Canada Visitor Visa: कनाडा और भारत के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच ट्रूडो सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे भारतीयों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, ट्रूडो सरकार ने विजिटर वीजा के नियमों में बड़े बदलाव कर दिए है, जिसके मुताबिक अब किसी को भी कनाडा का 10 साल का विजिटर वीजा नहीं दिया जाएगा।
कनाडा ने मल्टीपल वीजा एंट्री को बंद कर दिया है। अब कनाडा जाने वालों को बार-बार वीजा के लिए आवेदन करना होगा। इसके पहले 10 साल तक वीजा के लिए वीजा आवेदन से छूट मिलती थी।
इसके साथ ही कनाडा सरकार ने भारतीय नागरिकों के विजिटर वीजा की अवधि को घटाकर 1 महीने तक सीमित कर दिया गया है। वहीं विजिटर वीजा को सीधे वर्क वीजा में बदलने का प्रावधान कर दिया गया है।
यह कदम कनाडा सरकार द्वारा वीजा सिस्टम में कड़े प्रावधान लागू करने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे लंबी अवधि के वीजा की सुविधा भारतीय नागरिकों के लिए समाप्त हो जाएगी।
मल्टी एंट्री वीजा बंद
कनाडा ने पर्यटक वीजा नीति में बड़ा बदलाव किया है। देश में नियमित रूप से 10 साल मल्टी एंट्री वीजा को बंद कर दिया गया है।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने गुरुवार को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, जिसके तहत अधिकारियों को विवेकाधिकार दिया गया है।
इसके तहत अधिकारी विस्तारित अवधि के बजाय व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार पर कम अवधि के वीजा जारी करेंगे।
कनाडा में बड़े प्रवासी समूह के रूप में भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर होगा।
बदलाव का क्या होगा असर?
यह बदलाव उन भारतीयों के लिए खासकर मुश्किल साबित हो सकता है, जो लंबे समय के लिए कनाडा में रहकर अपने परिवार और दोस्तों से मिलने या अन्य कामकाज के लिए जाना चाहते थे।
आईआरसीसी ने बदलावों के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह अस्थायी इमिग्रेशन के स्तरों को प्रबंधित करने, आवास की कमी को दूर करने और जीवन की बढ़ती लागत को नियंत्रित करने के उद्येश्य से एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
इस बदलाव का मतलब है कि कनाडा में बार-बार आने वालों को अब कम अवधि के वीजा का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो नियमित रूप से काम का छुट्टी मनाने के लिए यात्रा करते हैं।
पहले क्या था नियम?
पिछली प्रणाली के तहत आईआरसीसी दो तरह के वीजा जारी करता था- मल्टीपल एंट्री और सिंगल एंट्री। हालांकि, आवेदकों को उनके बीच चुनाव करने की जरूरत नहीं थी। सभी आवेदकों को स्वचालित रूप से मल्टीपल एंट्री वीजा के लिए माना जाता था।
इससे कनाडा आने वालों वीजा की वैधता अवधि के बीच में कई बार कनाडा में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। यह 10 साल तक या पासपोर्ट की अवधि समाप्त होने तक में जो पहले हो, उस समय तक हो सकती थी।
सिंगल एंट्री वीजा वाले यात्री केवल एक बार कनाडा में प्रवेश कर सकते थे। ये वीजा आम तौर पर खास मामलों के लिए रिजर्व थे, जैसे कि शुल्क छूट के लिए पात्र विदेशी नागरिकों की आधिकारिक यात्राएं, कनाडा में एक बार के आयोजनों में भागीदारी जैसे मामले।
सिंगल एंट्री वीजा धारक अगर कनाडा छोड़ देते थे, तो उन्हें आम तौर पर फिर से प्रवेश के लिए एक नए वीजा की आवश्यकता होती थी।
वर्क परमिट नियमों में भी बदलाव
कनाडा में पढ़ाई के बाद वर्क परमिट नियमों में बदलाव किए गए हैं, जो 1 नवंबर 2024 से लागू हो चुके हैं।
इन नए नियमों के तहत पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट प्राप्त करने के लिए छात्रों को अब नई शर्तों को पूरा करना होगा।
1. भाषा:
कनाडा में अब PGWP के लिए आवेदन करने से पहले छात्र की भाषा दक्षता का मूल्यांकन महत्वपूर्ण होगा।
कनाडा का इमिग्रेशन विभाग (IRCC) छात्रों के भाषा कौशल को प्राथमिकता देगा ताकि वे स्थानीय लेबर मार्केट की जरूरतों को पूरा कर सकें।
2. विषय का महत्व:
अब यह देखा जाएगा कि छात्र ने किस विषय में पढ़ाई की है। जिन क्षेत्रों में कनाडा को कुशल कार्यबल की अधिक आवश्यकता है, उन विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह कदम कनाडा की अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यबल को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
3. पुराने मानदंड जारी रहेंगे:
हालांकि, कुछ पुराने मानदंड अभी भी लागू रहेंगे। इनमें छात्रों का कनाडा में मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान (DLI) से पढ़ाई पूरी करना, कोर्स की न्यूनतम अवधि पूरी करना और वर्क परमिट के लिए निर्धारित अन्य शर्तें शामिल हैं।
कनाडा सरकार का उद्देश्य इन बदलावों के माध्यम से विदेशी छात्रों को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करना है, जिससे वे कनाडा की लेबर मार्केट की मांगों के अनुरूप काम कर सकें।