, झूला घर और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं इसकी शान बढ़ा रही थीं।
- इस संपत्ति की कीमत लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये आंकी गई थी और पूरा निर्माण लगभग एक एकड़ के दायरे में फैला हुआ था।
- कोठी 1990 में बनाई थी।
लेकिन, इसकी सबसे बड़ी खामी यह थी कि यह पूरी की पूरी इमारत सरकारी ज़मीन पर बनी थी, जिस पर परिवार ने अवैध कब्जा कर रखा था।


कार्रवाई का तरीका
गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे प्रशासनिक अमला और भारी पुलिस बल वहां पहुंचा।
इस दौरान 400 से ज्यादा पुलिसकर्मी, जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
कार्रवाई शुरू होने से पहले इमारत में बचा हुआ सामान बाहर निकाला गया और फिर 6 JCB और पोकलेन मशीनों ने इसे ढहाना शुरू कर दिया।
हालांकि, मछली परिवार के वकीलों ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
भोपाल : मछली परिवार की कोठी पर चला बुलडोजर
◆ ड्रग तस्करी और रेप केस के आरोपियों की 100 करोड़ की अवैध संपत्ति ध्वस्त
◆50 एकड़ में किया था अवैध कब्जा#bhopal #drugcase #bulldozeraction #LoveJihad #MachliFamily #DrugMafia #BhopalPolice @CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/OdZvflFUrY— news puran (@Dharmapuran) August 21, 2025
नोटिस के बाद हुई कार्रवाई या जल्दबाजी?
उनका कहना है कि प्रशासन ने बिना औपचारिक नोटिस दिए ही बुलडोजर चला दिया, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि किसी भी संपत्ति को गिराने से पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होता है, जो यहाँ नहीं हुआ।
वहीं दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि 30 जुलाई को ही इस कोठी को सील कर दिया गया था और परिवार को अपना सामान बाहर निकालने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था।
एसडीएम विनोद सोनकिया ने बताया कि नियमानुसार दी गई अवधि खत्म होने के बाद ही इमारत को गिराने का काम शुरू किया गया है।

सिर्फ एक कोठी नहीं, 100 करोड़ की अवैध संपत्ति पर हमला
यह पहली बार नहीं है जब मछली परिवार की अवैध संपत्तियों पर प्रशासन का बुलडोजर चला है।
30 जुलाई को भी प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हथईखेड़ा में ही मछली परिवार के 6 अवैध निर्माणों को ढहाया था। इनमें एक और आलीशान फार्म हाउस, वेयरहाउस, फैक्ट्री और एक मदरसा शामिल था।
हैरान करने वाली बात यह है कि इन सभी निर्माणों के लिए उन्होंने करीब 50 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। इ
न अवैध संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
#WATCH | Madhya Pradesh: Properties belonging to the ‘Machli’ family being demolished in Bhopal for their alleged involvement in the drug trade. pic.twitter.com/IJfhodEWEJ
— ANI (@ANI) August 21, 2025
आखिर कौन है मछली परिवार और क्या है आरोप?
यह पूरा मामला भोपाल में एक कॉलेज छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की घटना से शुरू हुआ।
इस मामले में मुख्य आरोपी शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन मछली को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से नशीली दवाएं (MD ड्रग्स) और एक अवैध हथियार भी बरामद हुआ था।
पुलिस जांच में पता चला कि यासीन के मोबाइल में कई ऐसे वीडियो थे, जिनमें वह नाबालिगों को निर्वस्त्र करके पीटता हुआ दिख रहा था।
साथ ही, कई युवतियों के अश्लील वीडियो भी मिले।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी राजस्थान से ड्रग्स मंगवाकर भोपाल के अलग-अलग पब्स और लाउंज में सप्लाई करते थे।
बाद में, शाहवर के चाचा शारिक मछली को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी हस्तक्षेप किया है और पुलिस जांच को लापरवाह और अधूरा बताया है, जिसके बाद जांच के दायरे को और बढ़ाया गया है।


आज की कार्रवाई सिर्फ एक इमारत गिराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है जो अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा कर शानो-शौकत की जिंदगी जी रहे हैं।
प्रशासन की कोशिश है कि कानून का राज कायम रहे और किसी की भी ऊंची इमारत उसे कानून से ऊपर न खड़ा होने दे।
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