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17 फरवरी से शुरू होंगे CBSE बोर्ड के 10वीं-12वीं के एग्जाम, अब से 2 बार होगी दसवीं की परीक्षा

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

CBSE Board Exam 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अकादमिक सत्र 2025-26 के लिए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है।

इस साल का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा अब एक ही साल में दो बार आयोजित की जाएगी।

इस नई व्यवस्था का लक्ष्य छात्रों पर पड़ने वाले तनाव को कम करना और उन्हें अपना प्रदर्शन सुधारने का एक अतिरिक्त मौका देना है।

परीक्षाओं की तारीखों पर एक नजर

CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी, 2026 से शुरू होंगी। विभिन्न कक्षाओं के लिए तारीखों का कार्यक्रम इस प्रकार है:

  • कक्षा 10वीं की पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 6 मार्च, 2026 तक चलेगी।
  • कक्षा 10वीं की दूसरी (वैकल्पिक) परीक्षा: 15 मई से 1 जून, 2026 तक आयोजित की जाएगी।
  • कक्षा 12वीं की परीक्षा: 17 फरवरी से 9 अप्रैल, 2026 तक चलेगी। ध्यान रहे, 12वीं की परीक्षा साल में एक बार ही होगी।

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10वीं की दो बार परीक्षा क्यों?

यह नया नियम 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगा, यानी 2026 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से।

आइए, इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानते हैं:

1. क्या दोनों बार परीक्षा देना जरूरी है?

बिल्कुल नहीं। छात्रों के पास तीन विकल्प होंगे:

  • पहले की तरह साल में केवल एक बार (फरवरी-मार्च में) परीक्षा देना।
  • दोनों परीक्षाओं में शामिल होना।
  • अगर किसी विषय में पहली बार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, तो केवल उन्हीं चुनिंदा विषयों की परीक्षा दूसरी बार (मई-जून में) देना।

2. रिजल्ट कैसे तय होगा अगर कोई छात्र दोनों बार परीक्षा देता है?

जो छात्र दोनों बार परीक्षा में बैठेंगे, उनका अंतिम परिणाम दोनों में से बेहतर प्रदर्शन के आधार पर तय किया जाएगा।

उदाहरण के लिए, अगर किसी छात्र के पहले Attempt में गणित में 75 अंक आए और दूसरे Attempt में 82 अंक आए, तो फाइनल मार्कशीट में 82 अंक ही जोड़े जाएंगे।

इससे भी अच्छी बात यह है कि अगर दूसरी बार परीक्षा देने पर किसी विषय के नंबर पहले से कम आते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है।

ऐसी स्थिति में पहली बार के अंक ही मान्य होंगे।

इस तरह, छात्रों के पास केवल सुधार का मौका होगा, नुकसान का नहीं।

3. क्या अब सप्लीमेंट्री परीक्षाएं भी होंगी?

नहीं। कक्षा 10वीं के लिए सप्लीमेंट्री परीक्षाओ की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा।

दो मुख्य परीक्षाओं का विकल्प ही सप्लीमेंट्री का स्थान लेगा।

4. परीक्षा केंद्र और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी?

  • परीक्षा केंद्र: दोनों परीक्षाओं के लिए छात्र का परीक्षा केंद्र एक ही रहेगा।
  • रजिस्ट्रेशन: रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी केवल एक बार ही करनी होगी। हालांकि, अगर कोई छात्र दो बार परीक्षा देने का विकल्प चुनता है, तो उससे संबंधित अतिरिक्त फीस एक साथ ही ली जाएगी।

5. क्या प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी दो बार होंगी?

नहीं। प्रैक्टिकल (व्यावहारिक) और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) की परीक्षाएं पहले की तरह ही साल में एक बार होंगी।

इन्हें दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 के बीच आयोजित किया जाएगा।

दोनों बार की लिखित परीक्षाओं के लिए यह प्रैक्टिकल/इंटरनल अंक एक समान ही लागू होंगे।

किन्हें मिलेगा दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति? 

दूसरी (वैकल्पिक) परीक्षा में बैठने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं:

  • छात्र दूसरी परीक्षा में विज्ञान (Science), गणित (Mathematics), सामाजिक विज्ञान (Social Science) और भाषाओं (Languages) में से अधिकतम तीन विषयों में अपने अंक सुधार सकेंगे।
  • विंटर-बाउंड स्कूलों (ऐसे स्कूल जो सर्दियों में बंद रहते हैं) के छात्रों को विशेष राहत दी गई है। वे दोनों परीक्षाओं में से किसी एक को चुन सकते हैं, जो उनकी सुविधा के अनुसार हो।
  • एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में तीन या तीन से अधिक विषयों में बिल्कुल भी शामिल नहीं होता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह नियम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि छात्र पहली परीक्षा को गंभीरता से लें।

मूल्यांकन प्रक्रिया और पारदर्शी होगी

निर्देश हैं कि प्रत्येक विषय की परीक्षा के लगभग 10 दिन बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू होगा और इसे 12 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।

उदाहरण के तौर पर, अगर कक्षा 12वीं की भौतिक विज्ञान (Physics) की परीक्षा 20 फरवरी, 2026 को है, तो इसका मूल्यांकन 3 मार्च, 2026 से शुरू होकर 15 मार्च, 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।

एक सकारात्मक कदम

इस नई व्यवस्था की कल्पना शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अगस्त 2024 में की थी।

उन्होंने कहा था कि जिस तरह इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा JEE साल में दो बार आयोजित होती है और छात्रों को बेहतर स्कोर का मौका मिलता है, उसी तर्ज पर 10वीं के छात्रों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए।

फरवरी 2025 में शिक्षा मंत्रालय ने CBSE, NCERT और अन्य शैक्षिक संस्थानों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई।

यह बदलाव छात्र-केंद्रित शिक्षा नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण और स्वागतयोग्य कदम माना जा रहा है।

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