Not Salary For 4 Months: बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में बीते 4 महीने से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी है।
साथ ही वाल्मीकि जयंती पर छुट्टी नहीं देने से भी वे नाराज हैं और उन्होंने नगर निगम का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान कर्मचारियों ने कमिश्नर-महापौर मुर्दाबाद के नारे भी खूब लगाए।
बताया जा रहा है कि नगर निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी ने सफाई कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा में बात की।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कहा कि किसी कर्मचारी की मृत्यु भी होती है तो कर्मचारियों को काम पर आना पड़ेगा।
इससे बीते 4 माह से वेतन नहीं मिलने से खफा कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा।
नाराज सफाई कर्मचारी और संगठन पदाधिकारी नगर निगम कार्यालय पहुंचे और विरोध दर्ज किया।
कलेक्टर-एसपी को सौंपा ज्ञापन –
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन की ओर से कलेक्टर, एसपी, थाना प्रभारी कोतवाली, राज्य मानव अधिकार आयोग के नाम उपायुक्त शैलेष गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में नगर निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी गणेश पाटिल द्वारा कर्मचारियों को पूजा पाठ करने से रोके जाने की बात कही गई है।
अकसर उनके द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
कहा जाता है कि कर्मचारी की मौत के बाद भी अवकाश नहीं दिया जाएगा।
कुछ कर्मचारी अवकाश लेकर धार्मिक यात्रा पर गए थे तो उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया।
वाल्मीकि जयंती पर था अवकाश, फिर भी काम पर बुलाया –
ज्ञापन में कहा गया है कि महर्षि वाल्मीकि जयंती पर अवकाश था, लेकिन कर्मचारियों को काम पर बुलाया गया।
इस दौरान अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के प्रदेश प्रचार मंत्री सतीश गोहर, जिलाध्यक्ष राजेश कछवाये, मनोज करोसिया सहित काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन प्रदेश संगठन मंत्री कालू जंगाले बताते हैं कि इससे पहले जब हड़ताल की गई थी तब उन्हें 7 दिन का समय दिया गया था।
लेकिन, आज तक उन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया गया।
वे बताते हैं कि नए प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी का व्यवहार ठीक नहीं है।
गुरुवार को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर भी कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी गई।
तीर्थ पर जाने से पहले छुट्टी का आवेदन दिए जाने के बाद भी कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
Not Salary For 4 Months: 4 माह से वेतन नहीं और धांधली का भी आरोप –
4 माह का वेतन बकाया है और ठेकेदार द्वारा कर्मचरियों को 12 हजार की जगह 7 हजार रूपये वेतन दिया जा रहा है।
इतना कम वेतन दिये जाने की जांच होना चाहिए।
ठेकेदार पर बिना टेंडर किए ही डेढ़ साल से काम करने का भी आरोप लगाया गया है।
इसके साथ ही एक ठेकेदार ने पहले 2 माह का वेतन रोका था जो अब तक नहीं दिया गया।
गुरुवार को कर्मचारियों से शाम 7 बजे तक काम कराया गया।
कर्मचारियों की मांग है कि ऐसे अधिकारी को तत्काल नहीं हटाया गया तो वे मंगलवार से भूख हड़ताल करेंगे।
इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो वे काम बंद हड़ताल करेंगे।
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